ಪವಿತ್ರ ಕುರ್‌ಆನ್ ಅರ್ಥಾನುವಾದ - ಹಿಂದಿ ಅನುವಾದ * - ಅನುವಾದಗಳ ವಿಷಯಸೂಚಿ

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ಅರ್ಥಗಳ ಅನುವಾದ ಶ್ಲೋಕ: (58) ಅಧ್ಯಾಯ: ಸೂರ ಅಲ್- ಅಅ್ ರಾಫ್
وَالْبَلَدُ الطَّیِّبُ یَخْرُجُ نَبَاتُهٗ بِاِذْنِ رَبِّهٖ ۚ— وَالَّذِیْ خَبُثَ لَا یَخْرُجُ اِلَّا نَكِدًا ؕ— كَذٰلِكَ نُصَرِّفُ الْاٰیٰتِ لِقَوْمٍ یَّشْكُرُوْنَ ۟۠
और अच्छी भूमि के पौधे उसके रब के आदेश से (भरपूर) निकलते हैं, और जो (भूमि) ख़राब है उससे आधी-अधूरी पैदावार के सिवा कुछ नहीं निकलता। इसी प्रकार हम निशानियों[26] को उन लोगों के लिए फेर-फेरकर बयान करते हैं, जो शुक्र अदा करते हैं।
26. नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया : मुझे अल्लाह ने जिस मार्गदर्शन और ज्ञान के साथ भेजा है, वह उस वर्षा के समान है, जो किसी भूमि में हुई। तो उसका कुछ भाग अच्छा था जिसने पानी लिया और उससे बहुत सी घास और चारा उगाया। और कुछ कड़ा था जिसने पानी रोक लिया, तो लोगों को लाभ हुआ और उससे पिया और सींचा। और कुछ चिकना था, जिसने न पानी रोका न घास उपजाई। तो यही उसकी दशा है जिसने अल्लाह के धर्म को समझा और उसे सीखा तथा सिखाया। और उसकी जिस ने उसपर ध्यान ही नहीं दिया और न अल्लाह के मार्गदर्शन को स्वीकार किया, जिसके साथ मुझे भेजा गया है। (सह़ीह़ बुख़ारी : 79)
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ಅರ್ಥಗಳ ಅನುವಾದ ಶ್ಲೋಕ: (58) ಅಧ್ಯಾಯ: ಸೂರ ಅಲ್- ಅಅ್ ರಾಫ್
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