ಪವಿತ್ರ ಕುರ್‌ಆನ್ ಅರ್ಥಾನುವಾದ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ಅನುವಾದಗಳ ವಿಷಯಸೂಚಿ


ಅರ್ಥಗಳ ಅನುವಾದ ಶ್ಲೋಕ: (31) ಅಧ್ಯಾಯ: ಸೂರ ಯಾಸೀನ್
اَلَمْ یَرَوْا كَمْ اَهْلَكْنَا قَبْلَهُمْ مِّنَ الْقُرُوْنِ اَنَّهُمْ اِلَیْهِمْ لَا یَرْجِعُوْنَ ۟
क्या इन रसूलों को झुठलाने वाले और उनका उपहास करने वाले लोगों ने अपने से पूर्व समुदायों से शिक्षा ग्रहण नहीं किया? क्योंकि वे मर चुके हैं और फिर से दुनिया में कभी नहीं लौटेंगे, बल्कि उन कामों की ओर जा चुके हैं, जो उन्होंने (दुनिया में) करके आगे बढ़ाए थे और अल्लाह उन्हें उनका बदला देगा।
ಅರಬ್ಬಿ ವ್ಯಾಖ್ಯಾನಗಳು:
ಈ ಪುಟದಲ್ಲಿರುವ ಶ್ಲೋಕಗಳ ಉಪಯೋಗಗಳು:
• ما أهون الخلق على الله إذا عصوه، وما أكرمهم عليه إن أطاعوه.
• यदि लोग अल्लाह की अवज्ञा करें, तो वे उसके निकट कितने तुच्छ हो जाते हैं! और अगर वे उसकी आज्ञा का पालन करें, तो उसके निकट वे कितने सम्मानित हो जाते हैं!

• من الأدلة على البعث إحياء الأرض الهامدة بالنبات الأخضر، وإخراج الحَبِّ منه.
• मरणोपरांत दोबारा उठाए जाने के प्रमाणों में से एक हरे पौधे के द्वारा मृत भूमि को जीवित करना और उससे अनाज निकालना है।

• من أدلة التوحيد: خلق المخلوقات في السماء والأرض وتسييرها بقدر.
• तौहीद (एकेश्वरवाद) के प्रमाणों में से एक प्रमाण : आकाश तथा धरती में प्राणियों की रचना करना और एक निर्धारित अनुमान के अनुसार उन्हें चलाना है।

 
ಅರ್ಥಗಳ ಅನುವಾದ ಶ್ಲೋಕ: (31) ಅಧ್ಯಾಯ: ಸೂರ ಯಾಸೀನ್
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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