पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद श्लोक: (113) सूरः: सूरतु हूद
وَلَا تَرْكَنُوْۤا اِلَی الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا فَتَمَسَّكُمُ النَّارُ ۙ— وَمَا لَكُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ مِنْ اَوْلِیَآءَ ثُمَّ لَا تُنْصَرُوْنَ ۟
चाटुकारिता या स्नेह के साथ अत्याचारी काफ़िरों की ओर झुकाव न करें, अन्यथा इस झुकाव के कारण तुम्हें (भी) आग पकड़ लेगी। और अल्लाह के सिवा तुम्हारा कोई सहायक न होगा, जो तुम्हें उससे बचा सके। फिर तुम्हें कोई ऐसा नहीं मिलेगा जो तुम्हारी सहायता कर सके।
अरबी व्याख्याहरू:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• وجوب الاستقامة على دين الله تعالى.
• अल्लाह के धर्म पर जमे रहने की अनिवार्यता।

• التحذير من الركون إلى الكفار الظالمين بمداهنة أو مودة.
• चापलूसी या स्नेह के साथ अन्यायी काफिरों की ओर झुकने से चेतावनी।

• بيان سُنَّة الله تعالى في أن الحسنة تمحو السيئة.
• अल्लाह के इस नियम का वर्णन कि नेकी गुनाह को मिटा देती है।

• الحث على إيجاد جماعة من أولي الفضل يأمرون بالمعروف، وينهون عن الفساد والشر، وأنهم عصمة من عذاب الله.
• सदाचारी लोगों के एक समूह के निर्माण का आग्रह, जो अच्छी बातों का आदेश दे तथा भ्रष्टाचार और बुराई से रोके। और यह कि वे अल्लाह के अज़ाब से प्रतिरक्षा हैं।

 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (113) सूरः: सूरतु हूद
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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