पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद श्लोक: (15) सूरः: सूरतुज्जुमर
فَاعْبُدُوْا مَا شِئْتُمْ مِّنْ دُوْنِهٖ ؕ— قُلْ اِنَّ الْخٰسِرِیْنَ الَّذِیْنَ خَسِرُوْۤا اَنْفُسَهُمْ وَاَهْلِیْهِمْ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ ؕ— اَلَا ذٰلِكَ هُوَ الْخُسْرَانُ الْمُبِیْنُ ۟
(ऐ मुश्रिको!) तुम उसके सिवा जिन मूर्तियों की भी चाहो, पूजा करो, (यह आदेश धमकी के लिए है)। (ऐ रसूल!) आप कह दें : वास्तविक घाटा उठाने वाले वे लोग हैं, जिन्होंने अपना घाटा किया और अपने घर वालों का घाटा किया। चुनाँचे वे उनसे नहीं मिल सके। क्योंकि वे अकेले जन्नत में दाखिल होने के कारण, या उनके साथ ही जहन्नम में जाने की वजह से, उनका साथ छोड़ दिए। इसलिए वे कभी नहीं मिलेंगे। सुन लो! वास्तव में यही स्पष्ट घाटा है, जिसमें कोई संदेह नहीं है।
अरबी व्याख्याहरू:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• إخلاص العبادة لله شرط في قبولها.
• इबादत को अल्लाह के लिए ख़ालिस करना उसके क़बूल होने के लिए एक शर्त है।

• المعاصي من أسباب عذاب الله وغضبه.
• पाप अल्लाह की यातना और उसके क्रोध के कारणों में से हैं।

• هداية التوفيق إلى الإيمان بيد الله، وليست بيد الرسول صلى الله عليه وسلم.
• ईमान लाने का सामर्थ्य प्रदान करना अल्लाह के हाथ में है, रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के हाथ में नहीं है।

 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (15) सूरः: सूरतुज्जुमर
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