クルアーンの対訳 - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - 対訳の目次


対訳 節: (98) 章: ユーヌス章
فَلَوْلَا كَانَتْ قَرْیَةٌ اٰمَنَتْ فَنَفَعَهَاۤ اِیْمَانُهَاۤ اِلَّا قَوْمَ یُوْنُسَ ۚؕ— لَمَّاۤ اٰمَنُوْا كَشَفْنَا عَنْهُمْ عَذَابَ الْخِزْیِ فِی الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا وَمَتَّعْنٰهُمْ اِلٰی حِیْنٍ ۟
ऐसा नहीं हुआ है कि जिन बस्तियों की ओर हमने अपने रसूलों को भेजा था, उनमें से कोई बस्ती यातना देखने से पहले सार्थक रूप से ईमान लाई हो, फिर यातना देखने से पहले ईमान लाने के कारण उसका ईमान उसे लाभ पहुँचाया हो, सिवाय यूनुस अलैहिस्सलाम की क़ौम के, कि जब वे सच्चा ईमान ले आए, तो हमने सांसारिक जीवन में उनके ऊपर से अपमान व तिरस्कार के अज़ाब को हटा दिया और उन्हें उनकी समय सीमा समाप्त होने तक (दुनिया की सामग्रियों से) लाभान्वित होने का अवसर प्रदान किया।
アラビア語 クルアーン注釈:
本諸節の功徳:
• الإيمان هو السبب في رفعة صاحبه إلى الدرجات العلى والتمتع في الحياة الدنيا.
• ईमान ही ईमान वाले को ऊँचे पदों पर पहुँचाने और इस दुनिया के जीवन का आनंद लेने का कारण है।

• ليس في مقدور أحد حمل أحد على الإيمان؛ لأن هذا عائد لمشيئة الله وحده.
• कोई भी किसी को ईमान लाने पर मजबूर नहीं कर सकता; क्योंकि यह केवल अल्लाह की इच्छा पर निर्भर है।

• لا تنفع الآيات والنذر من أصر على الكفر وداوم عليه.
• जो व्यक्ति कुफ़्र (अविश्वास) पर हठ करता है और निरंतर उसी पर जमा रहता है, उसे निशानियाँ और चेतावनियाँ लाभ नहीं देतीं।

• وجوب الاستقامة على الدين الحق، والبعد كل البعد عن الشرك والأديان الباطلة.
• सत्य धर्म पर मज़बूती से जमे रहना और बहुदेववाद तथा झूठे धर्मों से पूरी तरह से दूर रहना अनिवार्य है।

 
対訳 節: (98) 章: ユーヌス章
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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