पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद श्लोक: (41) सूरः: सूरतु यूसुफ
یٰصَاحِبَیِ السِّجْنِ اَمَّاۤ اَحَدُكُمَا فَیَسْقِیْ رَبَّهٗ خَمْرًا ۚ— وَاَمَّا الْاٰخَرُ فَیُصْلَبُ فَتَاْكُلُ الطَّیْرُ مِنْ رَّاْسِهٖ ؕ— قُضِیَ الْاَمْرُ الَّذِیْ فِیْهِ تَسْتَفْتِیٰنِ ۟ؕ
ऐ मेरे जेल के दोनों साथियो! जहाँ तक उसकी बात है, जिसने यह देखा कि वह शराब बनाने के लिए अंगूर निचोड़ रहा है, वह जेल से बाहर निकल जाएगा और अपने काम पर लौट आएगा और राजा को शराब पिलाएगा। और जहाँ तक उसकी बात है, जिसने यह देखा कि उसके सिर के ऊपर रोटी है, जिसे पक्षी खा रहे हैं, तो उसे क़त्ल कर दिया जाएगा और सूली पर चढ़ा दिया जाएगा। फिर पक्षी उसके सिर का मांस खाएँगे। तुमने जिस मामले के बारे में पूछा था, उसका फैसला हो चुका है। इसलिए वह अनिवार्य रूप से होकर रहेगा।
अरबी व्याख्याहरू:
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• وجوب اتباع ملة إبراهيم، والبراءة من الشرك وأهله.
• इबराहीम अलैहिस्सलाम के धर्म का पालन करने, तथा शिर्क और शिर्क करने वालों से अलग-थलग होने की अनिवार्यता।

• في قوله:﴿ءَأَرْبَابٌ مُّتَفَرِّقُونَ ...﴾ دليل على أن هؤلاء المصريين كانوا أصحاب ديانة سماوية لكنهم أهل إشراك.
• अल्लाह तआला के कथन : {...ءأَرْبَابٌ مُّتَفَرِّقُونَ} (क्या अलग-अलग अनेक पूज्य बेहतर हैं) में इस बात का प्रमाण है कि तत्कालीन मिस्रवासी आकाशीय धर्म के मानने वाले थे। किन्तु वे शिर्क में पड़े हुए थे।

• كلُّ الآلهة التي تُعبد من دون الله ما هي إلا أسماء على غير مسميات، ليس لها في الألوهية نصيب.
• अल्लाह के सिवा जिन पूज्यों की पूजा की जाती है, वे केवल ऐसे नाम हैं जिनका कोई तथ्य नहीं है, उनका उलूहियत (देवत्व) में कोई भाग नहीं है।

• استغلال المناسبات للدعوة إلى الله، كما استغلها يوسف عليه السلام في السجن.
• अवसरों का अल्लाह की तरफ़ बुलाने के लिए उपयोग करना, जैसा कि यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने जेल में उसका उपयोग किया।

 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (41) सूरः: सूरतु यूसुफ
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