क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - हिंदी अनुवाद * - अनुवादों की सूची

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अर्थों का अनुवाद आयत: (204) सूरा: सूरा अल्-आराफ़
وَاِذَا قُرِئَ الْقُرْاٰنُ فَاسْتَمِعُوْا لَهٗ وَاَنْصِتُوْا لَعَلَّكُمْ تُرْحَمُوْنَ ۟
और जब क़ुरआन पढ़ा जाए, तो उसे ध्यानपूर्वक सुनो तथा मौन साध लो। ताकि तुमपर दया[76] की जाए।
76. यह क़ुरआन की एक विशेषता है कि जब भी उसे पढ़ा जाए, तो मुसलमान पर अनिवार्य है कि वह ध्यान लगाकर अल्लाह का कलाम सुने। हो सकता है कि उसपर अल्लाह की दया हो जाए। काफ़िर कहते थे कि जब क़ुरआन पढ़ा जाए तो सुनो नहीं, बल्कि शोर-गुल करो। (देखिए : सूरत ह़ा-मीम सज्दा : 26)
अरबी तफ़सीरें:
 
अर्थों का अनुवाद आयत: (204) सूरा: सूरा अल्-आराफ़
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पवित्र क़ुरआन के अर्थों का हिन्दी अनुवाद, अनुवादक : अज़ीज़ुल हक़ उमरी

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