पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद श्लोक: (90) सूरः: सूरतुन्नमल
وَمَنْ جَآءَ بِالسَّیِّئَةِ فَكُبَّتْ وُجُوْهُهُمْ فِی النَّارِ ؕ— هَلْ تُجْزَوْنَ اِلَّا مَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ۟
परंतु जो कुफ़्र और पाप के साथ आएगा, तो उनके लिए नरक है जिसमें उन्हें उनके चेहरों के बल डाला जाएगा, तथा उनसे उन्हें डाँटते और अपमानित करते हुए कहा जाएगा : क्या तुम्हें उसके सिवा किसी और चीज़ का बदला दिया जाएगा, जो तुम दुनिया में कुफ़्र और पाप किया करते थे?
अरबी व्याख्याहरू:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• الإيمان والعمل الصالح سببا النجاة من الفزع يوم القيامة.
• ईमान तथा सत्कर्म क़ियामत के दिन भय से मुक्ति का साधन हैं।

• الكفر والعصيان سبب في دخول النار.
• कुफ़्र एवं अवज्ञा नरक की आग में प्रवेश करने का कारण है।

• تحريم القتل والظلم والصيد في الحرم.
• 'ह़रम' की सीमाओं के अंदर क़त्ल, अत्याचार और शिकार करना ह़राम है।

• النصر والتمكين عاقبة المؤمنين.
• ईमान वालों को अंततः विजय और सशक्तिकरण प्राप्त होता है।

 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (90) सूरः: सूरतुन्नमल
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