क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - हिंदी अनुवाद * - अनुवादों की सूची

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अर्थों का अनुवाद आयत: (66) सूरा: सूरा अन्-निसा
وَلَوْ اَنَّا كَتَبْنَا عَلَیْهِمْ اَنِ اقْتُلُوْۤا اَنْفُسَكُمْ اَوِ اخْرُجُوْا مِنْ دِیَارِكُمْ مَّا فَعَلُوْهُ اِلَّا قَلِیْلٌ مِّنْهُمْ ؕ— وَلَوْ اَنَّهُمْ فَعَلُوْا مَا یُوْعَظُوْنَ بِهٖ لَكَانَ خَیْرًا لَّهُمْ وَاَشَدَّ تَثْبِیْتًا ۟ۙ
और यदि हम उनपर[47] अनिवार्य कर देते कि अपने आपको को क़त्ल करो या अपने घरों से निकल जाओ, तो उनमें से कुछ लोगों के सिवा कोई भी ऐसा नहीं करता। और यदि वे लोग उसका पालन करते जिसकी उन्हें नसीहत की जाती है, तो यह उनके लिए बेहतर और (सच्चे रास्ते पर) अधिक दृढ़ता का कारण होता।
47. अर्थात जो दूसरों से निर्णय कराते हैं।
अरबी तफ़सीरें:
 
अर्थों का अनुवाद आयत: (66) सूरा: सूरा अन्-निसा
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पवित्र क़ुरआन के अर्थों का हिन्दी अनुवाद, अनुवादक : अज़ीज़ुल हक़ उमरी

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