पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद श्लोक: (68) सूरः: सूरतु हूद
كَاَنْ لَّمْ یَغْنَوْا فِیْهَا ؕ— اَلَاۤ اِنَّ ثَمُوْدَاۡ كَفَرُوْا رَبَّهُمْ ؕ— اَلَا بُعْدًا لِّثَمُوْدَ ۟۠
वे ऐसे हो गए, जैसे कि वे अपने देश में अनुग्रह और समृद्धि में रहे ही नहीं थे। सुन लो, समूद ने अल्लाह के साथ कुफ्र किया। वे सदैव अल्लाह कि दया से दूर रहें।
अरबी व्याख्याहरू:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• عناد واستكبار المشركين حيث لم يؤمنوا بآية صالح عليه السلام وهي من أعظم الآيات.
• बहुदेववादियों की हठधर्मिता और अभिमान, क्योंकि वे सालेह अलैहिस्सलाम की निशानी पर ईमान नहीं लाए। हालाँकि वह एक बहुत बड़ी निशानी थी।

• استحباب تبشير المؤمن بما هو خير له.
• मोमिन को उस बात की शुभसूचना देना अच्छा है, जो उसके लिए भली हो।

• مشروعية السلام لمن دخل على غيره، ووجوب الرد.
• किसी के पास जाते समय सलाम करने की वैधता और सलाम का जवाब देने की अनिवार्यता।

• وجوب إكرام الضيف.
• अतिथि का आदर-सत्कार करने की अनिवार्यता।

 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (68) सूरः: सूरतु हूद
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