ಪವಿತ್ರ ಕುರ್‌ಆನ್ ಅರ್ಥಾನುವಾದ - ಹಿಂದಿ ಅನುವಾದ * - ಅನುವಾದಗಳ ವಿಷಯಸೂಚಿ

XML CSV Excel API
Please review the Terms and Policies

ಅರ್ಥಗಳ ಅನುವಾದ ಶ್ಲೋಕ: (13) ಅಧ್ಯಾಯ: ಸೂರ ಅತ್ತೌಬ
اَلَا تُقَاتِلُوْنَ قَوْمًا نَّكَثُوْۤا اَیْمَانَهُمْ وَهَمُّوْا بِاِخْرَاجِ الرَّسُوْلِ وَهُمْ بَدَءُوْكُمْ اَوَّلَ مَرَّةٍ ؕ— اَتَخْشَوْنَهُمْ ۚ— فَاللّٰهُ اَحَقُّ اَنْ تَخْشَوْهُ اِنْ كُنْتُمْ مُّؤْمِنِیْنَ ۟
क्या तुम उन लोगों से नहीं लड़ोगे, जिन्होंने अपनी क़समें तोड़ दीं और रसूल को निकालने का इरादा किया, और उन्होंने ही तुमसे युद्ध का आरंभ किया है? क्या तुम उनसे डरते हो? तो अल्लाह अधिक हक़दार है कि तुम उससे डरो, यदि तुम ईमानवाले[6] हो।
6. आयत संख्या 7 से लेकर 13 तक यह बताया गया है कि शत्रु ने निरंतर संधि को तोड़ा है। और तुम्हें युद्ध के लिए बाध्य कर दिया है। अब उनके अत्याचार और आक्रमण को रोकने का यही उपाय रह गया है कि उनसे युद्ध किया जाए।
ಅರಬ್ಬಿ ವ್ಯಾಖ್ಯಾನಗಳು:
 
ಅರ್ಥಗಳ ಅನುವಾದ ಶ್ಲೋಕ: (13) ಅಧ್ಯಾಯ: ಸೂರ ಅತ್ತೌಬ
ಅಧ್ಯಾಯಗಳ ವಿಷಯಸೂಚಿ ಪುಟ ಸಂಖ್ಯೆ
 
ಪವಿತ್ರ ಕುರ್‌ಆನ್ ಅರ್ಥಾನುವಾದ - ಹಿಂದಿ ಅನುವಾದ - ಅನುವಾದಗಳ ವಿಷಯಸೂಚಿ

ಪವಿತ್ರ ಕುರ್‌ಆನ್ ಹಿಂದಿ ಅರ್ಥಾನುವಾದ - ಅಝೀಝುಲ್ ಹಕ್ ಉಮ್ರಿ

ಮುಚ್ಚಿ