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क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - हिंदी अनुवाद - अज़ीज़ुल हक़ उमरी * - अनुवादों की सूची

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अर्थों का अनुवाद आयत: (36) सूरा: अल्-क़ियामह
اَیَحْسَبُ الْاِنْسَانُ اَنْ یُّتْرَكَ سُدًی ۟ؕ
क्या इनसान समझता है कि उसे यूँ ही बेकार छोड़ दिया जायेगा?[11]
11. अर्थात न उसे किसी बात का आदेश दिया जाएगा और न रोका जाएगा और न उससे कर्मों का ह़िसाब लिया जाएगा।
अरबी तफ़सीरें:
 
अर्थों का अनुवाद आयत: (36) सूरा: अल्-क़ियामह
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क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - हिंदी अनुवाद - अज़ीज़ुल हक़ उमरी - अनुवादों की सूची

अज़ीज़ुल हक़ उमरी ने इसका अनुवाद किया है।

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