ಪವಿತ್ರ ಕುರ್‌ಆನ್ ಅರ್ಥಾನುವಾದ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ಅನುವಾದಗಳ ವಿಷಯಸೂಚಿ


ಅರ್ಥಗಳ ಅನುವಾದ ಶ್ಲೋಕ: (75) ಅಧ್ಯಾಯ: ಸೂರ ಅಲ್- ಹಿಜ್ರ್
اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّلْمُتَوَسِّمِیْنَ ۟
लूत अलैहिस्सलाम की जाति पर उतरने वाले विनाश की घटना में, सोच-विचार करने वालों के लिए बहुत-सी निशानियाँ हैं।
ಅರಬ್ಬಿ ವ್ಯಾಖ್ಯಾನಗಳು:
ಈ ಪುಟದಲ್ಲಿರುವ ಶ್ಲೋಕಗಳ ಉಪಯೋಗಗಳು:
• أن الله تعالى إذا أراد أن يهلك قرية ازداد شرهم وطغيانهم، فإذا انتهى أوقع بهم من العقوبات ما يستحقونه.
• अल्लाह जब किसी बस्ती को नष्ट करना चाहता है, तो उसके वासियों की बुराई और सरकशी बढ़ जाती है। जब वह चरम सीमा को पहुँच जाती है, तो उन्हें वह सज़ा देता है जिसके वे पात्र होते हैं।

• كراهة دخول مواطن العذاب، ومثلها دخول مقابر الكفار، فإن دخل الإنسان إلى تلك المواضع والمقابر فعليه الإسراع.
• जिन स्थानों पर यातना उतरी है, वहाँ जाना नापसंदीदा है। यही हुक्म काफ़िरों की कब्रिस्तानों का है। अगर किसी को उन स्थानों और कब्रिस्तानों में जाना पड़े, तो उसे वहाँ से निकलने में जल्दी करनी चाहिए।

• ينبغي للمؤمن ألا ينظر إلى زخارف الدنيا وزهرتها، وأن ينظر إلى ما عند الله من العطاء.
• मोमिन को दुनिया की शोभा और उसकी चमक-दमक की ओर नहीं देखना चाहिए, उसे यह देखना चाहिए कि अल्लाह के पास क्या कुछ अनुदान और बख़्शिश है।

• على المؤمن أن يكون بعيدًا من المشركين، ولا يحزن إن لم يؤمنوا، قريبًا من المؤمنين، متواضعًا لهم، محبًّا لهم ولو كانوا فقراء.
• मोमिन को बहुदेववादियों से दूर रहना चाहिए, और यदि वे ईमान न लाएँ तो दुखी न हो। तथा वह मोमिनों के क़रीब रहे, उनके साथ विनम्रता अपनाए और उनसे प्यार करे, भले ही वे ग़रीब हों।

 
ಅರ್ಥಗಳ ಅನುವಾದ ಶ್ಲೋಕ: (75) ಅಧ್ಯಾಯ: ಸೂರ ಅಲ್- ಹಿಜ್ರ್
ಅಧ್ಯಾಯಗಳ ವಿಷಯಸೂಚಿ ಪುಟ ಸಂಖ್ಯೆ
 
ಪವಿತ್ರ ಕುರ್‌ಆನ್ ಅರ್ಥಾನುವಾದ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - ಅನುವಾದಗಳ ವಿಷಯಸೂಚಿ

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

ಮುಚ್ಚಿ