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Terjemahan makna Alquran Alkarim - Terjemahan Al-Mukhtaṣar fī Tafsīr Al-Qur`ān Al-Karīm ke bahasa Hindi * - Daftar isi terjemahan


Terjemahan makna Surah: Al-A'rāf   Ayah:
وَاِذْ نَتَقْنَا الْجَبَلَ فَوْقَهُمْ كَاَنَّهٗ ظُلَّةٌ وَّظَنُّوْۤا اَنَّهٗ وَاقِعٌ بِهِمْ ۚ— خُذُوْا مَاۤ اٰتَیْنٰكُمْ بِقُوَّةٍ وَّاذْكُرُوْا مَا فِیْهِ لَعَلَّكُمْ تَتَّقُوْنَ ۟۠
और (ऐ मुहम्मद!) उस समय को याद करें, जब हमने पर्वत को उखाड़कर बनी इसराईल के ऊपर उठा लिया, जब उन्होंने तौरात की शिक्षाओं को ग्रहण करने से उपेक्षा की। चुनाँचे पहाड़ एक बादल की तरह हो गया, जो उनके सिर पर छाया कर रहा हो। तथा उन्हें यक़ीन हो गया कि वह उनपर गिरने ही वाला है, और उनसे कहा गया : हमने जो कुछ तुम्हें दिया है, उसे पूरी मज़बूती और दृढ़ संकल्प के साथ थाम लो और उसमें मौजूद नियमों को, जो अल्लाह ने तुम्हारे लिए निर्धारित किए हैं, ठीक से याद रखो और उन्हें भूलो नहीं; इस आशा में कि ऐसा करने के बाद तुम अल्लाह से डरने लगो।
Tafsir berbahasa Arab:
وَاِذْ اَخَذَ رَبُّكَ مِنْ بَنِیْۤ اٰدَمَ مِنْ ظُهُوْرِهِمْ ذُرِّیَّتَهُمْ وَاَشْهَدَهُمْ عَلٰۤی اَنْفُسِهِمْ ۚ— اَلَسْتُ بِرَبِّكُمْ ؕ— قَالُوْا بَلٰی ۛۚ— شَهِدْنَا ۛۚ— اَنْ تَقُوْلُوْا یَوْمَ الْقِیٰمَةِ اِنَّا كُنَّا عَنْ هٰذَا غٰفِلِیْنَ ۟ۙ
तथा (ऐ मुहम्मद!) वह समय याद करें, जब आपके पालनहार ने आदम के पुत्रों की पीठों से उनकी संतति को निकाला और उनसे अपनी रुबूबीयत को साबित करने का इक़रार लिया, जो दरअसल उसने उनकी प्रकृति में रखी है कि वे उसे अपना सृष्टिकर्ता और पालनहार मानते हैं, यह कहते हुए कि "क्या मैं तुम्हारा पालनहार नहीं हूँ?" सबने कहा : "क्यों नहीं, तू हमारा पालनहार है।" अल्लाह ने कहा : "हमने तुम्हारा परीक्षण किया और तुमसे वचन लिया, ताकि तुम क़ियामत के दिन अपने विरुद्ध अल्लाह के तर्क का इनकार न कर दो और यह न कह दो कि हमें तो इसकी कोई ख़बर ही नहीं थी।"
Tafsir berbahasa Arab:
اَوْ تَقُوْلُوْۤا اِنَّمَاۤ اَشْرَكَ اٰبَآؤُنَا مِنْ قَبْلُ وَكُنَّا ذُرِّیَّةً مِّنْ بَعْدِهِمْ ۚ— اَفَتُهْلِكُنَا بِمَا فَعَلَ الْمُبْطِلُوْنَ ۟
अथवा तुम यह तर्क प्रस्तुत करो कि दरअसल तुम्हारे बाप-दादा ही ने वचन तोड़ा और अल्लाह के साथ शिर्क किया था। और तुम उनकी देखा-देखी शिर्क की राह पर चल पड़े थे। इसलिए तुम यह कहो : तो क्या (ऐ हमारे पालनहार!) तू हमारी पकड़ उसके कारण करके हमें यातना देगा, जो हमारे उन पूर्वजों ने किया था जिन्होंने अल्लाह के साथ शिर्क करके अपने अच्छे कर्मों को नष्ट कर लिया था? अतः हम दोषी नहीं हैं, क्योंकि हमें कुछ पता नहीं था और हमने केवल अपने बाप-दादा की देखा-देखी ऐसा किया था।
Tafsir berbahasa Arab:
وَكَذٰلِكَ نُفَصِّلُ الْاٰیٰتِ وَلَعَلَّهُمْ یَرْجِعُوْنَ ۟
जिस प्रकार हमने झुठलाने वाली जातियों के परिणाम के बारे में आयतें खोल-खोल कर बयान की हैं, उसी तरह हम इन लोगों के लिए भी आयतें खोल-खोल कर बयान करते हें, इस आशा में कि वे अपने शिर्क से अल्लाह की तौह़ीद (एकेश्वरवाद) और अकेले उसी की इबादत करने की ओर पलट आएँ, जैसा कि उस वचन में आया है, जो उन्होंने अपने बारे में अल्लाह को दिया था।
Tafsir berbahasa Arab:
وَاتْلُ عَلَیْهِمْ نَبَاَ الَّذِیْۤ اٰتَیْنٰهُ اٰیٰتِنَا فَانْسَلَخَ مِنْهَا فَاَتْبَعَهُ الشَّیْطٰنُ فَكَانَ مِنَ الْغٰوِیْنَ ۟
और (ऐ रसूल!) बनी इसराईल को, उन्हीं के समुदाय के उस व्यक्ति की खबर पढ़कर सुनाएँ, जिसे हमने अपनी आयतें दी थीं, जिन्हें उसने सीखा और उनसे प्रकट होने वाले सत्य को समझा, लेकिन उसने उन पर अमल नहीं किया, बल्कि उन्हें छोड़ दिया और उनसे किनारा कर लिया। अतः शैतान ने उसका पीछा किया और उसका साथी बन गया। अंततः वह पथभ्रष्टों और विनष्ट होने वालों में से हो गया, जबकि पहले मार्गदर्शित और मुक्ति पाने वालों में से था।
Tafsir berbahasa Arab:
وَلَوْ شِئْنَا لَرَفَعْنٰهُ بِهَا وَلٰكِنَّهٗۤ اَخْلَدَ اِلَی الْاَرْضِ وَاتَّبَعَ هَوٰىهُ ۚ— فَمَثَلُهٗ كَمَثَلِ الْكَلْبِ ۚ— اِنْ تَحْمِلْ عَلَیْهِ یَلْهَثْ اَوْ تَتْرُكْهُ یَلْهَثْ ؕ— ذٰلِكَ مَثَلُ الْقَوْمِ الَّذِیْنَ كَذَّبُوْا بِاٰیٰتِنَا ۚ— فَاقْصُصِ الْقَصَصَ لَعَلَّهُمْ یَتَفَكَّرُوْنَ ۟
और यदि हम उसे इन आयतों से लाभ पहुँचाना चाहते, तो इनके द्वारा उसे ऊँचाइयाँ प्रदान करते। वह इस तरह कि उसे इनपर अमल करने की तौफीक़ देते, तो वह दुनिया एवं आख़िरत में ऊँचाइयाँ प्राप्त कर लेता। लेकिन उसने वह रास्ता चुना जो उसकी विफलता की ओर ले जाता है, जब वह अपनी आख़िरत पर अपनी दुनिया को प्राथमिकता देते हुए संसार की इच्छाओं की ओर अग्रसर हो गया और अपने मन की असत्य आकांक्षाओं के पीछे चलने लगा। अतः दुनिया के अत्यधिक मोह के विषय में उसकी मिसाल कुत्ते की तरह है, जो हर हाल में हाँफता रहता है, यदि वह बैठा हुआ है तो भी हाँफता रहता है और अगर धुतकार दिया जाता है तो भी हाँफता रहता है। यह मिसाल उन लोगों की है जो हमारी आयतों को झुठलाने के कारण गुमराह होने वाले हैं।तो (ऐ रसूल!) आप उन्हें कहानियाँ सुनाएँ; इस आशा में कि वे सोच-विचार करें, और परिणाम स्वरूप, वे जिस गुमराही और झुठलाने में लिप्त हैं, उससे बाज़ आ जाएँ।
Tafsir berbahasa Arab:
سَآءَ مَثَلَا ١لْقَوْمُ الَّذِیْنَ كَذَّبُوْا بِاٰیٰتِنَا وَاَنْفُسَهُمْ كَانُوْا یَظْلِمُوْنَ ۟
उन लोगों से अधिक बुरा कोई नहीं है, जिन्होंने हमारे तर्कों और सबूतों को झुठला दिया और उनपर विश्वास नहीं किया। इस प्रकार वे खुद को विनाश के घाट उतार कर अपने ही ऊपर अत्याचार कर रहे थे।
Tafsir berbahasa Arab:
مَنْ یَّهْدِ اللّٰهُ فَهُوَ الْمُهْتَدِیْ ۚ— وَمَنْ یُّضْلِلْ فَاُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْخٰسِرُوْنَ ۟
जिसे अल्लाह अपने सीधे मार्ग की ओर हिदायत की तौफ़ीक़ प्रदान कर दे, तो वही सही मायने में हिदायत पाने वाला है; और जिसे वह सीधे मार्ग से दूर कर दे, तो वही लोग हैं जो वास्तव में अपने हितों का नुक़सान करने वाले हैं, जो क़ियामत के दिन अपना और अपने परिवार का घाटा करेंगे। आगाह रहो! यही खुला हुआ घाटा है।
Tafsir berbahasa Arab:
Beberapa Faedah Ayat-ayat di Halaman Ini:
• المقصود من إنزال الكتب السماوية العمل بمقتضاها لا تلاوتها باللسان وترتيلها فقط، فإن ذلك نَبْذ لها.
• आसमानी किताबों के उतारने का उद्देश्य उनकी अपेक्षाओं के अनुसार कार्य करना है, केवल उनकी तिलावत करना और उन्हें ठहर-ठहर कर पढ़ना नहीं है। क्योंकि यह एक तरह से उन्हें छोड़ देने के अर्थ में है।

• أن الله خلق في الإنسان من وقت تكوينه إدراك أدلة الوحدانية، فإذا كانت فطرته سليمة، ولم يدخل عليها ما يفسدها أدرك هذه الأدلة، وعمل بمقتضاها.
• अल्लाह ने इनसान के अंदर उसकी रचना के समय ही से अपने एकत्व के प्रमाणों का बोध करने की क्षमता रखी है। अतः यदि उसकी फ़ितरत शुद्ध है और उसके अदंर बिगाड़ पैदा करने वाली कोई चीज़ प्रवेश नहीं करती, तो वह इन प्रमाणों का बोध करेगा और उनके अनुसार कार्य करेगा।

• في الآيات عبرة للموفَّقين للعمل بآيات القرآن؛ ليعلموا فضل الله عليهم في توفيقهم للعمل بها؛ لتزكو نفوسهم.
• इन आयतों में उन लोगों के लिए एक पाठ है, जिन्हें क़ुरआन की आयतों पर अमल करने की तौफ़ीक़ प्राप्त हुई है, ताकि उन्हें अपने ऊपर अल्लाह के इस अनुग्रह का बोध हो कि उसने उन्हें आयतों पर अमल करने की तौफ़ीक़ प्रदान की है; ताकि इससे उन्हें आत्म-शुद्धि प्राप्त हो।

• في الآيات تلقين للمسلمين للتوجه إلى الله تعالى بطلب الهداية منه والعصمة من مزالق الضلال.
• इन आयतों में मुसलमानों को यह शिक्षा-दीक्षा दी गई है कि मार्गदर्शन तलब करने और गुमराही के रास्तों से सुरक्षा मांगने के लिए अल्लाह की ओर रुख़ करें।

 
Terjemahan makna Surah: Al-A'rāf
Daftar surah Nomor Halaman
 
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Diterbitkan oleh Markaz Tafsīr Li Ad-Dirasāt Al-Qur`āniyyah.

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