क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - हिंदी अनुवाद * - अनुवादों की सूची

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अर्थों का अनुवाद आयत: (116) सूरा: सूरा अन्-निसा
اِنَّ اللّٰهَ لَا یَغْفِرُ اَنْ یُّشْرَكَ بِهٖ وَیَغْفِرُ مَا دُوْنَ ذٰلِكَ لِمَنْ یَّشَآءُ ؕ— وَمَنْ یُّشْرِكْ بِاللّٰهِ فَقَدْ ضَلَّ ضَلٰلًا بَعِیْدًا ۟
निःसंदेह अल्लाह अपने साथ साझी ठहराए जाने को क्षमा[78] नहीं करेगा और इससे कमतर पाप जिसके लिए चाहेगा, क्षमा कर देगा। तथा जो अल्लाह का साझी बनाता है, वह यक़ीनन भटककर बहुत दूर जा पड़ा।
78. अर्थात शिर्क (मिश्रणवाद) अक्षम्य पाप है।
अरबी तफ़सीरें:
 
अर्थों का अनुवाद आयत: (116) सूरा: सूरा अन्-निसा
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पवित्र क़ुरआन के अर्थों का हिन्दी अनुवाद, अनुवादक : अज़ीज़ुल हक़ उमरी

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