クルアーンの対訳 - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - 対訳の目次


対訳 節: (153) 章: イムラ―ン家章
اِذْ تُصْعِدُوْنَ وَلَا تَلْوٗنَ عَلٰۤی اَحَدٍ وَّالرَّسُوْلُ یَدْعُوْكُمْ فِیْۤ اُخْرٰىكُمْ فَاَثَابَكُمْ غَمًّا بِغَمٍّ لِّكَیْلَا تَحْزَنُوْا عَلٰی مَا فَاتَكُمْ وَلَا مَاۤ اَصَابَكُمْ ؕ— وَاللّٰهُ خَبِیْرٌ بِمَا تَعْمَلُوْنَ ۟
(ऐ ईमान वालो!) उस समय को याद करो जब उहुद के युद्ध के दिन, रसूल के आदेश का उल्लंघन करने के कारण विफलता का सामना करने पर, तुम पृथ्वी में तेज़ी से भागे जा रहे थे, और तुममें से कोई भी किसी को मुड़कर नहीं देख रहा था। जबकि रसूल तुम्हारे और बहुदेववादियों के बीच खड़े तुम्हारे पीछे से तुम्हें यह कहते हुए बुला रहे थे : अल्लाह के बंदो! मेरी ओर आओ, अल्लाह के बंदो! मेरी ओर आओ। अतः अल्लाह ने इसपर तुम्हें बदले में दर्द और संकट से पीड़ित किया क्योंकि तुम विजय और ग़नीमत के धन से वंचित हो गए, जिसके बाद एक और दर्द और संकट था, क्योंकि तुम्हारे बीच नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की हत्या की ख़बर फैला दी गई। और अल्लाह ने तुम्हें इस आपदा से इसलिए पीड़ित किया, ताकि तुम विजय और ग़नीमत के धन से वंचित होने पर, तथा हत्या और घाव से पीड़ित होने पर दुखी न हो। क्योंकि जब तुम्हें यह पता चल गया कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की हत्या नहीं हुई है, तो तुम्हारे लिए हर मुसीबत और तकलीफ़ आसान हो गई। अल्लाह तुम्हारे कार्यों से अवगत है, तुम्हारे दिलों की स्थितियों तथा तुम्हारे शारीरिक अंगों के कार्यों में से कुछ भी उससे छिपा नहीं है।
アラビア語 クルアーン注釈:
本諸節の功徳:
• التحذير من طاعة الكفار والسير في أهوائهم، فعاقبة ذلك الخسران في الدنيا والآخرة.
• काफिरों का पालन करने और उनकी आकांक्षाओं के पीछे चलने से सावधान करना। क्योंकि इसका परिणाम दुनिया एवं आख़िरत का घाटा है।

• إلقاء الرعب في قلوب أعداء الله صورةٌ من صور نصر الله لأوليائه المؤمنين.
• अल्लाह के दुश्मनों के दिलों में भय डालना, अल्लाह की अपने मोमिन दोस्तों की सहायता का एक रूप है।

• من أعظم أسباب الهزيمة في المعركة التعلق بالدنيا والطمع في مغانمها، ومخالفة أمر قائد الجيش.
• युद्ध में हार के सबसे बड़े कारणों में से, दुनिया के प्रति लगाव तथा उसके धन में लालच और सेना के कमांडर के आदेश का उल्लंघन करना है।

• من دلائل فضل الصحابة أن الله يعقب بالمغفرة بعد ذكر خطئهم.
• सहाबा की श्रेष्ठता के प्रमाणों में से एक यह है कि अल्लाह उनकी त्रुटि का उल्लेख करने के बाद क्षमा का भी उल्लेख करता है।

 
対訳 節: (153) 章: イムラ―ン家章
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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