पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद श्लोक: (158) सूरः: सूरतुश्शुअरा
فَاَخَذَهُمُ الْعَذَابُ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً ؕ— وَمَا كَانَ اَكْثَرُهُمْ مُّؤْمِنِیْنَ ۟
अंततः उन्हें उस यातना ने पकड़ लिया, जिसका उन्हें वादा किया गया था, जो भूकंप और तेज़ चीख थी। सालेह तथा उसकी जाति की इस कहानी में सीख ग्रहण करने वालों के लिए निश्चय बड़ी सीख है। तथा उनमें से अधिकतर ईमान लाने वाले नहीं थे।
अरबी व्याख्याहरू:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• توالي النعم مع الكفر استدراج للهلاك.
• कुफ़्र के बावजूद निरंतर नेमतों का मिलना, विनाश के लिए ढील (प्रलोभन) है।

• التذكير بالنعم يُرتجى منه الإيمان والعودة إلى الله من العبد.
• नेमतों को याद दिलाने से यह आशा की जाती है कि बंदा ईमान ले आएगा और अल्लाह की तरफ़ लौट आएगा।

• المعاصي هي سبب الفساد في الأرض.
• पाप ही धरती पर बिगाड़ का कारण है।

 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (158) सूरः: सूरतुश्शुअरा
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