पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद श्लोक: (20) सूरः: सूरतु हूद
اُولٰٓىِٕكَ لَمْ یَكُوْنُوْا مُعْجِزِیْنَ فِی الْاَرْضِ وَمَا كَانَ لَهُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ مِنْ اَوْلِیَآءَ ۘ— یُضٰعَفُ لَهُمُ الْعَذَابُ ؕ— مَا كَانُوْا یَسْتَطِیْعُوْنَ السَّمْعَ وَمَا كَانُوْا یُبْصِرُوْنَ ۟
इन विशेषताओं वाले लोग यदि उनपर अल्लाह की यातना आ जाए, तो धरती में उससे भागने में सक्षम नहीं हैं, और न तो उनके पास अल्लाह के सिवा समर्थक और सहायक हैं, जो उनसे अल्लाह के अज़ाब को टाल सकें। उनके स्वयं अपने आपको तथा दूसरों को अल्लाह के मार्ग से रोकने के कारण, क़ियामत के दिन उनकी यातना बढ़ा दी जाएगी। वे दुनिया में, सत्य और मार्गदर्शन की बात स्वीकार करने के तौर पर नहीं सुन सकते थे तथा वे ब्रह्मांड में अल्लाह की निशानियों को ऐसी दृष्टि से नहीं देखते थे जो उन्हें लाभान्वित करे; क्योंकि वे सत्य से अति विमुख थे।
अरबी व्याख्याहरू:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• الكافر لا ينتفع بسمعه وبصره انتفاعًا يقود للإيمان، فهما كالمُنْتَفِيَين عنه بخلاف المؤمن.
• काफ़िर अपने सुनने और देखने की शक्तियों से इस प्रकार लाभ नहीं उठाता जो उसे ईमान की ओर ले जाए। इसलिए वे दोनों शक्तियाँ ऐसी ही हैं जैसे उसके पास हैं ही नहीं। जबकि मोमिन का मामला इसके विपरीत है।

• سُنَّة الله في أتباع الرسل أنهم الفقراء والضعفاء لخلوِّهم من الكِبْر، وخُصُومهم الأشراف والرؤساء.
• रसूलों के अनुयायियों के बारे में अल्लाह का नियम यह रहा है कि वे ग़रीब और कमज़ोर होते हैं, क्योंकि वे अहंकार से मुक्त होते हैं। जबकि उनके विरोधी गणमान्य एवं प्रमुख लोग होते हैं।

• تكبُّر الأشراف والرؤساء واحتقارهم لمن دونهم في غالب الأحيان.
• अधिकांश मामलों में गणमान्य एवं प्रमुख लोगों का अभिमान और अपने से कमतर लोगों के लिए उनकी अवमानना।

 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (20) सूरः: सूरतु हूद
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