ಪವಿತ್ರ ಕುರ್‌ಆನ್ ಅರ್ಥಾನುವಾದ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ಅನುವಾದಗಳ ವಿಷಯಸೂಚಿ


ಅರ್ಥಗಳ ಅನುವಾದ ಶ್ಲೋಕ: (67) ಅಧ್ಯಾಯ: ಸೂರ ಅಲ್- ಹಜ್ಜ್
لِكُلِّ اُمَّةٍ جَعَلْنَا مَنْسَكًا هُمْ نَاسِكُوْهُ فَلَا یُنَازِعُنَّكَ فِی الْاَمْرِ وَادْعُ اِلٰی رَبِّكَ ؕ— اِنَّكَ لَعَلٰی هُدًی مُّسْتَقِیْمٍ ۟
हर समुदाय के लोगों के लिए हमने एक शरीयत बनाई है, और वे अपनी शरीयत के अुनसार कार्य करते हैं। इसलिए (ऐ रसूल!) मुश्रिकों और अन्य धर्मों के लोगों को आपकी शरीयत के बारे में हरगिज़ झगड़ना नहीं चाहिए, क्योंकि आप उनकी तुलना में सत्य के अधिक योग्य हैं। जबकि वे असत्य पर चलने वाले हैं। तथा आप लोगों को अल्लाह के लिए तौहीद को ख़ालिस करने की ओर बुलाएँ। निःसंदेह आप तो निश्चय एक सीधे रास्ते पर हैं, जिसमें कोई टेढ़ापन नहीं है।
ಅರಬ್ಬಿ ವ್ಯಾಖ್ಯಾನಗಳು:
ಈ ಪುಟದಲ್ಲಿರುವ ಶ್ಲೋಕಗಳ ಉಪಯೋಗಗಳು:
• من نعم الله على الناس تسخير ما في السماوات وما في الأرض لهم.
• लोगों पर अल्लाह की नेमतों में से यह भी है कि उसने आकाशों और धरती की सारी चीज़ों को उनके वश में कर दिया है।

• إثبات صفتي الرأفة والرحمة لله تعالى.
• अल्लाह तआला के लिए 'राफ़त' (करुणा) और 'रह़मत' (दया) के गुणों को साबित करना।

• إحاطة علم الله بما في السماوات والأرض وما بينهما.
• आकाशों और धरती की तथा उन दोनों के बीच की सारी चीज़ें अल्लाह के ज्ञान के घेरे में हैं।

• التقليد الأعمى هو سبب تمسك المشركين بشركهم بالله.
• अंधा अनुकरण ही मुश्रिकों के अपने शिर्क से चिपके रहने का कारण है।

 
ಅರ್ಥಗಳ ಅನುವಾದ ಶ್ಲೋಕ: (67) ಅಧ್ಯಾಯ: ಸೂರ ಅಲ್- ಹಜ್ಜ್
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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