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पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - पवित्र कुर्आनको संक्षिप्त व्याख्याको हिन्दी भाषामा अनुवाद । * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद सूरः: बकरः   श्लोक:
اَلَّذِیْنَ اٰتَیْنٰهُمُ الْكِتٰبَ یَعْرِفُوْنَهٗ كَمَا یَعْرِفُوْنَ اَبْنَآءَهُمْ ؕ— وَاِنَّ فَرِیْقًا مِّنْهُمْ لَیَكْتُمُوْنَ الْحَقَّ وَهُمْ یَعْلَمُوْنَ ۟ؔ
यहूदियों और ईसाइयों के विद्वानों में से जिन्हें हमने किताब दी थी; वे क़िबला के बदलने की बात को, जो कि उनके निकट मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की नुबुव्वत की निशानियों में से है, बिल्कुल वैसे ही जानते हैं, जैसे अपने बच्चों को जानते हैं और उन्हें दूसरों से अलग करते हैं। फिर भी उनमें से एक समूह, अपनी ओर से ईर्ष्या करते हुए, उस सत्य को छिपाता है, जो आप लाए हैं। वे यह जानते हुए भी ऐसा करते हैं कि यह सच है।
अरबी व्याख्याहरू:
اَلْحَقُّ مِنْ رَّبِّكَ فَلَا تَكُوْنَنَّ مِنَ الْمُمْتَرِیْنَ ۟۠
यही आपके पालनहार की और से सत्य है। अतः (ऐ रसूल!) आप कदापि इसकी प्रामाणिकता पर संदेह करने वालों में से न हों।
अरबी व्याख्याहरू:
وَلِكُلٍّ وِّجْهَةٌ هُوَ مُوَلِّیْهَا فَاسْتَبِقُوْا الْخَیْرٰتِ ؔؕ— اَیْنَ مَا تَكُوْنُوْا یَاْتِ بِكُمُ اللّٰهُ جَمِیْعًا ؕ— اِنَّ اللّٰهَ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرٌ ۟
हर क़ौम की कोई न कोई दिशा होती है, जिसकी ओर वह रुख करती है, चाहे वह दिशा इंद्रियगोचर हो या अगोचर (अभौतिक) हो। यही कारण है कि अलग-अलग समुदायों के अलग-अलग क़िबले और शरई प्रावधान हैं। इसलिए उनकी दिशाओं की विविधता से कोई नुक़सान नहीं, यदि वह अल्लाह के आदेश और उसकी शरीयत के अनुसार है। अतः - ऐ मोमिनो! - उन अच्छे कामों को करने में एक-दूसरे से आगे बढ़ो, जिन्हें करने का तुम्हें आदेश दिया गया है। तथा तुम जहाँ भी होगे, वहाँ से क़ियामत के दिन अल्लाह तुम्हें इकट्ठा करेगा; ताकि तुम्हें तुम्हारे कार्यों का बदला दे। निःसंदेह अल्लाह हर चीज़ का सामर्थ्य रखता है। अतः उसका तुम्हें इकट्ठा करना और बदला देना उसे विवश नहीं कर सकता।
अरबी व्याख्याहरू:
وَمِنْ حَیْثُ خَرَجْتَ فَوَلِّ وَجْهَكَ شَطْرَ الْمَسْجِدِ الْحَرَامِ ؕ— وَاِنَّهٗ لَلْحَقُّ مِنْ رَّبِّكَ ؕ— وَمَا اللّٰهُ بِغَافِلٍ عَمَّا تَعْمَلُوْنَ ۟
तथा (ऐ नबी!) आप और आपके अनुयायी जहाँ से भी निकलें और जिस स्थान पर भी हों और नमाज़ का इरादा करें, तो अपना चेहरा सम्मानित मस्जिद (काबा शरीफ़) की ओर कर लें। क्योंकि यही सत्य है जिसकी आपके रब ने आपकी ओर वह़्य की है। और तुम जो कुछ करते हो, अल्लाह उससे अनजान नहीं है, बल्कि वह उसके बारे में खू़ब जानता है और तुम्हें उसका बदल देगा।
अरबी व्याख्याहरू:
وَمِنْ حَیْثُ خَرَجْتَ فَوَلِّ وَجْهَكَ شَطْرَ الْمَسْجِدِ الْحَرَامِ ؕ— وَحَیْثُ مَا كُنْتُمْ فَوَلُّوْا وُجُوْهَكُمْ شَطْرَهٗ ۙ— لِئَلَّا یَكُوْنَ لِلنَّاسِ عَلَیْكُمْ حُجَّةٌ ۗ— اِلَّا الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا مِنْهُمْ ۗ— فَلَا تَخْشَوْهُمْ وَاخْشَوْنِیْ ۗ— وَلِاُتِمَّ نِعْمَتِیْ عَلَیْكُمْ وَلَعَلَّكُمْ تَهْتَدُوْنَ ۟ۙۛ
(ऐ नबी!) आप जिस स्थान से भी निकलें और नमाज़ पढ़ना चाहें, तो अपना चेहरा मस्जिदे-ह़राम की ओर कर लें। तथा - ऐ मोमिनो! - तुम जिस स्थान पर भी हो, तो अगर तुम नमाज़ पढ़ना चाहो, तो अपने चेहरे उसी की दिशा में कर लो; ताकि लोगों के पास कोई तर्क (हुज्जत) न रहे जिसके द्वारा वे तुमसे वाद-विवाद करें, सिवाय उन लोगों के जिन्होंने उनमें से अत्याचार किया। क्योंकि वे अपने हठ पर बने रहेंगे और तुम्हारे विरुद्ध कमज़ोर से कमज़ोर तर्क के साथ बहस करेंगे। अतः उनसे मत डरो और अकेले अपने पालनहार से डरो, उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर। क्योंकि अल्लाह ने काबा की ओर चेहरा करने का नियम इसलिए बनाया है, ताकि तुम्हें शेष सारी क़ौमों से उत्कृष्ट करके तुमपर अपनी नेमत पूरी करे और ताकि लोगों के लिए सबसे सम्माननीय क़िबला की ओर तुम्हारा मार्गदर्शन करे।
अरबी व्याख्याहरू:
كَمَاۤ اَرْسَلْنَا فِیْكُمْ رَسُوْلًا مِّنْكُمْ یَتْلُوْا عَلَیْكُمْ اٰیٰتِنَا وَیُزَكِّیْكُمْ وَیُعَلِّمُكُمُ الْكِتٰبَ وَالْحِكْمَةَ وَیُعَلِّمُكُمْ مَّا لَمْ تَكُوْنُوْا تَعْلَمُوْنَ ۟ؕۛ
इसी तरह हमने तुम्हें एक और नेमत प्रदान की; कि हमने तुम्हारी ओर तुम्हारे बीच से एक रसूल भेजा, जो तुम्हें हमारी आयतें पढ़कर सुनाता है, तुम्हें अच्छाइयों तथा भली बात का आदेश देकर और घृणित चीज़ों तथा बुरी बात से मनाही करके पवित्र करता है, तथा तुम्हें क़ुरआन और सुन्नत सिखाता है और तुम्हें तुम्हारे धर्म एवं संसार के मामलों के बारे में ऐसी बातें सिखाता है, जो तुम नहीं जानते थे।
अरबी व्याख्याहरू:
فَاذْكُرُوْنِیْۤ اَذْكُرْكُمْ وَاشْكُرُوْا لِیْ وَلَا تَكْفُرُوْنِ ۟۠
तुम मुझे अपने दिलों और शारीरिक अंगों द्वारा याद करो; मैं तुम्हारी प्रशंसा करके और तुम्हें संरक्षण प्रदान करके तुम्हें याद रखूँगा। क्योंकि बदला कार्य के समान ही मिलता है। तथा मेरी उन नेमतों का शुक्रिया अदा करो, जो मैंने तुम्हें प्रदान की हैं, और उनका इनकार करके और उन्हें हराम चीज़ों में इस्तेमाल करके मेरी नाशुक्री न करो।
अरबी व्याख्याहरू:
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوا اسْتَعِیْنُوْا بِالصَّبْرِ وَالصَّلٰوةِ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ مَعَ الصّٰبِرِیْنَ ۟
ऐ ईमान वालो! धैर्य तथा नमाज़ के साथ मेरी आज्ञाकारिता करने और मेरे आदेश के प्रति समर्पित होने में मदद हासिल करो। निश्चय अल्लाह धैर्य रखने वालों के साथ है, उन्हें सामर्थ्य प्रदान करता तथा उनकी सहायता करता है।
अरबी व्याख्याहरू:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• إطالة الحديث في شأن تحويل القبلة؛ لما فيه من الدلالة على نبوة محمد صلى الله عليه وسلم.
• क़िबला बदलने के बारे में बातचीत का विस्तार करना; क्योंकि इसमें मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ईश्दूतत्व (नुबुव्वत) का प्रमाण है।

• ترك الجدال والاشتغالُ بالطاعات والمسارعة إلى الله أنفع للمؤمن عند ربه يوم القيامة.
• वाद-विवाद को छोड़कर आज्ञाकारिता में व्यस्त होना और अल्लाह की ओर जल्दी करना, मोमिन के लिए क़ियामत के दिन उसके रब के पास अधिक लाभदायक है।

• أن الأعمال الصالحة الموصلة إلى الله متنوعة ومتعددة، وينبغي للمؤمن أن يسابق إلى فعلها؛ طلبًا للأجر من الله تعالى.
• अल्लाह की ओर ले जाने वाले अच्छे कार्य विविध और अनेक हैं। और मोमिन को अल्लाह से प्रतिफल माँगते हुए उन्हें करने में पहल करना चाहिए।

• عظم شأن ذكر الله -جلّ وعلا- حيث يكون ثوابه ذكر العبد في الملأ الأعلى.
• अल्लाह का ज़िक्र करने की महानता, क्योंकि उसका प्रतिफल यह है कि बंदे का ज़िक्र ''मला-ए-आ'ला'' (समीपवर्ती फ़रिश्तों की सभा) में होता है।

 
अर्थको अनुवाद सूरः: बकरः
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पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - पवित्र कुर्आनको संक्षिप्त व्याख्याको हिन्दी भाषामा अनुवाद । - अनुवादहरूको सूची

मर्क्ज तफ्सीर लिद्दिरासात अल-कुर्आनियह द्वारा प्रकाशित।

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