क़ुरआन के अर्थों का अनुवाद - ताजिक अनुवाद - खाजा मीरोफ़ खाजा मीर * - अनुवादों की सूची


अर्थों का अनुवाद आयत: (45) सूरा: सूरा अल्-क़सस
وَلَٰكِنَّآ أَنشَأۡنَا قُرُونٗا فَتَطَاوَلَ عَلَيۡهِمُ ٱلۡعُمُرُۚ وَمَا كُنتَ ثَاوِيٗا فِيٓ أَهۡلِ مَدۡيَنَ تَتۡلُواْ عَلَيۡهِمۡ ءَايَٰتِنَا وَلَٰكِنَّا كُنَّا مُرۡسِلِينَ
45. Вале Мо аз он пас (баъди Мӯсо) наслҳоеро биёфаридем, ки умри дароз ёфтанд. Пас аҳди Аллоҳро фаромӯш карданд ва амрашро тарк намуданд. Ва ту дар миёни мардуми Мадян муқим набудӣ, ки оёти Моро бар онҳо бихонӣ. Вале Мо будем, ки ба сӯи ту онро ваҳй гуфтем ва барои мардум туро ба паёмбарӣ фиристодем[1886].
[1886]Тафсири ибни Касир 6\240
अरबी तफ़सीरें:
 
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पवित्र क़ुरआन के अर्थों का ताजिकी अनुवाद, अनुवादक : खाजा मीरोफ़ खाजा मीर। संशोधन का काम रुव्वाद अनुवाद केंद्र की निगरानी में संपन्न हुआ। मूल अनुवाद सुझाव प्राप्त करने तथा मूल्यांकन एवं निरंतर उन्नयन हेतु उपलब्ध है।

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