クルアーンの対訳 - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - 対訳の目次


対訳 節: (26) 章: 星章
وَكَمْ مِّنْ مَّلَكٍ فِی السَّمٰوٰتِ لَا تُغْنِیْ شَفَاعَتُهُمْ شَیْـًٔا اِلَّا مِنْ بَعْدِ اَنْ یَّاْذَنَ اللّٰهُ لِمَنْ یَّشَآءُ وَیَرْضٰی ۟
और आकाशों में कितने ही फ़रिश्ते हैं, जिनकी सिफ़ारिश से कोई फ़ायदा नहीं होता, यदि वे किसी के लिए सिफ़ारिश करना चाहें, परंतु इसके बाद कि अल्लाह उनमें से जिसके लिए चाहे सिफ़ारिश करने की अनुमति प्रदान कर दे और जिस के लिए सिफ़ारिश की जाती है, उससे संतुष्ट हो जाए। अतः अल्लाह उसे सिफ़ारिश करने की अनुमति हरगिज़ नहीं देगा, जिसने अल्लाह का साझी ठहराया है और जिसकी वह सिफ़ारिश कर रहा है, उससे वह संतुष्ट नहीं होगा यदि वह अल्लाह को छोड़कर किसी और की उपासना करता है।
アラビア語 クルアーン注釈:
本諸節の功徳:
• كمال أدب النبي صلى الله عليه وسلم حيث لم يَزغْ بصره وهو في السماء السابعة.
• अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का परम शिष्टाचार, क्योंकि जब आप सातवें आसमान में थे, तो आपकी नज़र इधर-उधर नहीं गई।

• سفاهة عقل المشركين حيث عبدوا شيئًا لا يضر ولا ينفع، ونسبوا لله ما يكرهون واصطفوا لهم ما يحبون.
• मुश्रिकों की मूर्खता कि उन्होंने ऐसी वस्तु की इबादत की, जो न नुकसान पहुँचा सकती न लाभ, तथा अल्लाह की ओर उस चीज़ को मनसूब कर दिया, जिसे खुद नापसंद करते हैं और अपने लिए उस चीज़ को चुन लिया, जो उन्हें पसंद है।

• الشفاعة لا تقع إلا بشرطين: الإذن للشافع، والرضا عن المشفوع له.
• सिफ़ारिश दो शर्तों के साथ ही हो सकती है : सिफ़ारिश करने वाले को उसकी अनुमति मिली हो और अल्लाह उस व्यक्ति से राज़ी हो जिसके हक़ में सिफ़ारिश की जा रही है।

 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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