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Terjemahan makna Alquran Alkarim - Terjemahan Al-Mukhtaṣar fī Tafsīr Al-Qur`ān Al-Karīm ke bahasa Hindi * - Daftar isi terjemahan


Terjemahan makna Surah: Al-A'rāf   Ayah:
وَلَمَّا رَجَعَ مُوْسٰۤی اِلٰی قَوْمِهٖ غَضْبَانَ اَسِفًا ۙ— قَالَ بِئْسَمَا خَلَفْتُمُوْنِیْ مِنْ بَعْدِیْ ۚ— اَعَجِلْتُمْ اَمْرَ رَبِّكُمْ ۚ— وَاَلْقَی الْاَلْوَاحَ وَاَخَذَ بِرَاْسِ اَخِیْهِ یَجُرُّهٗۤ اِلَیْهِ ؕ— قَالَ ابْنَ اُمَّ اِنَّ الْقَوْمَ اسْتَضْعَفُوْنِیْ وَكَادُوْا یَقْتُلُوْنَنِیْ ۖؗ— فَلَا تُشْمِتْ بِیَ الْاَعْدَآءَ وَلَا تَجْعَلْنِیْ مَعَ الْقَوْمِ الظّٰلِمِیْنَ ۟
जब मूसा अलैहिस्सलाम अपने पालनहार से वार्तालाप करके अपनी जाति के पास इस हाल में वापस आए कि वह उन्हें बछड़े की इबादत में लीन पाकर उन पर क्रोध और शोक से भरे हुए थे, तो कहने लगे : यह बहुत बुरी स्थिति है जिसके साथ तुमने (ऐ मेरी जाति के लोगो!) मेरे जाने के बाद मेरा उत्तराधिकार निभाया है, क्योंकि इसका परिणाम विनाश और दुर्भाग्य है। क्या तुम मेरी प्रतीक्षा करते-करते थक गए थे, तो बछड़े की पूजा करने लगे?! उन्होंने अपने क्रोध और शोक की तीव्रता से तख़्तियाँ फेंक दीं और अपने भाई हारून का सिर और दाढ़ी पकड़कर अपनी ओर खींचने लगे, क्योंकि वह उनके साथ रहे और उन्हें बछड़े की पूजा करते देखकर उन्हें नहीं रोका। ऐसे में हारून अलैहिस्सलाम ने मूसा अलैहिस्सलाम के आगे अपनी सफ़ाई पेश करते हुए और नर्म व्यवहार का मुतालबा करते हुए कहा : ऐ मेरी माँ के बेटे! मेरी जाति के लोगों ने मुझे कमज़ोर समझकर दबा दिया और निकट था कि मुझे मार डालते। अतः मुझे ऐसी सज़ा न दें जो मेरे शत्रुओं को प्रसन्न करे, और मुझपर अपने क्रोध के कारण मुझे उन लोगों में शामिल न करें, जो अल्लाह के सिवा अन्य की पूजा के कारण अत्याचारी हैं।
Tafsir berbahasa Arab:
قَالَ رَبِّ اغْفِرْ لِیْ وَلِاَخِیْ وَاَدْخِلْنَا فِیْ رَحْمَتِكَ ۖؗ— وَاَنْتَ اَرْحَمُ الرّٰحِمِیْنَ ۟۠
मूसा ने अपने पालनहार से प्रार्थना करते हुए कहा : ऐ मेरे पालनहार! मुझे तथा मेरे भाई हारून को क्षमा कर दे और हमें अपनी दया में दाखिल कर दे और उसे इस तरह कर दे कि हर तरफ़ से हमें घेरे हुए हो। और तू (ऐ हमारे पालनहार!) हमपर हर दया करने वाले से अधिक दया करने वाला है।
Tafsir berbahasa Arab:
اِنَّ الَّذِیْنَ اتَّخَذُوا الْعِجْلَ سَیَنَالُهُمْ غَضَبٌ مِّنْ رَّبِّهِمْ وَذِلَّةٌ فِی الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا ؕ— وَكَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُفْتَرِیْنَ ۟
जिन लोगों ने बछड़े को पूज्य बनाकर उसकी पूजा शुरू कर दी, वे अपने पालनहार को क्रुद्ध करने और इसके द्वारा उसका अपमान करने के कारण, शीघ्र ही अपने पालनहार की ओर से सख़्त क्रोध और इस सांसारिक जीवन में अपमान से पीड़ित होंगे। और हम अल्लाह पर झूठ गढ़ने वालों को इसी तरह का बदला देते हैं।
Tafsir berbahasa Arab:
وَالَّذِیْنَ عَمِلُوا السَّیِّاٰتِ ثُمَّ تَابُوْا مِنْ بَعْدِهَا وَاٰمَنُوْۤا ؗ— اِنَّ رَبَّكَ مِنْ بَعْدِهَا لَغَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟
जिन लोगों ने बुरे कर्म किए, जैसे अल्लाह के साथ शिर्क और पाप करना आदि, फिर अल्लाह की ओर लौट आए, अर्थात् उसपर ईमान ले आए और जो पाप किया करते थे उससे रुक गए, तो (ऐ नबी!) निश्चय आपका पालनहार इस तौबा और शिर्क से ईमान की ओर तथा पापों से आज्ञाकारिता की ओर वापसी के बाद अवश्य उनके गुनाहों को माफ़ करने वाला, उनपर दया करने वाला है।
Tafsir berbahasa Arab:
وَلَمَّا سَكَتَ عَنْ مُّوْسَی الْغَضَبُ اَخَذَ الْاَلْوَاحَ ۖۚ— وَفِیْ نُسْخَتِهَا هُدًی وَّرَحْمَةٌ لِّلَّذِیْنَ هُمْ لِرَبِّهِمْ یَرْهَبُوْنَ ۟
फिर जब मूसा अलैहिस्सलाम का क्रोध शांत हो गया, तो उसने उन तख़्तियों को उठा लिया, जिन्हें उसने क्रोध में आकर फेंक दिया था। ये तख़्तियाँ पथभ्रष्टता से मार्गदर्शन और सत्य के बयान पर आधारित थीं, तथा उन लोगों के लिए दया पर आधारित थीं, जो अपने पालनहार का भय रखते और उसकी यातना से डरते हैं।
Tafsir berbahasa Arab:
وَاخْتَارَ مُوْسٰی قَوْمَهٗ سَبْعِیْنَ رَجُلًا لِّمِیْقَاتِنَا ۚ— فَلَمَّاۤ اَخَذَتْهُمُ الرَّجْفَةُ قَالَ رَبِّ لَوْ شِئْتَ اَهْلَكْتَهُمْ مِّنْ قَبْلُ وَاِیَّایَ ؕ— اَتُهْلِكُنَا بِمَا فَعَلَ السُّفَهَآءُ مِنَّا ۚ— اِنْ هِیَ اِلَّا فِتْنَتُكَ ؕ— تُضِلُّ بِهَا مَنْ تَشَآءُ وَتَهْدِیْ مَنْ تَشَآءُ ؕ— اَنْتَ وَلِیُّنَا فَاغْفِرْ لَنَا وَارْحَمْنَا وَاَنْتَ خَیْرُ الْغٰفِرِیْنَ ۟
और मूसा अलैहिस्सलाम ने अपनी जाति के सत्तर नेक लोगों को चुन लिया, ताकि वे अपने पालनहार से उस गुनाह की क्षमा माँगें, जो उनके मूर्खों ने बछड़े की पूजा की है। और अल्लाह ने उनसे एक निर्धारित समय का वादा किया जिसमें वे उपस्थित हों। लेकिन जब वे उपस्थित हुए, तो अल्लाह पर दुस्साहस कर बैठे और मूसा अलैहिस्सलाम से मुतालबा किया कि उन्हें आँखों से (खुल्लम-खुल्ला) अल्लाह का दर्शन कराएँ। इसपर उन्हें भूकंप ने अपनी चपेट में ले लिया और वे उसकी भयावहता से बेहोश होकर मर गए। ऐसे में मूसा ने अपने पालनहार से विनयपूर्वक विनती करते हुए कहा : ऐ मेरे पालनहार! अगर तू उन्हें तथा उनके साथ मुझे उनके यहाँ आने से पहले ही विनष्ट करना चाहता, तो विनष्ट कर देता। क्या तू हमें उसके कारण विनष्ट करता है जो हममें से अल्प बुद्धि वाले लोगों ने किया है? दरअसल मेरी जाति के लोगों का बछड़े की पूजा में लगना एक आज़माइश और परीक्षा है, जिसके द्वारा तू जिसे चाहता है, मार्ग से हटा देता है और जिसे चाहता है, सीधे रास्ते पर लगा देता है। तू ही हमारे मामले का संरक्षक है। अतः हमारे गुनाहों को क्षमा कर दे, और अपनी व्यापक दया के साथ हम पर दया कर। तू ही सबसे बेहतर पाप को क्षमा करने वाला और गुनाह को माफ़ करने वाला है।
Tafsir berbahasa Arab:
Beberapa Faedah Ayat-ayat di Halaman Ini:
• في الآيات دليل على أن الخطأ في الاجتهاد مع وضوح الأدلة لا يعذر فيه صاحبه عند إجراء الأحكام عليه، وهو ما يسميه الفقهاء بالتأويل البعيد.
• इन आयतों में इस बात का प्रमाण है कि स्पष्ट प्रमाणों के होते हुए इजतिहाद में ग़लती करने वाला उसपर हुक्म लागू करते समय क्षम्य नहीं होगा। इसी को इस्लामिक विद्वान 'तावीले बईद' (दूर की व्याख्या) का नाम देते हैं।

• من آداب الدعاء البدء بالنفس، حيث بدأ موسى عليه السلام دعاءه فطلب المغفرة لنفسه تأدُّبًا مع الله فيما ظهر عليه من الغضب، ثم طلب المغفرة لأخيه فيما عسى أن يكون قد ظهر منه من تفريط أو تساهل في رَدْع عَبَدة العجل عن ذلك.
• दुआ के शिष्टाचार में से एक यह है कि इनसान पहले अपने लिए दुआ करे, जैसा कि मूसा अलैहिस्सलाम ने अपनी दुआ शुरू की, तो पहले खुद अपने लिए क्षमा माँगी अल्लाह के साथ उस क्रोध के लिए शिष्टाचार अपनाते हुए जो उनसे प्रकट हुआ था, फिर अपने भाई के लिए माफ़ी तलब की, क्योंकि संभव है कि उनसे बछड़े की पूजा करने वालों को उससे रोकने में लापरवाही या ढिलाई हुई हो।

• التحذير من الغضب وسلطته على عقل الشخص؛ ولذلك نسب الله للغضب فعل السكوت كأنه هو الآمر والناهي.
• क्रोध तथा आदमी के दिमाग पर उसके प्रभुत्व (प्रबल प्रभाव) से सावधान करना। इसीलिए अल्लाह ने क्रोध की ओर 'मौन' (खामोश होने) के कार्य की निसबत की है। मानो कि वही आदेश देने वाला और निषेध करने वाला है।

• ضرورة التوقي من غضب الله، وخوف بطشه، فانظر إلى مقام موسى عليه السلام عند ربه، وانظر خشيته من غضب ربه.
• अल्लाह के क्रोध से बचने और उसकी पकड़ से डरने की आवश्यकता। चुनाँचे देखें कि मूसा अलैहिस्सलाम को अपने रब के पास क्या स्थान प्राप्त है, फिर भी वह अपने पालनहार के क्रोध से कितना सहमे हुए हैं।

 
Terjemahan makna Surah: Al-A'rāf
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Diterbitkan oleh Markaz Tafsīr Li Ad-Dirasāt Al-Qur`āniyyah.

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