क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - हिंदी अनुवाद * - अनुवादों की सूची

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अर्थों का अनुवाद आयत: (8) सूरा: सूरा अश़्-शूरा
وَلَوْ شَآءَ اللّٰهُ لَجَعَلَهُمْ اُمَّةً وَّاحِدَةً وَّلٰكِنْ یُّدْخِلُ مَنْ یَّشَآءُ فِیْ رَحْمَتِهٖ ؕ— وَالظّٰلِمُوْنَ مَا لَهُمْ مِّنْ وَّلِیٍّ وَّلَا نَصِیْرٍ ۟
और यदि अल्लाह चाहता, तो अवश्य उन्हें एक समुदाय[6] बना देता। परंतु वह जिसे चाहता है अपनी रहमत में दाख़िल करता है और ज़ालिमों का न तो कोई दोस्त है और न कोई मददगार।
6. अर्थात एक ही सत्धर्म पर कर देता। किंतु उसने प्रत्येक को अपनी इच्छा से सत्य या असत्य को अपनाने की स्वाधीनता दे रखी है। और दोनों का परिणाम बता दिया है।
अरबी तफ़सीरें:
 
अर्थों का अनुवाद आयत: (8) सूरा: सूरा अश़्-शूरा
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पवित्र क़ुरआन के अर्थों का हिन्दी अनुवाद, अनुवादक : अज़ीज़ुल हक़ उमरी

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