पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद श्लोक: (41) सूरः: सूरतुन्नमल
قَالَ نَكِّرُوْا لَهَا عَرْشَهَا نَنْظُرْ اَتَهْتَدِیْۤ اَمْ تَكُوْنُ مِنَ الَّذِیْنَ لَا یَهْتَدُوْنَ ۟
सुलैमान अलैहिस्सलाम ने कहा : उसके लिए उसके राज-सिंहासन का रूप बदल दो। ताकि हम देखें : क्या वह इस तथ्य को जान पाती है कि यह उसी का सिंहासन है, या कि वह उन लोगों में से हो जाती है जो अपनी वस्तुएँ भी नहीं पहचान पाते हैं?
अरबी व्याख्याहरू:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• عزة الإيمان تحصّن المؤمن من التأثر بحطام الدنيا.
• ईमान की गरिमा मोमिन को सांसारिक सामग्री से प्रभावित होने से बचाती है।

• الفرح بالماديات والركون إليها صفة من صفات الكفار.
• भौतिक चीजों से खुश होना और उनपर भरोसा करना काफ़िरों की विशेषताओं में से एक विशेषता है।

• يقظة شعور المؤمن تجاه نعم الله.
• मोमिन अल्लाह की नेमतों के प्रति सदैव सजग रहता है।

• اختبار ذكاء الخصم بغية التعامل معه بما يناسبه.
• विरोधी पक्ष के साथ उचित व्यवहार करने के लिए उसकी बुद्धि का परीक्षण करना।

• إبراز التفوق على الخصم للتأثير فيه.
• विरोधी पक्ष को प्रभावित करने के लिए उस पर श्रेष्ठता दिखाना।

 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (41) सूरः: सूरतुन्नमल
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