വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഹിന്ദി വിവർത്തനം * - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക

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പരിഭാഷ അദ്ധ്യായം: സൂറത്ത് ത്വാഹാ   ആയത്ത്:

सूरा ताहा

طٰهٰ ۟
ता, हा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
مَاۤ اَنْزَلْنَا عَلَیْكَ الْقُرْاٰنَ لِتَشْقٰۤی ۟ۙ
हमने आपपर यह क़ुरआन इसलिए नहीं अवतरित किया कि आप कष्ट में पड़ जाएँ।[1]
1. अर्थात विरोधियों के ईमान न लाने पर।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِلَّا تَذْكِرَةً لِّمَنْ یَّخْشٰی ۟ۙ
परंतु उसकी याददहानी (नसीहत) के लिए, जो डरता[2] है।
2. अर्थात ईमान न लाने तथा कुकर्मों के दुष्परिणाम से।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
تَنْزِیْلًا مِّمَّنْ خَلَقَ الْاَرْضَ وَالسَّمٰوٰتِ الْعُلٰی ۟ؕ
उसकी ओर से उतारा हुआ है, जिसने पृथ्वी और ऊँचे आकाशों को बनाया।।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَلرَّحْمٰنُ عَلَی الْعَرْشِ اسْتَوٰی ۟
वह रहमान (अत्यंत दयावान् अल्लाह) अर्श (सिंहासन) पर बुलंद हुआ।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
لَهٗ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَمَا فِی الْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا وَمَا تَحْتَ الثَّرٰی ۟
उसी का[3] है, जो कुछ आकाशों में और जो कुछ धरती में है और जो उन दोनों के बीच है तथा जो गीली मिट्टी के नीचे है।
3. अर्थात उसी के स्वामित्व में तथा उसी के अधीन है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاِنْ تَجْهَرْ بِالْقَوْلِ فَاِنَّهٗ یَعْلَمُ السِّرَّ وَاَخْفٰی ۟
यदि तुम उच्च स्वर में बात करो, तो वह गुप्त और उससे भी अधिक गुप्त बात को जानता है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَللّٰهُ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ؕ— لَهُ الْاَسْمَآءُ الْحُسْنٰی ۟
अल्लाह वह है जिसके सिवा कोई पूज्य नहीं, सबसे अच्छे नाम उसी के हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَهَلْ اَتٰىكَ حَدِیْثُ مُوْسٰی ۟ۘ
और क्या (ऐ नबी!) आपके पास मूसा की ख़बर पहुँची?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِذْ رَاٰ نَارًا فَقَالَ لِاَهْلِهِ امْكُثُوْۤا اِنِّیْۤ اٰنَسْتُ نَارًا لَّعَلِّیْۤ اٰتِیْكُمْ مِّنْهَا بِقَبَسٍ اَوْ اَجِدُ عَلَی النَّارِ هُدًی ۟
जब उसने एक आग देखी, तो अपने घरवालों से कहा : ठहरो, निःसंदेह मैंने एक आग देखी है, शायद मैं तुम्हारे पास उससे कोई अंगार लाे आऊँ, अथवा उस आग पर कोई मार्गदर्शन पा लूँ।[4]
4. यह उस समय की बात है, जब मूसा अलैहिस्सलाम अपने परिवार के साथ मदयन नगर से मिस्र आ रहे थे और मार्ग भूल गए थे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَلَمَّاۤ اَتٰىهَا نُوْدِیَ یٰمُوْسٰی ۟ؕ
फिर जब वह उसके पास आया तो उसे आवाज़ दी गई : ऐ मूसा!
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِنِّیْۤ اَنَا رَبُّكَ فَاخْلَعْ نَعْلَیْكَ ۚ— اِنَّكَ بِالْوَادِ الْمُقَدَّسِ طُوًی ۟ؕ
निःसंदेह मैं ही तेरा पालनहार हूँ, अतः अपने दोनों जूते उतार दे, निःसंदेह तू पवित्र वादी “तुवा” में है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاَنَا اخْتَرْتُكَ فَاسْتَمِعْ لِمَا یُوْحٰی ۟
और मैंने तुझे चुन[5] लिया है। अतः ध्यान से सुन, जो वह़्य की जा रही है।
5. अर्थात नबी बना दिया।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِنَّنِیْۤ اَنَا اللّٰهُ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّاۤ اَنَا فَاعْبُدْنِیْ ۙ— وَاَقِمِ الصَّلٰوةَ لِذِكْرِیْ ۟
निःसंदेह मैं ही अल्लाह हूँ, मेरे सिवा कोई पूज्य नहीं, तो मेरी ही इबादत कर तथा मेरे स्मरण (याद) के लिए नमाज़ स्थापित कर।[6]
6. इबादत में नमाज़ सम्मिलित है, फिर भी उसका महत्त्व दिखाने के लिए उसका विशेष आदेश दिया गया है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِنَّ السَّاعَةَ اٰتِیَةٌ اَكَادُ اُخْفِیْهَا لِتُجْزٰی كُلُّ نَفْسٍ بِمَا تَسْعٰی ۟
निश्चय क़ियामत आने वाली है, मैं क़रीब हूँ कि उसे छिपाकर रखूँ। ताकि प्रत्येक प्राणी को उसका बदला दिया जाए, जो वह प्रयास करता है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَلَا یَصُدَّنَّكَ عَنْهَا مَنْ لَّا یُؤْمِنُ بِهَا وَاتَّبَعَ هَوٰىهُ فَتَرْدٰی ۟
अतः तुझे उससे वह व्यक्ति कहीं रोक न दे, जो उसपर ईमान (विश्वास) नहीं रखता और अपनी इच्छा के पालन में लगा है, अन्यथा तेरा नाश हो जाएगा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَمَا تِلْكَ بِیَمِیْنِكَ یٰمُوْسٰی ۟
और ऐ मूसा! यह तेरे दाहिने हाथ में क्या है?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ هِیَ عَصَایَ ۚ— اَتَوَكَّؤُا عَلَیْهَا وَاَهُشُّ بِهَا عَلٰی غَنَمِیْ وَلِیَ فِیْهَا مَاٰرِبُ اُخْرٰی ۟
उसने कहा : यह मेरी लाठी है। मैं इसपर टेक लगाता हूँ और इससे अपनी बकरियों के लिए पत्ते झाड़ता हूँ और मेरे लिए इसमें और भी कई ज़रूरतें हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ اَلْقِهَا یٰمُوْسٰی ۟
फरमाया : इसे फेंक दे, ऐ मूसा!
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَاَلْقٰىهَا فَاِذَا هِیَ حَیَّةٌ تَسْعٰی ۟
तो उसने उसे फेंक दिया और सहसा वह एक साँप था, जो दोड़ रहा था।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ خُذْهَا وَلَا تَخَفْ ۫— سَنُعِیْدُهَا سِیْرَتَهَا الْاُوْلٰی ۟
फरमाया : इसे पकड़ ले और डर मत, जल्द ही हम इसे इसकी प्रथम स्थिति में लौटा देंगे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاضْمُمْ یَدَكَ اِلٰی جَنَاحِكَ تَخْرُجْ بَیْضَآءَ مِنْ غَیْرِ سُوْٓءٍ اٰیَةً اُخْرٰی ۟ۙ
और अपना हाथ अपनी कांख (बग़ल) की ओर लगा दे, वह बिना किसी दोष के सफेद (चमकता हुआ) निकलेगा, जबकि यह एक और निशानी है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
لِنُرِیَكَ مِنْ اٰیٰتِنَا الْكُبْرٰی ۟ۚ
ताकि हम तुझे अपनी कुछ बड़ी निशानियाँ दिखाएँ।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِذْهَبْ اِلٰی فِرْعَوْنَ اِنَّهٗ طَغٰی ۟۠
फ़िरऔन के पास जा, निश्चय वह सरकश हो गया है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ رَبِّ اشْرَحْ لِیْ صَدْرِیْ ۟ۙ
उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरे लिए मेरा सीना खोल दे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَیَسِّرْ لِیْۤ اَمْرِیْ ۟ۙ
तथा मेरे लिए मेरा काम सरल कर दे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاحْلُلْ عُقْدَةً مِّنْ لِّسَانِیْ ۟ۙ
और मेरी ज़बान की गाँठ खोल दे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
یَفْقَهُوْا قَوْلِیْ ۪۟
ताकि वे मेरी बात समझ लें।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاجْعَلْ لِّیْ وَزِیْرًا مِّنْ اَهْلِیْ ۟ۙ
तथा मेरे लिए मेरे अपने घरवालों में से एक सहायकबना दे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
هٰرُوْنَ اَخِی ۟ۙ
हारून को, जो मेरा भाई है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اشْدُدْ بِهٖۤ اَزْرِیْ ۟ۙ
उसके साथ मेरी पीठ मज़बूत़ कर दे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاَشْرِكْهُ فِیْۤ اَمْرِیْ ۟ۙ
और उसे मेरे काम में शरीक कर दे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
كَیْ نُسَبِّحَكَ كَثِیْرًا ۟ۙ
ताकि हम तेरी बहुत ज़्यादा पवित्रता बयान करें।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَّنَذْكُرَكَ كَثِیْرًا ۟ؕ
तथा हम तुझे बहुत ज़्यादा याद करें।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِنَّكَ كُنْتَ بِنَا بَصِیْرًا ۟
निःसंदेह तू हमेशा हमारी स्थिति को भली प्रकार देखने वाला है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ قَدْ اُوْتِیْتَ سُؤْلَكَ یٰمُوْسٰی ۟
फरमाया : निःसंदेह तुझे दिया गया जो तूने माँगा, ऐ मूसा!
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَلَقَدْ مَنَنَّا عَلَیْكَ مَرَّةً اُخْرٰۤی ۟ۙ
और निश्चय ही हमने तुझपर एक और बार भी उपकार किया।[7]
7. यह उस समय की बात है जब मूसा का जन्म हुआ। उस समय फ़िरऔन का आदेश था कि बनी इसराईल में जो भी शिशु जन्म ले, उसे वध कर दिया जाए।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِذْ اَوْحَیْنَاۤ اِلٰۤی اُمِّكَ مَا یُوْحٰۤی ۟ۙ
जब हमने तेरी माँ की ओर वह़्य की, जो वह़्य की जाती थी।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَنِ اقْذِفِیْهِ فِی التَّابُوْتِ فَاقْذِفِیْهِ فِی الْیَمِّ فَلْیُلْقِهِ الْیَمُّ بِالسَّاحِلِ یَاْخُذْهُ عَدُوٌّ لِّیْ وَعَدُوٌّ لَّهٗ ؕ— وَاَلْقَیْتُ عَلَیْكَ مَحَبَّةً مِّنِّیْ ۚ۬— وَلِتُصْنَعَ عَلٰی عَیْنِیْ ۟ۘ
यह कि तू इसे ताबूत (संदूक़) में रख दे, फिर उसे नदी में डाल दे, फिर नदी उसे किनारे पर डाल दे, उसे मेरा एक शत्रु और उसका शत्रु उठा लेगा[8] और मैंने तुझपर अपनी ओर से एक प्रेम[9] डाल दिया और ताकि तेरा पालन-पोषण मेरी आँखों के सामने किया जाए।
8. इस से तात्पर्य मिस्र का राजा फ़िरऔन है। 9. अर्थात तुम्हें सबका प्रिय अथवा फ़िरऔन का भी प्रिय बना दिया।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِذْ تَمْشِیْۤ اُخْتُكَ فَتَقُوْلُ هَلْ اَدُلُّكُمْ عَلٰی مَنْ یَّكْفُلُهٗ ؕ— فَرَجَعْنٰكَ اِلٰۤی اُمِّكَ كَیْ تَقَرَّ عَیْنُهَا وَلَا تَحْزَنَ ؕ۬— وَقَتَلْتَ نَفْسًا فَنَجَّیْنٰكَ مِنَ الْغَمِّ وَفَتَنّٰكَ فُتُوْنًا ۫۬— فَلَبِثْتَ سِنِیْنَ فِیْۤ اَهْلِ مَدْیَنَ ۙ۬— ثُمَّ جِئْتَ عَلٰی قَدَرٍ یّٰمُوْسٰی ۟
जब तेरी बहन[10] चल रही थी और कह रही थी : क्या मैं तुम्हें उसका पता बता दूँ, जो इसका पालन-पोषण करे? फिर हमने तुझे तेरी माँ के पास लौटा दिया, ताकि उसकी आँख ठंडी हो और वह शोक न करे। तथा तूने एक आदमी को मार डाला[11], तो हमने तुझे दुःखसे बचा लिया और हमने तुम्हारी अच्छी तरह से परीक्षा ली। फिर तू कई वर्ष मदयन वालों के बीच ठहरा रहा, फिर तू एक निश्चित अनुमान पर आया, ऐ मूसा!
10. अर्थात संदूक़ के पीछे नदी के किनारे। 11. अर्थात एक फ़िरऔनी को मारा और वह मर गया, तो तुम मदयन चले गए, इसका वर्णन सूरतुल-क़स़स़ में आएगा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاصْطَنَعْتُكَ لِنَفْسِیْ ۟ۚ
और मैंने तुझे विशेष रूप से अपने लिए बनाया है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِذْهَبْ اَنْتَ وَاَخُوْكَ بِاٰیٰتِیْ وَلَا تَنِیَا فِیْ ذِكْرِیْ ۟ۚ
तू और तेरा भाई मेरी निशानियाँ लेकर जाओ और मुझे याद करने में आलस्य न करो।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِذْهَبَاۤ اِلٰی فِرْعَوْنَ اِنَّهٗ طَغٰی ۟ۚۖ
तुम दोनों फ़िरऔन के पास जाओ, निःसंदेह वह सरकश हो गया है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَقُوْلَا لَهٗ قَوْلًا لَّیِّنًا لَّعَلَّهٗ یَتَذَكَّرُ اَوْ یَخْشٰی ۟
तो उससे कोमल बात करो, आशा है कि वह उपदेश ग्रहण करे, या (अल्लाह से) डर जाए।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَا رَبَّنَاۤ اِنَّنَا نَخَافُ اَنْ یَّفْرُطَ عَلَیْنَاۤ اَوْ اَنْ یَّطْغٰی ۟
दोनों ने कहा : ऐ हमारे पालनहार! निश्चय ह डरते हैं कि वह हमपर अत्याचार करेगा, या हद से बढ़ जाएगा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ لَا تَخَافَاۤ اِنَّنِیْ مَعَكُمَاۤ اَسْمَعُ وَاَرٰی ۟
फरमाया : डरो मत, मैं तुम्हारे साथ हूँ, सब कुछ सुन रहा हूँ और सब कुछ देख रहा हूँ।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَاْتِیٰهُ فَقُوْلَاۤ اِنَّا رَسُوْلَا رَبِّكَ فَاَرْسِلْ مَعَنَا بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ ۙ۬— وَلَا تُعَذِّبْهُمْ ؕ— قَدْ جِئْنٰكَ بِاٰیَةٍ مِّنْ رَّبِّكَ ؕ— وَالسَّلٰمُ عَلٰی مَنِ اتَّبَعَ الْهُدٰی ۟
अतः तुम दोनों उसके पास जाओ और कहो : हम तेरे पालनहार के रसूल हैं। अतः तू हमारे साथ बनी इसराईल को भेज दे और उन्हें यातना न दे, निश्चय हम तेरे पास तेरे पालनहार की ओर से एक निशानी लेकर आए हैं और सलामती है उसके लिए, जो मार्गदर्शन का अनुसरण करे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِنَّا قَدْ اُوْحِیَ اِلَیْنَاۤ اَنَّ الْعَذَابَ عَلٰی مَنْ كَذَّبَ وَتَوَلّٰی ۟
निःसंदेह हमारी ओर वह़्य (प्रकाशना) की गई है कि निश्चय ही यातना उसके लिए है, जिसने झुठलाया और मुँह फेरा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ فَمَنْ رَّبُّكُمَا یٰمُوْسٰی ۟
उसने कहा : तुम दोनों का पालनहार कौन है, ऐ मूसा!?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ رَبُّنَا الَّذِیْۤ اَعْطٰی كُلَّ شَیْءٍ خَلْقَهٗ ثُمَّ هَدٰی ۟
(मूसा ने) कहा : हमारा पालनहार वह है, जिसने हर चीज़ को उसका आकार और रूप दिया, फिर रास्ता दिखाया।[12]
12. आयत का भावार्थ यह है कि अल्लाह ने प्रत्येक जीव-जंतु के योग्य उसका रूप बनाया। और उसके जीवन की आवश्यकता के अनुसार उसे खाने-पीने तथा निवास की विधि समझा दी है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ فَمَا بَالُ الْقُرُوْنِ الْاُوْلٰی ۟
उसने कहा : अच्छा, तो पहले ज़माने के लोगों का क्या हाल है?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ عِلْمُهَا عِنْدَ رَبِّیْ فِیْ كِتٰبٍ ۚ— لَا یَضِلُّ رَبِّیْ وَلَا یَنْسَی ۟ؗ
(मूसा ने) कहा : उनका ज्ञान मेरे रब के पास एक किताब में है, मेरा रब न भटकता है और न भूलता है।[13]
13. अर्थात उन्होंने जैसा किया होगा, उनके आगे उनका परिणाम आएगा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
الَّذِیْ جَعَلَ لَكُمُ الْاَرْضَ مَهْدًا وَّسَلَكَ لَكُمْ فِیْهَا سُبُلًا وَّاَنْزَلَ مِنَ السَّمَآءِ مَآءً ؕ— فَاَخْرَجْنَا بِهٖۤ اَزْوَاجًا مِّنْ نَّبَاتٍ شَتّٰی ۟
वही है जिसने तुम्हारे लिए ज़मीन को बिछौना बनाया और उसमें तुम्हारे लिए रास्ते बनाए और आसमान से कुछ पानी उतारा, फिर हमने उसके द्वारा विभिन्न पौधों की कई क़िस्में निकालीं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
كُلُوْا وَارْعَوْا اَنْعَامَكُمْ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّاُولِی النُّهٰی ۟۠
खाओ और अपने चौपायों को चराओ, निःसंदेह इसमें बुद्धि वाले लोगों के लिए निश्चय बहुत-सी निशानियाँ हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
مِنْهَا خَلَقْنٰكُمْ وَفِیْهَا نُعِیْدُكُمْ وَمِنْهَا نُخْرِجُكُمْ تَارَةً اُخْرٰی ۟
इसी से हमने तुम्हें पैदा किया और इसी में हम तुम्हें लौटाएँगे और इसी से हम तुम्हें एक बार फिर[14] निकालेंगे।
14. अर्थात प्रलय के दिन पुनः जीवित निकालेंगे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَلَقَدْ اَرَیْنٰهُ اٰیٰتِنَا كُلَّهَا فَكَذَّبَ وَاَبٰی ۟
और निःसंदेह हमने उसे अपनी सब निशानियाँ दिखाईं, तो उसने झुठलाया और इनकार किया।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ اَجِئْتَنَا لِتُخْرِجَنَا مِنْ اَرْضِنَا بِسِحْرِكَ یٰمُوْسٰی ۟
उसने कहा : क्या तू हमारे पास इसलिए आया है कि हमें हमारी धरती से अपने जादू के द्वारा निकाल दे, ऐ मूसा!?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَلَنَاْتِیَنَّكَ بِسِحْرٍ مِّثْلِهٖ فَاجْعَلْ بَیْنَنَا وَبَیْنَكَ مَوْعِدًا لَّا نُخْلِفُهٗ نَحْنُ وَلَاۤ اَنْتَ مَكَانًا سُوًی ۟
तो हम भी अवश्य तेरे पास ऐसा ही जादू लाएँगे, अतः तू हमारे और अपने बीच वादे का एक समय निर्धारित कर दे, कि न हम उसके ख़िलाफ़ हों और न तू, ऐसी जगह जो बराबर हो।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ مَوْعِدُكُمْ یَوْمُ الزِّیْنَةِ وَاَنْ یُّحْشَرَ النَّاسُ ضُحًی ۟
(मूसा ने) कहा : तुम्हारे वादे का समय उत्सव का दिन[15] है तथा यह कि लोग दिन चढ़े इकट्ठे हो जाएँ।
15. इससे अभिप्राय उनका कोई वार्षिक उत्सव (मेले) का दिन था।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَتَوَلّٰی فِرْعَوْنُ فَجَمَعَ كَیْدَهٗ ثُمَّ اَتٰی ۟
फिर फ़िरऔन वापस लौटा,[16] उसने अपने सारे हथकंडे जुटाए, फिर आ गया।
16. मूसा के सत्य को न मान कर, मुक़ाबले की तैयारी में व्यस्त हो गया।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ لَهُمْ مُّوْسٰی وَیْلَكُمْ لَا تَفْتَرُوْا عَلَی اللّٰهِ كَذِبًا فَیُسْحِتَكُمْ بِعَذَابٍ ۚ— وَقَدْ خَابَ مَنِ افْتَرٰی ۟
मूसा ने उन (जादूगरों) से कहा : तुम्हारा विनाश हो! अल्लाह पर कोई झूठ मत गढ़ना, नहीं तो वह तुम्हें यातना देकर नष्ट कर देगा और निश्चय विफल हुआ, जिसने झूठ गढ़ा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَتَنَازَعُوْۤا اَمْرَهُمْ بَیْنَهُمْ وَاَسَرُّوا النَّجْوٰی ۟
तो वे अपने मामले में आपस में मतभेद करने लगे[17] और उन्होंने चुपके-चुपके कानाफूसी की।
17. अर्थात मूसा (अलैहिस्सलाम) की बात सुनकर उनमें मतभेद हो गया। कुछ ने कहा कि यह जादूगर है और कुछ ने कहा कि यह चेहरा जादूगर का नहीं हो सकता।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالُوْۤا اِنْ هٰذٰنِ لَسٰحِرٰنِ یُرِیْدٰنِ اَنْ یُّخْرِجٰكُمْ مِّنْ اَرْضِكُمْ بِسِحْرِهِمَا وَیَذْهَبَا بِطَرِیْقَتِكُمُ الْمُثْلٰی ۟
(कुछ ने) कहा : निःसंदेह ये दोनों जादूगर हैं, वे अपने जादू द्वारा तुम्हें तुम्हारे भूभाग से निकाल देना चाहते हैं और तुम्हारे सबसे अच्छे रास्ते (आदर्श प्रणाली) को समाप्त कर देना चाहते हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَاَجْمِعُوْا كَیْدَكُمْ ثُمَّ ائْتُوْا صَفًّا ۚ— وَقَدْ اَفْلَحَ الْیَوْمَ مَنِ اسْتَعْلٰی ۟
अतः तुम अपने उपाय को मज़बूत कर लो, फिर पंक्तिबद्ध होकर आ जाओ और निश्चय आज वही सफल होगा, जो हावी रहेगा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالُوْا یٰمُوْسٰۤی اِمَّاۤ اَنْ تُلْقِیَ وَاِمَّاۤ اَنْ نَّكُوْنَ اَوَّلَ مَنْ اَلْقٰی ۟
उन्होंने कहा : ऐ मूसा! या तो तुम फेंको या यह कि हम पहले फेंकने वाले हो जाएँ।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ بَلْ اَلْقُوْا ۚ— فَاِذَا حِبَالُهُمْ وَعِصِیُّهُمْ یُخَیَّلُ اِلَیْهِ مِنْ سِحْرِهِمْ اَنَّهَا تَسْعٰی ۟
(मूसा ने) कहा : बल्कि तुम्हीं फेंको। फिर उनकी रस्सियाँ तथा लाठियाँ, उसकी कल्पना में आता था कि उनके जादू के कारण सचमुच दौड़ रही हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَاَوْجَسَ فِیْ نَفْسِهٖ خِیْفَةً مُّوْسٰی ۟
तो मूसा ने अपने मन में एक डर महसूस किया।[18]
18. मूसा अलैहिस्सलाम को यह भय हुआ कि लोग जादूगरों के धोखे में न आ जाएँ।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قُلْنَا لَا تَخَفْ اِنَّكَ اَنْتَ الْاَعْلٰی ۟
हमने कहा : डरो मत, निश्चित रूप से तू ही प्रबल होगा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاَلْقِ مَا فِیْ یَمِیْنِكَ تَلْقَفْ مَا صَنَعُوْا ؕ— اِنَّمَا صَنَعُوْا كَیْدُ سٰحِرٍ ؕ— وَلَا یُفْلِحُ السَّاحِرُ حَیْثُ اَتٰی ۟
और फेंक दे, जो तेरे दाहिने हाथ में है, वह निगल जाएगा जो कुछ उन्होंने रचा है। निःसंदेह उन्होंने जो कुछ रचा है, वह जादूगर की चाल है और जादूगर जहाँ भी आए, सफल नहीं होता।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَاُلْقِیَ السَّحَرَةُ سُجَّدًا قَالُوْۤا اٰمَنَّا بِرَبِّ هٰرُوْنَ وَمُوْسٰی ۟
फिर जादूगर सजदे में गिर गए, उन्होंने कहा : हम हारून और मूसा के रब पर ईमान लाए।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ اٰمَنْتُمْ لَهٗ قَبْلَ اَنْ اٰذَنَ لَكُمْ ؕ— اِنَّهٗ لَكَبِیْرُكُمُ الَّذِیْ عَلَّمَكُمُ السِّحْرَ ۚ— فَلَاُقَطِّعَنَّ اَیْدِیَكُمْ وَاَرْجُلَكُمْ مِّنْ خِلَافٍ وَّلَاُوصَلِّبَنَّكُمْ فِیْ جُذُوْعِ النَّخْلِ ؗ— وَلَتَعْلَمُنَّ اَیُّنَاۤ اَشَدُّ عَذَابًا وَّاَبْقٰی ۟
उसने कहा : तुम उसपर ईमान ले आए इससे पहले कि मैं तुम्हें अनुमति दूँ? निश्चय ही यह तुम्हारा बड़ा है, जिसने तुम्हें जादू सिखाया है। इसलिए निश्चित रूप से मैं तुम्हारे हाथ और तुम्हारे पैर विपरीत दिशा[19] से बुरी तरह काट दूँगा, और अवश्य ही तुम्हें खजूर के तनों पर सूली दूँगा तथा निश्चय ही तुम अवश्य जान लोगे कि हममें से कौन अधिक कठोर एवं स्थायी यातना देने वाला है।
19. अर्थात दाहिना हाथ और बायाँ पैर अथवा बायाँ हाथ और दाहिना पैर।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالُوْا لَنْ نُّؤْثِرَكَ عَلٰی مَا جَآءَنَا مِنَ الْبَیِّنٰتِ وَالَّذِیْ فَطَرَنَا فَاقْضِ مَاۤ اَنْتَ قَاضٍ ؕ— اِنَّمَا تَقْضِیْ هٰذِهِ الْحَیٰوةَ الدُّنْیَا ۟ؕ
उन्होंने कहा : हम तुझे कदापि तरजीह नहीं देंगे उन स्पष्ट तर्कों पर जो हमारे पास आए हैं और उसपर, जिसने हमें पैदा किया है। अतः फैसला कर, जो तू फ़ैसला करने वाला है। तू केवल इस दुनिया के जीवन का फ़ैसला कर सकता है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِنَّاۤ اٰمَنَّا بِرَبِّنَا لِیَغْفِرَ لَنَا خَطٰیٰنَا وَمَاۤ اَكْرَهْتَنَا عَلَیْهِ مِنَ السِّحْرِ ؕ— وَاللّٰهُ خَیْرٌ وَّاَبْقٰی ۟
निःसंदेह हम अपने पालनहार पर ईमान लाए हैं, ताकि वह हमारे लिए हमारे पापों और जादू के उन कामों को क्षमा कर दे, जो तूने हमें करने के लिए मजबूर किया है और अल्लाह सर्वोत्तम और सदा रहने वाला है।[20]
20. और तेरा राज्य तथा जीवन तो सामयिक है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِنَّهٗ مَنْ یَّاْتِ رَبَّهٗ مُجْرِمًا فَاِنَّ لَهٗ جَهَنَّمَ ؕ— لَا یَمُوْتُ فِیْهَا وَلَا یَحْیٰی ۟
निःसंदेह तथ्य यह है कि जो अपने पालनहार के पास अपराधी बनकर आएगा, तो निश्चित रूप से उसी के लिए नरक है, जिसमें न वह मरेगा और न जिएगा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَمَنْ یَّاْتِهٖ مُؤْمِنًا قَدْ عَمِلَ الصّٰلِحٰتِ فَاُولٰٓىِٕكَ لَهُمُ الدَّرَجٰتُ الْعُلٰی ۟ۙ
तथा जो उसके पास मोमिन बनकर आएगा कि उसने अच्छे कर्म किए होंगे, तो यही लोग हैं जिनके लिए सर्वोच्च पद हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
جَنّٰتُ عَدْنٍ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِیْنَ فِیْهَا ؕ— وَذٰلِكَ جَزٰٓؤُا مَنْ تَزَكّٰی ۟۠
स्थायी निवास के बाग़, जिनके नीचे से नहरें बहती हैं, उनमें हमेशा के लिए रहने वाले हैं और यह उसका प्रतिफल है, जो पवित्र हुआ।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَلَقَدْ اَوْحَیْنَاۤ اِلٰی مُوْسٰۤی ۙ۬— اَنْ اَسْرِ بِعِبَادِیْ فَاضْرِبْ لَهُمْ طَرِیْقًا فِی الْبَحْرِ یَبَسًا ۙ— لَّا تَخٰفُ دَرَكًا وَّلَا تَخْشٰی ۟
और निश्चय ही हमने मूसा की ओर वह़्य की कि मेरे बंदो को रातों-रात ले जा, फिर उनके लिए समुद्र में एक सूखा मार्ग बना,[21] न तू पकड़े जाने से भय खाएगा और न डरेगा।
21. इसका सविस्तार वर्णन सूरतुश शुअरा : 26 में आ रहा है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَاَتْبَعَهُمْ فِرْعَوْنُ بِجُنُوْدِهٖ فَغَشِیَهُمْ مِّنَ الْیَمِّ مَا غَشِیَهُمْ ۟ؕ
फिर फ़िरऔन ने अपनी सेना के साथ उनका पीछा किया, तो उन्हें समुद्र से उस चीज़ ने ढाँप लिया जिसने उन्हें ढाँप लिया।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاَضَلَّ فِرْعَوْنُ قَوْمَهٗ وَمَا هَدٰی ۟
और फ़िरऔन ने अपनी क़ौम को गुमराह किया और उन्हें सीधे रास्ते पर न चलाया।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
یٰبَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ قَدْ اَنْجَیْنٰكُمْ مِّنْ عَدُوِّكُمْ وَوٰعَدْنٰكُمْ جَانِبَ الطُّوْرِ الْاَیْمَنَ وَنَزَّلْنَا عَلَیْكُمُ الْمَنَّ وَالسَّلْوٰی ۟
ऐ बनी इसराईल! निःसंदेह हमने तुम्हें तुम्हारे शत्रुओं से छुड़ाया और तुम्हें पर्वत के दाहिनी ओर[22] का वचन दिया और तुमपर 'मन्न' और 'सल्वा' उतारा।[23]
22. अर्ताथ तुमपर तौरात उतारने के लिए। 23. मन्न तथा सल्वा के भाष्य के लिये देखिए : सूरतुल-बक़रा, आयत : 57
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
كُلُوْا مِنْ طَیِّبٰتِ مَا رَزَقْنٰكُمْ وَلَا تَطْغَوْا فِیْهِ فَیَحِلَّ عَلَیْكُمْ غَضَبِیْ ۚ— وَمَنْ یَّحْلِلْ عَلَیْهِ غَضَبِیْ فَقَدْ هَوٰی ۟
खाओ उन पवित्र चीज़ों में से, जो हमने तुम्हें प्रदान की हैं तथा उनमें हद से न बढ़ो। अन्यथा तुमपर मेरा प्रकोप उतरेगा और जिसपर मेरा प्रकोप उतरा, तो निश्चय उसका सर्वनाश हो गया।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاِنِّیْ لَغَفَّارٌ لِّمَنْ تَابَ وَاٰمَنَ وَعَمِلَ صَالِحًا ثُمَّ اهْتَدٰی ۟
और निःसंदेह मैं निश्चय उसको बहुत क्षमा करने वाला हूँ, जो तौबा करे और ईमान लाए और अच्छा कर्म करे, फिर सीधे मार्ग पर चले।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَمَاۤ اَعْجَلَكَ عَنْ قَوْمِكَ یٰمُوْسٰی ۟
और तुझे तेरी जाति से जल्दी क्या चीज़ ले आई ऐ मूसा!?[24]
24. अर्थात तुम पर्वत की दाहिनी ओर अपनी जाति से पहले क्यों आ गए और उन्हें पीछे क्यों छोड़ दिया?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ هُمْ اُولَآءِ عَلٰۤی اَثَرِیْ وَعَجِلْتُ اِلَیْكَ رَبِّ لِتَرْضٰی ۟
उसने कहा : वे मेरे पीछे ही हैं और मैं तेरी ओर जल्दी आ गया, ऐ मेरे पालनहार! ताकि तू प्रसन्न हो जाए।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ فَاِنَّا قَدْ فَتَنَّا قَوْمَكَ مِنْ بَعْدِكَ وَاَضَلَّهُمُ السَّامِرِیُّ ۟
(अल्लाह ने) फरमाया : तो निश्चय हमने तेरे पीछे तेरी जाति के लोगों को परीक्षा में डाल दिया है और सामिरी ने उन्हें पथभ्रष्ट कर दिया है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَرَجَعَ مُوْسٰۤی اِلٰی قَوْمِهٖ غَضْبَانَ اَسِفًا ۚ۬— قَالَ یٰقَوْمِ اَلَمْ یَعِدْكُمْ رَبُّكُمْ وَعْدًا حَسَنًا ؕ۬— اَفَطَالَ عَلَیْكُمُ الْعَهْدُ اَمْ اَرَدْتُّمْ اَنْ یَّحِلَّ عَلَیْكُمْ غَضَبٌ مِّنْ رَّبِّكُمْ فَاَخْلَفْتُمْ مَّوْعِدِیْ ۟
फिर मूसा ग़ुस्से से भरा हुआ, खेद में डूबा हुआ अपनी जाति की ओर वापस आया। उसने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! क्या तुम्हारे रब ने तुम्हें अच्छा वादा नहीं दिया था?[25] तो क्या वह अवधि तुम पर लंबी हो गई,[26] या तुमने चाहा कि तुमपर तुम्हारे रब का कोई प्रकोप उतरे? तो तुमने मेरा वादा[27] तोड़ दिया।
25. अर्थात धर्म-पुस्तक तौरात देने का वादा। 26. अर्थात वादा की अवधि दीर्घ प्रतीत होने लगी। 27. अर्थात मेरे वापस आने तक, अल्लाह की इबादत पर स्थिर रहने की जो प्रतिज्ञा की थी।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالُوْا مَاۤ اَخْلَفْنَا مَوْعِدَكَ بِمَلْكِنَا وَلٰكِنَّا حُمِّلْنَاۤ اَوْزَارًا مِّنْ زِیْنَةِ الْقَوْمِ فَقَذَفْنٰهَا فَكَذٰلِكَ اَلْقَی السَّامِرِیُّ ۟ۙ
उन्होंने कहा : हमने अपने अधिकार से आपके वचन का उल्लंघन नहीं किया, लेकिन लोगों[28] के गहनों का कुछ बोझ हमपर लाद दिया गया था, तो हमने उन्हें फेंक[29] दिया और ऐसे ही सामिरी[30] ने फेंक दिया।
28. इससे अभिप्रेत फ़िरऔन की जाति है, जिनके आभूषण उन्होंने उधार ले रखे थे। 29. अर्थात अपने पास रखना नहीं चाहा, और एक अग्नि कुंड में फेंक दिया। 30. अर्थात जो कुछ उसके पास था।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَاَخْرَجَ لَهُمْ عِجْلًا جَسَدًا لَّهٗ خُوَارٌ فَقَالُوْا هٰذَاۤ اِلٰهُكُمْ وَاِلٰهُ مُوْسٰی ۚۙ۬— فَنَسِیَ ۟ؕ
फिर उसने[31] उनके लिए एक बछड़ा निकाला, जो मात्र शरीर था, जिसकी गाय की सी आवाज़ थी। तो उन्होंने कहा : यही तुम्हारा पूज्य तथा मूसा का पूज्य है, सो वह भूल गया है।
31. अर्थात सामिरी ने आभूषणों को पिघला कर बछड़ा बना लिया।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَفَلَا یَرَوْنَ اَلَّا یَرْجِعُ اِلَیْهِمْ قَوْلًا ۙ۬— وَّلَا یَمْلِكُ لَهُمْ ضَرًّا وَّلَا نَفْعًا ۟۠
तो क्या वे देखते नहीं कि वह न उनकी किसी बात का उत्तर देता है और न वह उनके किसी नुक़सान का मालिक है और न किसी लाभ का।[32]
32. फिर वह पूज्य कैसे हो सकता है?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَلَقَدْ قَالَ لَهُمْ هٰرُوْنُ مِنْ قَبْلُ یٰقَوْمِ اِنَّمَا فُتِنْتُمْ بِهٖ ۚ— وَاِنَّ رَبَّكُمُ الرَّحْمٰنُ فَاتَّبِعُوْنِیْ وَاَطِیْعُوْۤا اَمْرِیْ ۟
और निःसंदेह हारून उनसे पहले ही कह चुका था : ऐ मेरी जाति के लोगो! बात यह है कि इसके द्वारा तुम्हारी परीक्षा की गई है और निश्चय तुम्हारा पालनहार रहमान (अत्यंत दयावान् अल्लाह) ही है। अतः मेरा अनुसरण करो तथा मेरे आदेश का पालन करो।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالُوْا لَنْ نَّبْرَحَ عَلَیْهِ عٰكِفِیْنَ حَتّٰی یَرْجِعَ اِلَیْنَا مُوْسٰی ۟
उन्होंने कहा : हम इसी पर जमें बैठे रहेंगे, यहाँ तक कि मूसा हमारे पास वापस आ जाए।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ یٰهٰرُوْنُ مَا مَنَعَكَ اِذْ رَاَیْتَهُمْ ضَلُّوْۤا ۟ۙ
(मूसा ने) कहा : ऐ हारून! तुझे किस बात ने रोका, जब तूने उन्हें देखा कि वे पथभ्रष्ट हो गए हैं?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَلَّا تَتَّبِعَنِ ؕ— اَفَعَصَیْتَ اَمْرِیْ ۟
कि तू मेरा अनुसरण न करे? तो क्या तूने मेरे आदेश की अवहेलना की?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ یَبْنَؤُمَّ لَا تَاْخُذْ بِلِحْیَتِیْ وَلَا بِرَاْسِیْ ۚ— اِنِّیْ خَشِیْتُ اَنْ تَقُوْلَ فَرَّقْتَ بَیْنَ بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ وَلَمْ تَرْقُبْ قَوْلِیْ ۟
उसने कहा : ऐ मेरी माँ के बेटे! न मेरी दाढ़ी पकड़ और न मेरा सिर। मैं तो इससे डरा कि तू कहेगा : तूने बनी इसराईल में फूट डाल दी और मेरी बात की प्रतीक्षा नहीं की।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ فَمَا خَطْبُكَ یٰسَامِرِیُّ ۟
(मूसा ने) कहा : तो ऐ सामिरी! तोरा मामला क्या है?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ بَصُرْتُ بِمَا لَمْ یَبْصُرُوْا بِهٖ فَقَبَضْتُ قَبْضَةً مِّنْ اَثَرِ الرَّسُوْلِ فَنَبَذْتُهَا وَكَذٰلِكَ سَوَّلَتْ لِیْ نَفْسِیْ ۟
उसने कहा : मैंने वह चीज़ देखी, जो इन लोगों नहीं देखी, तो मैंने रसूल के पदचिह्न से एक मुट्ठी उठाली, फिर मैंने उसे डाल दिया और मेरे दिल ने इसी तरह करना मेरे लिए सुसज्जित कर दिया।[33]
33. अधिकांश भाष्यकारों ने रसूल से अभिप्राय जिबरील (फ़रिश्ता) लिया है। अर्थ यह है कि सामिरी ने यह बात बनाई कि जब उसने फ़िरऔन और उसकी सेना के डूबने के समय जिबरील (अलैहिस्सलाम) को घोड़े पर सवार वहाँ देखा, तो उन के घोड़े के पद्चिह्न की मिट्टी रख ली। और जब सोने का बछड़ा बनाकर उस धूल को उसपर फेंक दिया, तो उसके प्रभाव से उसमें से एक प्रकार की आवाज़ निकलने लगी, जो उनके कुपथ होने का कारण बनी।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ فَاذْهَبْ فَاِنَّ لَكَ فِی الْحَیٰوةِ اَنْ تَقُوْلَ لَا مِسَاسَ ۪— وَاِنَّ لَكَ مَوْعِدًا لَّنْ تُخْلَفَهٗ ۚ— وَانْظُرْ اِلٰۤی اِلٰهِكَ الَّذِیْ ظَلْتَ عَلَیْهِ عَاكِفًا ؕ— لَنُحَرِّقَنَّهٗ ثُمَّ لَنَنْسِفَنَّهٗ فِی الْیَمِّ نَسْفًا ۟
(मूसा ने) कहा : "बस चला जा, निःसंदेह तेरे लिए जीवन भर यह है कि तू कहता रहे : मुझे स्पर्श न करना।[1] और निःसंदेह तेरे लिए एक और भी वादा[2] है, जो तुझसे कदापि न टलेगा। तथा अपने पूज्य को देख, जिसका तू पुजारी बना रहा, निश्चय हम उसे अवश्य अच्छी तरह जलाएँगे, फिर निश्चय ही उसे समुद्र में अच्छी तरह से उड़ा देंगे।
34. अर्थात मेरे समीप न आना और न मुझे छूना, मैं अछूत हूँ। 35. अर्थात परलोक की यातना का।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِنَّمَاۤ اِلٰهُكُمُ اللّٰهُ الَّذِیْ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ؕ— وَسِعَ كُلَّ شَیْءٍ عِلْمًا ۟
तुम्हारा पूज्य तो अल्लाह ही है, जिसके अलावा कोई पूज्य नहीं, उसने हर चीज को ज्ञान से घेर रखा है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
كَذٰلِكَ نَقُصُّ عَلَیْكَ مِنْ اَنْۢبَآءِ مَا قَدْ سَبَقَ ۚ— وَقَدْ اٰتَیْنٰكَ مِنْ لَّدُنَّا ذِكْرًا ۟ۖۚ
इसी प्रकार हम आपको कुछ ऐसी ख़बरें सुनाते हैं जो गुज़र चुकी हैं और निःसंदेह हमने आपको अपनी तरफ़ से एक नसीहत प्रदान की है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
مَنْ اَعْرَضَ عَنْهُ فَاِنَّهٗ یَحْمِلُ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ وِزْرًا ۟ۙ
जो उससे मुँह फेरेगा, तो निश्चय ही वह क़ियामत के दिन एक भारी[36] बोझ उठाएगा।
36. अर्थात पापों का बोझ।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
خٰلِدِیْنَ فِیْهِ ؕ— وَسَآءَ لَهُمْ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ حِمْلًا ۟ۙ
वे उसमें हमेशा रहने वाले होंगे और क़ियामत के दिन वह उनके लिए बुरा बोझ होगा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
یَّوْمَ یُنْفَخُ فِی الصُّوْرِ وَنَحْشُرُ الْمُجْرِمِیْنَ یَوْمَىِٕذٍ زُرْقًا ۟
जिस दिन सूर[37] में फूँका जाएगा और हम अपराधियों को उस दिन इस दशा में इकट्ठा करेंगे कि नीली आँखों वाले होंगे।
37. "सूर" का अर्थ नरसिंघा है, जिसमें अल्लाह के आदेश से एक फ़रिश्ता इसराफ़ील अलैहिस्सलाम फूँकेगा, और प्रलय आ जाएगी। (मुसनद अह़्मद : 2191) और पुनः फूँकेगा तो सब जीवित होकर हश्र के मैदान में आ जाएँगे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
یَّتَخَافَتُوْنَ بَیْنَهُمْ اِنْ لَّبِثْتُمْ اِلَّا عَشْرًا ۟
वे आपस में चुपके-चुपके कह रहे होंगे, तुम (संसार में) दस दिन के सिवा नहीं ठहरे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
نَحْنُ اَعْلَمُ بِمَا یَقُوْلُوْنَ اِذْ یَقُوْلُ اَمْثَلُهُمْ طَرِیْقَةً اِنْ لَّبِثْتُمْ اِلَّا یَوْمًا ۟۠
हम अधिक जानने वाले हैं जो कुछ वे कह रहे होंगे, जब उनका सबसे समझदार व्यक्ति कह रहा होगा कि तुम केवल एक दिन ठहरे हो।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَیَسْـَٔلُوْنَكَ عَنِ الْجِبَالِ فَقُلْ یَنْسِفُهَا رَبِّیْ نَسْفًا ۟ۙ
वे आपसे पहाड़ों के विषय में पूछते हैं। आप कह दें कि मेरा पालनहार उन्हें उड़ाकर तितर-बितर कर देगा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَیَذَرُهَا قَاعًا صَفْصَفًا ۟ۙ
फिर धरती को एक समतल मैदान बनाकर छोड़ेगा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
لَّا تَرٰی فِیْهَا عِوَجًا وَّلَاۤ اَمْتًا ۟ؕ
तुम उसमें कोई टेढ़ापन और नीच-ऊँच नहीं देखोगे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
یَوْمَىِٕذٍ یَّتَّبِعُوْنَ الدَّاعِیَ لَا عِوَجَ لَهٗ ۚ— وَخَشَعَتِ الْاَصْوَاتُ لِلرَّحْمٰنِ فَلَا تَسْمَعُ اِلَّا هَمْسًا ۟
उस दिन वे पुकारने वाले का अनुसरण करेंगे, उसका अनुसरण करने से कोई विमुख नहीं होगा, और सभी आवाजें रहमान के लिए धीमी हो जाएँगी, फिर तुम एक बहुत ही धीमी आवाज के अलावा कुछ भी नहीं सुनोगे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
یَوْمَىِٕذٍ لَّا تَنْفَعُ الشَّفَاعَةُ اِلَّا مَنْ اَذِنَ لَهُ الرَّحْمٰنُ وَرَضِیَ لَهٗ قَوْلًا ۟
उस दिन सिफ़ारिश लाभ नहीं देगी, परंतु जिसके लिए रहमान अनुज्ञा दे और जिसके लिए वह बात करना पसंद करे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
یَعْلَمُ مَا بَیْنَ اَیْدِیْهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ وَلَا یُحِیْطُوْنَ بِهٖ عِلْمًا ۟
वह जानता है जो कुछ उनके आगे है और जो कुछ उनके पीछे है और वे उसे अपने ज्ञान के घेरे में नहीं ला सकते।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَعَنَتِ الْوُجُوْهُ لِلْحَیِّ الْقَیُّوْمِ ؕ— وَقَدْ خَابَ مَنْ حَمَلَ ظُلْمًا ۟
तथा सभी चेहरे उस जीवित रहने वाले, क़ायम रखने वाले लिए झुक जाएँगे और निश्चय विफल हो गया, जिसने अत्याचार का बोझ[38] उठाया।
38. संसार में किसी पर अत्याचार, तथा अल्लाह के साथ शिर्क किया।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَمَنْ یَّعْمَلْ مِنَ الصّٰلِحٰتِ وَهُوَ مُؤْمِنٌ فَلَا یَخٰفُ ظُلْمًا وَّلَا هَضْمًا ۟
तथा जो व्यक्ति नेक काम करे और वह मोमिन हो, तो वह न किसी अत्याचार से डरेगा और न अधिकार हनन से।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَكَذٰلِكَ اَنْزَلْنٰهُ قُرْاٰنًا عَرَبِیًّا وَّصَرَّفْنَا فِیْهِ مِنَ الْوَعِیْدِ لَعَلَّهُمْ یَتَّقُوْنَ اَوْ یُحْدِثُ لَهُمْ ذِكْرًا ۟
और इसी प्रकार हमने इसे अरबी क़ुरआन बनाकर अवतरित किया तथा इसमें चेतावनी की बातें विभिन्न प्रकार से वर्णन कीं, शायद कि वे डर जाएँ, अथवा यह उनके लिए कोई उपदेश पैदा कर दे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَتَعٰلَی اللّٰهُ الْمَلِكُ الْحَقُّ ۚ— وَلَا تَعْجَلْ بِالْقُرْاٰنِ مِنْ قَبْلِ اَنْ یُّقْضٰۤی اِلَیْكَ وَحْیُهٗ ؗ— وَقُلْ رَّبِّ زِدْنِیْ عِلْمًا ۟
अतः सर्वोच्च है अल्लाह, जो सच्चा बादशाह है, और क़ुरआन को पढ़ने में जल्दी[39] न करें, इससे पूर्व कि आपकी ओर उसकी वह़्य पूरी की जाए तथा कहें : ऐ मेरे पालनहार! मुझे ज्ञान में बढ़ा दे।
39. जब जिबरील अलैहिस्सलाम नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास वह़्य (प्रकाशना) लाते, तो आप इस भय से कि कुछ भूल न जाएँ, उनके साथ-साथ ही पढ़ने लगते। अल्लाह ने आपको ऐसा करने से रोक दिया। इसका वर्णन सूरतुल-क़ियामा, आयत : 75 में आ रहा है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَلَقَدْ عَهِدْنَاۤ اِلٰۤی اٰدَمَ مِنْ قَبْلُ فَنَسِیَ وَلَمْ نَجِدْ لَهٗ عَزْمًا ۟۠
और निःसंदेह हमने इससे पहले आदम को ताकीद की, फिर वह भूल गया और हमने उसमें कोई दृढ़ संकल्प नहीं पाया ।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاِذْ قُلْنَا لِلْمَلٰٓىِٕكَةِ اسْجُدُوْا لِاٰدَمَ فَسَجَدُوْۤا اِلَّاۤ اِبْلِیْسَ ؕ— اَبٰی ۟
तथा जब हमने फ़रिश्तों से कहा : आदम को सजदा करो। तो उन्होंने सजदा किया, सिवाय इबलीस के, उसने इनकार किया।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَقُلْنَا یٰۤاٰدَمُ اِنَّ هٰذَا عَدُوٌّ لَّكَ وَلِزَوْجِكَ فَلَا یُخْرِجَنَّكُمَا مِنَ الْجَنَّةِ فَتَشْقٰی ۟
तो हमने कहा : निःसंदेह यह तुम्हारा और तुम्हारी पत्नी का दुश्मन है, इसलिए कहीं तुम दोनों को जन्नत से न निकलवा दे कि तुम मुसीबत में पड़ जाओगे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اِنَّ لَكَ اَلَّا تَجُوْعَ فِیْهَا وَلَا تَعْرٰی ۟ۙ
निःसंदेह तुम्हारे लिए यह है कि तुम इसमें न भूखे होगे और न नग्न होगे।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاَنَّكَ لَا تَظْمَؤُا فِیْهَا وَلَا تَضْحٰی ۟
और यह कि निश्चय ही तुम इसमें न प्यासे होगे और न धूप खाओगा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَوَسْوَسَ اِلَیْهِ الشَّیْطٰنُ قَالَ یٰۤاٰدَمُ هَلْ اَدُلُّكَ عَلٰی شَجَرَةِ الْخُلْدِ وَمُلْكٍ لَّا یَبْلٰی ۟
तो शैतान ने उसके दिल में विचार डाला, कहने लगा : ऐ आदम! क्या मैं तुम्हें अनंत जीवन का वृक्ष और ऐसा राज्य दिखाऊँ जो कभी पुराना न हो?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَاَكَلَا مِنْهَا فَبَدَتْ لَهُمَا سَوْاٰتُهُمَا وَطَفِقَا یَخْصِفٰنِ عَلَیْهِمَا مِنْ وَّرَقِ الْجَنَّةِ ؗ— وَعَصٰۤی اٰدَمُ رَبَّهٗ فَغَوٰی ۪۟ۖ
अंततः उन दोनों ने उसमें से खा लिया, तो उन दोनों के लिए उनके गुप्तांग प्रकट हो गए और वे दोनों अपने ऊपर जन्नत के पत्ते चिपकाने लगे और आदम ने अपने रब की अवज्ञा की, तो वह भटक गया।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
ثُمَّ اجْتَبٰهُ رَبُّهٗ فَتَابَ عَلَیْهِ وَهَدٰی ۟
फिर उसके रब ने उसे चुन लिया, तो उसकी तौबा क़बूल कर ली और उसे मार्गदर्शन प्रदान किया।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ اهْبِطَا مِنْهَا جَمِیْعًا بَعْضُكُمْ لِبَعْضٍ عَدُوٌّ ۚ— فَاِمَّا یَاْتِیَنَّكُمْ مِّنِّیْ هُدًی ۙ۬— فَمَنِ اتَّبَعَ هُدَایَ فَلَا یَضِلُّ وَلَا یَشْقٰی ۟
फरमाया : तुम दोनों यहाँ से एक साथ उतर जाओ, तुम एक-दूसरे के शत्रु हो। फिर अगर कभी मेरी ओर से तुम्हारे पास कोई हिदायत आए, तो जो कोई मेरी हिदायत पर चला, तो न वह भटकेगा और न मुसीबत में पड़ेगा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَمَنْ اَعْرَضَ عَنْ ذِكْرِیْ فَاِنَّ لَهٗ مَعِیْشَةً ضَنْكًا وَّنَحْشُرُهٗ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ اَعْمٰی ۟
तथा जिसने मेरी नसीहत से मुँह फेरा, तो निःसंदेह उसके लिए तंग[40] जीवन है और हम उसे क़ियामत के दिन अंधा करके उठाएँगे।
40. अर्थात वह संसार में धनी हो, तब भी उसे संतोष नहीं होगा। और सदा चिंतित और व्याकुल रहेगा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ رَبِّ لِمَ حَشَرْتَنِیْۤ اَعْمٰی وَقَدْ كُنْتُ بَصِیْرًا ۟
वह कहेगा : ऐ मेरे पालनहार! तूने मुझे अंधा करके क्यों उठाया? हालाँकि, मैं तो देखने वाला था।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قَالَ كَذٰلِكَ اَتَتْكَ اٰیٰتُنَا فَنَسِیْتَهَا ۚ— وَكَذٰلِكَ الْیَوْمَ تُنْسٰی ۟
(अल्लाह) फरमाएगा : इसी प्रकार तेरे पास हमारी आयतें आईं, तो तू उन्हें भूल गया और इसी प्रकार आज तू भुलाया जाएगा।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَكَذٰلِكَ نَجْزِیْ مَنْ اَسْرَفَ وَلَمْ یُؤْمِنْ بِاٰیٰتِ رَبِّهٖ ؕ— وَلَعَذَابُ الْاٰخِرَةِ اَشَدُّ وَاَبْقٰی ۟
तथा इसी प्रकार हम उस व्यक्ति को बदला देते हैं, जो हद से बढ़ जाए और अपने पालनहार की आयतों पर ईमान न लाए और निश्चय आख़िरत की यातना अधिक कठोर और अधिक स्थायी है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
اَفَلَمْ یَهْدِ لَهُمْ كَمْ اَهْلَكْنَا قَبْلَهُمْ مِّنَ الْقُرُوْنِ یَمْشُوْنَ فِیْ مَسٰكِنِهِمْ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّاُولِی النُّهٰی ۟۠
फिर क्या इस बात ने उन्हें मार्गदर्शन नहीं दिया कि हमने उनसे पहले कितने ही समुदायों को विनष्ट कर दिया, जिनके घरों में वे चलते-फिरते हैं। निःसंदेह इसमें बुद्धियों वालों के लिए निश्चय बहुत-सी निशानियाँ हैं।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَلَوْلَا كَلِمَةٌ سَبَقَتْ مِنْ رَّبِّكَ لَكَانَ لِزَامًا وَّاَجَلٌ مُّسَمًّی ۟ؕ
और यदि वह बात न होती जो तुम्हारे पालनहार की ओर से पहले निश्चित हो चुकी और एक नियत समय न होता, तो वही (अगले लोगों का अज़ाब) आवश्यक हो जाता।[41]
41. आयत का भावार्थ यह है कि अल्लाह का यह निर्णय है कि वह किसी जाति का उसके विरुद्ध तर्क तथा उसकी निश्चित अवधि पूरी होने पर ही विनाश करता है, यदि यह बात न होती तो इन मक्का के मिश्रणवादियों पर यातना आ चुकी होती।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
فَاصْبِرْ عَلٰی مَا یَقُوْلُوْنَ وَسَبِّحْ بِحَمْدِ رَبِّكَ قَبْلَ طُلُوْعِ الشَّمْسِ وَقَبْلَ غُرُوْبِهَا ۚ— وَمِنْ اٰنَآئِ الَّیْلِ فَسَبِّحْ وَاَطْرَافَ النَّهَارِ لَعَلَّكَ تَرْضٰی ۟
अतः जो कुछ वे कहते हैं, उसपर सब्र करें तथा सूर्य उगने से पहले[42] और उसके डूबने से पहले[43] अपने पालनहार की प्रशंसा के साथ उसकी पवित्रता बयान करें, और रात की कुछ घड़ियों[44] में भी पवित्रता बयान करें, और दिन के किनारों[45] में, ताकि आप प्रसन्न हो जाएँ।
42. अर्थात फ़ज्र की नमाज में। 43. अर्थात अस्र की नमाज़ में। 44. अर्थात इशा की नमाज़ में। 45. अर्थात ज़ुह्र तथा मग़्रिब की नमाज़ में।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَلَا تَمُدَّنَّ عَیْنَیْكَ اِلٰی مَا مَتَّعْنَا بِهٖۤ اَزْوَاجًا مِّنْهُمْ زَهْرَةَ الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا ۙ۬— لِنَفْتِنَهُمْ فِیْهِ ؕ— وَرِزْقُ رَبِّكَ خَیْرٌ وَّاَبْقٰی ۟
और अपनी आँखों को उन चीज़ों की ओर कदापि न उठाएँ जो हमने उनके[46] विभिन्न प्रकार के लोगों को सांसारिक जीवन के लिए आभूषण के रूप में उपयोग करने के लिए दी हैं, ताकि हम उसमें उनकी परीक्षा लें, और आपके पालनहार का दिया[47] हुआ सबसे अच्छा और सबसे अधिक स्थायी है।
46. अर्थात मिश्रणवादियों के। 47. अर्थात प्रलोक का प्रतिफल।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَاْمُرْ اَهْلَكَ بِالصَّلٰوةِ وَاصْطَبِرْ عَلَیْهَا ؕ— لَا نَسْـَٔلُكَ رِزْقًا ؕ— نَحْنُ نَرْزُقُكَ ؕ— وَالْعَاقِبَةُ لِلتَّقْوٰی ۟
और आप अपने घरवालों को नमाज़ का आदेश दें और स्वयं भी उसपर स्थित रहें, हम आपसे कोई जीविका नहीं माँगते, हम ही आपको जीविका प्रदान करते हैं और अच्छा परिणाम परहेज़गारी का है।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَقَالُوْا لَوْلَا یَاْتِیْنَا بِاٰیَةٍ مِّنْ رَّبِّهٖ ؕ— اَوَلَمْ تَاْتِهِمْ بَیِّنَةُ مَا فِی الصُّحُفِ الْاُوْلٰی ۟
तथा उन्होंने कहा : यह हमारे पास अपने रब की ओर से कोई निशानी क्यों नहीं लाता? और क्या उनके पास वह स्पष्ट प्रमाण नहीं आया जो पहली किताबों में है?
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
وَلَوْ اَنَّاۤ اَهْلَكْنٰهُمْ بِعَذَابٍ مِّنْ قَبْلِهٖ لَقَالُوْا رَبَّنَا لَوْلَاۤ اَرْسَلْتَ اِلَیْنَا رَسُوْلًا فَنَتَّبِعَ اٰیٰتِكَ مِنْ قَبْلِ اَنْ نَّذِلَّ وَنَخْزٰی ۟
और यदि हम वास्तव में उन्हें इससे पहले किसी अज़ाब से विनष्ट कर देते, तो ये लोग अवश्य कहते : ऐ हमारे रब! तूने हमारी ओर कोई रसूल क्यों नहीं भेजा कि हम तेरी आयतों की पैरवी करते, इससे[48] पहले कि हम ज़लील और रुसवा हों?
48. अर्थात नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और क़ुरआन के आने से पहले।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
قُلْ كُلٌّ مُّتَرَبِّصٌ فَتَرَبَّصُوْا ۚ— فَسَتَعْلَمُوْنَ مَنْ اَصْحٰبُ الصِّرَاطِ السَّوِیِّ وَمَنِ اهْتَدٰی ۟۠
आप कह दें : हर एक प्रतीक्षारत है। अतः तुम (भी) प्रतीक्षा करो। फिर शीघ्र ही तुम जान लोगे कि सीधे मार्ग वाले कौन हैं और कौन है जिसे मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
അറബി ഖുർആൻ വിവരണങ്ങൾ:
 
പരിഭാഷ അദ്ധ്യായം: സൂറത്ത് ത്വാഹാ
സൂറത്തുകളുടെ സൂചിക പേജ് നമ്പർ
 
വിശുദ്ധ ഖുർആൻ പരിഭാഷ - ഹിന്ദി വിവർത്തനം - വിവർത്തനങ്ങളുടെ സൂചിക

വിശുദ്ധ ഖുർആൻ ആശയ വിവർത്തനം ഹിന്ദി ഭാഷയിൽ, അസീസുൽ ഹഖ് ഉമരി നിർവഹിച്ചത്.

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