क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - स्वाहीली अनुवाद - अब्दुल्लाह मुहम्मद तथा नासिर ख़मीस * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (43) सूरा: सूरा सबा
وَإِذَا تُتۡلَىٰ عَلَيۡهِمۡ ءَايَٰتُنَا بَيِّنَٰتٖ قَالُواْ مَا هَٰذَآ إِلَّا رَجُلٞ يُرِيدُ أَن يَصُدَّكُمۡ عَمَّا كَانَ يَعۡبُدُ ءَابَآؤُكُمۡ وَقَالُواْ مَا هَٰذَآ إِلَّآ إِفۡكٞ مُّفۡتَرٗىۚ وَقَالَ ٱلَّذِينَ كَفَرُواْ لِلۡحَقِّ لَمَّا جَآءَهُمۡ إِنۡ هَٰذَآ إِلَّا سِحۡرٞ مُّبِينٞ
Na wanaposomewa makafiri wa Makkah aya za Mwenyezi Mungu zikiwa wazi wao wanasema, «Hakuwa Muhammad isipokuwa ni mtu anayependa kuwakataza nyinyi kuwaabudu waungu ambao baba zenu walikuwa wakiwaabudu,» na wanasema, «Haikuwa hii Qur’ani isipokuwa ni urongo uliozuliwa, umeuleta wewe mwenyewe na sio kuwa unatoka kwa Mwenyezi Mungu.» Na makafiri walisema kuhusu Qur’ani ilipowajia, «Haikuwa hii isipokuwa uchawi uliojitokeza wazi.»
अरबी तफ़सीरें:
 
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पवित्र क़ुरआन के अर्थों का सवाहिली अनुवाद, अनुवादक : डॉ. अब्दुल्लाह मुहम्मद अबू बक्र तथा शैख़ नासिर ख़मीस

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