クルアーンの対訳 - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - 対訳の目次


対訳 節: (74) 章: イムラ―ン家章
یَّخْتَصُّ بِرَحْمَتِهٖ مَنْ یَّشَآءُ ؕ— وَاللّٰهُ ذُو الْفَضْلِ الْعَظِیْمِ ۟
वह अपनी सृष्टि में से जिसे चाहता है, अपनी दया के लिए विशिष्ट कर लेता है और उसे मार्गदर्शन, नुबुव्वत (ईश्दूतत्व) और अनेक प्रकार के उपहारों से सम्मानित करता है। और अल्लाह महान अनुग्रह वाला है जिसकी कोई सीमा नहीं है।
アラビア語 クルアーン注釈:
本諸節の功徳:
• من علماء أهل الكتاب من يخدع أتباع ملتهم، ولا يبين لهم الحق الذي دلت عليه كتبهم، وجاءت به رسلهم.
• अह्ले किताब के विद्वानों में कुछ ऐसे हैं, जो अपने धर्म के अनुयायियों को धोखा देते हैं, और उन्हें वह सच्चाई नहीं बताते हैं, जो उनकी किताबों से पता चलती है और जो उनके रसूल लाए थे।

• من وسائل الكفار الدخول في الدين والتشكيك فيه من الداخل.
• काफ़िरों का एक साधन धर्म में प्रवेश करना और भीतर से उसमें संदेह पैदा करना है।

• الله تعالى هو الوهاب المتفضل، يعطي من يشاء بفضله، ويمنع من يشاء بعدله وحكمته، ولا ينال فضله إلا بطاعته.
• अल्लाह तआला ही 'वह्हाब' (परम प्रदाता) एवं अनुग्रहशील है। वह अपनी कृपा से जिसे चाहता है, देता है तथा वह जिसे चाहता है, अपने न्याय एवं हिकमत से रोक देता है। और उसकी कृपा उसकी आज्ञा मानने ही से प्राप्त की जा सकती है।

• كل عِوَضٍ في الدنيا عن الإيمان بالله والوفاء بعهده - وإن كان عظيمًا - فهو قليل حقير أمام ثواب الآخرة ومنازلها.
• अल्लाह पर ईमान और उसकी प्रतिज्ञा को पूरा करने के लिए इस दुनिया में प्राप्त होने वाला हर बदला - भले ही वह बहुत बड़ा हो - आख़िरत के प्रतिफल और उसके दर्जों के सामने थोड़ा और तुच्छ है।

 
対訳 節: (74) 章: イムラ―ン家章
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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