क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - الترجمة الفلبينية الإيرانيونية * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (40) सूरा: सूरा अन्-नम्ल
قَالَ ٱلَّذِي عِندَهُۥ عِلۡمٞ مِّنَ ٱلۡكِتَٰبِ أَنَا۠ ءَاتِيكَ بِهِۦ قَبۡلَ أَن يَرۡتَدَّ إِلَيۡكَ طَرۡفُكَۚ فَلَمَّا رَءَاهُ مُسۡتَقِرًّا عِندَهُۥ قَالَ هَٰذَا مِن فَضۡلِ رَبِّي لِيَبۡلُوَنِيٓ ءَأَشۡكُرُ أَمۡ أَكۡفُرُۖ وَمَن شَكَرَ فَإِنَّمَا يَشۡكُرُ لِنَفۡسِهِۦۖ وَمَن كَفَرَ فَإِنَّ رَبِّي غَنِيّٞ كَرِيمٞ
40. Pitharo o (Ashif lbnu Bar­ kiya a) adun a shisi-i Rukaniyan a Kata-o ko Kitab: A Sakun i maka­wit Ruka on sa di pun makandod si­ i Ruka so Kailaingka! Na kagiya a mailai Niyan a makabubukun ko obai Niyan, na Miyatharo lyan: A giya-i na pud ko Limo o Kadnan ko!- Ka ithupung lyan Rakun o ino Phanalamat Ako antawa-a Ma­ gongkir Ako! Na sa dun sa Man­alamat , na Mata-an ! A so Kapuphanalamat iyan na bagiyan o ginawa niyan; na sa dun sa Mongkir, na Mata-an! A so Kad­nan Ko na Kawasa, a Maginawa!
अरबी तफ़सीरें:
 
अर्थों का अनुवाद आयत: (40) सूरा: सूरा अन्-नम्ल
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ترجمة معاني القرآن الكريم إلى اللغة الفلبينية الإيرانيونية ، ترجمها الشيخ عبد العزيز غرو عالم سارو منتانج.

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