クルアーンの対訳 - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - 対訳の目次


対訳 節: (191) 章: 高壁章
اَیُشْرِكُوْنَ مَا لَا یَخْلُقُ شَیْـًٔا وَّهُمْ یُخْلَقُوْنَ ۟ۚ
क्या वे इन मूर्तियों और इनके सिवा अन्य चीज़ों को इबादत में अल्लाह का साझी बनाते हैं, जबकि वे जानते हैं कि ये मूर्तियाँ कुछ पैदा नहीं करतीं, कि पूजा की हक़दार हों। बल्कि, वे स्वयं पैदा की गई हैं। तो फिर वे इन्हें कैसे अल्लाह का साझी ठहराते हैं?
アラビア語 クルアーン注釈:
本諸節の功徳:
• في الآيات بيان جهل من يقصد النبي صلى الله عليه وسلم ويدعوه لحصول نفع أو دفع ضر؛ لأن النفع إنما يحصل من قِبَلِ ما أرسل به من البشارة والنذارة.
• इन आयतों में उन लोगों की मूर्खता का उल्लेख है, जो अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को लाभ प्राप्त करने या नुक़सान से बचने के लिए पुकारते हैं, क्योंकि लाभ केवल उस शुभ सूचना और चेतावनी (डरावे) के माधय्म से प्राप्त होता है, जिसके साथ आपको भेजा गया था।

• جعل الله بمنَّته من نوع الرجل زوجه؛ ليألفها ولا يجفو قربها ويأنس بها؛ لتتحقق الحكمة الإلهية في التناسل.
• अल्लाह ने अपनी कृपा से पति ही के वर्ग से उसकी पत्नी बनाई, ताकि पति को उससे लगाव हो, उसकी निकटता से उसका मन उचाट न हो और उसके साथ अपनापन महसूस करे; ताकि प्रजनन में अल्लाह की हिकमत परिपूर्ण हो।

• لا يليق بالأفضل الأكمل الأشرف من المخلوقات وهو الإنسان أن يشتغل بعبادة الأخس والأرذل من الحجارة والخشب وغيرها من الآلهة الباطلة.
• सबसे श्रेष्ठ, सबसे पूर्ण और सबसे प्रतिष्ठित मख़लूक़ अर्थात् इनसान को यह शोभा नहीं देता कि सबसे नीच और अप्रतिष्ठित चीज़ जैसे - पत्थर, लकड़ी और अन्य झूठे पूज्यों (देवताओं) की इबादत में व्यस्त हो।

 
対訳 節: (191) 章: 高壁章
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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