पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद श्लोक: (71) सूरः: सूरतुल् हज्ज
وَیَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ مَا لَمْ یُنَزِّلْ بِهٖ سُلْطٰنًا وَّمَا لَیْسَ لَهُمْ بِهٖ عِلْمٌ ؕ— وَمَا لِلظّٰلِمِیْنَ مِنْ نَّصِیْرٍ ۟
और मुश्रिक लोग अल्लाह को छोड़कर ऐसी मूर्तियों की पूजा करते हैं, जिनकी पूजा करने का अल्लाह ने अपनी पुस्तकों में कोई प्रमाण नहीं उतारा है, तथा इसके लिए उनके पास ज्ञान का भी कोई सबूत नहीं है। उनका प्रमाण केवल अपने बाप-दादा का अंधा अनुकरण है। और ज़ालिमों का कोई मददगार नहीं, जो उन्हें अल्लाह की यातना से बचा सके।
अरबी व्याख्याहरू:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• من نعم الله على الناس تسخير ما في السماوات وما في الأرض لهم.
• लोगों पर अल्लाह की नेमतों में से यह भी है कि उसने आकाशों और धरती की सारी चीज़ों को उनके वश में कर दिया है।

• إثبات صفتي الرأفة والرحمة لله تعالى.
• अल्लाह तआला के लिए 'राफ़त' (करुणा) और 'रह़मत' (दया) के गुणों को साबित करना।

• إحاطة علم الله بما في السماوات والأرض وما بينهما.
• आकाशों और धरती की तथा उन दोनों के बीच की सारी चीज़ें अल्लाह के ज्ञान के घेरे में हैं।

• التقليد الأعمى هو سبب تمسك المشركين بشركهم بالله.
• अंधा अनुकरण ही मुश्रिकों के अपने शिर्क से चिपके रहने का कारण है।

 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (71) सूरः: सूरतुल् हज्ज
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