ಪವಿತ್ರ ಕುರ್‌ಆನ್ ಅರ್ಥಾನುವಾದ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ಅನುವಾದಗಳ ವಿಷಯಸೂಚಿ


ಅರ್ಥಗಳ ಅನುವಾದ ಶ್ಲೋಕ: (32) ಅಧ್ಯಾಯ: ಸೂರ ತ್ವಾಹಾ
وَاَشْرِكْهُ فِیْۤ اَمْرِیْ ۟ۙ
तथा उसे ईश्वरीय संदेश पहुँचाने के कार्य में मेरा साझीदार बना दे।
ಅರಬ್ಬಿ ವ್ಯಾಖ್ಯಾನಗಳು:
ಈ ಪುಟದಲ್ಲಿರುವ ಶ್ಲೋಕಗಳ ಉಪಯೋಗಗಳು:
• وجوب حسن الاستماع في الأمور المهمة، وأهمها الوحي المنزل من عند الله.
• महत्वपूर्ण बातों को अच्छी तरह से सुनना अनिवार्य है, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण अल्लाह की तरफ से अवतरित वह़य (प्रकाशना) है।

• اشتمل أول الوحي إلى موسى على أصلين في العقيدة وهما: الإقرار بتوحيد الله، والإيمان بالساعة (القيامة)، وعلى أهم فريضة بعد الإيمان وهي الصلاة.
• मूसा अलैहिस्सलाम पर अवतरित प्रथम वह़्य अक़ीदे के दो बुनियादी सिद्धांतों, अर्थात् : अल्लाह की तौह़ीद (एकेश्वर्वाद) की स्वीकृति और क़ियामत (प्रलय के दिन) पर ईमान, तथा ईमान लाने के बाद सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य नमाज़ को शामिल है।

• التعاون بين الدعاة ضروري لإنجاح المقصود؛ فقد جعل الله لموسى أخاه هارون نبيَّا ليعاونه في أداء الرسالة.
• उद्देश्य को सफल बनाने के लिए धर्म प्रचारकों के बीच सहयोग आवश्यक है। क्योंकि अल्लाह ने मूसा अलैहिस्सलाम के लिए उनके भाई हारून अलैहिस्सलाम को नबी बनाया, ताकि वह अल्लाह के संदेश को पहुँचाने में उनका सहयोग करें।

• أهمية امتلاك الداعية لمهارة الإفهام للمدعوِّين.
• धर्म प्रचारक के लिए आमंत्रितों को समझाने का कौशल रखने का महत्व।

 
ಅರ್ಥಗಳ ಅನುವಾದ ಶ್ಲೋಕ: (32) ಅಧ್ಯಾಯ: ಸೂರ ತ್ವಾಹಾ
ಅಧ್ಯಾಯಗಳ ವಿಷಯಸೂಚಿ ಪುಟ ಸಂಖ್ಯೆ
 
ಪವಿತ್ರ ಕುರ್‌ಆನ್ ಅರ್ಥಾನುವಾದ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - ಅನುವಾದಗಳ ವಿಷಯಸೂಚಿ

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

ಮುಚ್ಚಿ