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पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - पवित्र कुर्आनको संक्षिप्त व्याख्याको हिन्दी भाषामा अनुवाद । * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद सूरः: न्निसा   श्लोक:
اِنَّاۤ اَوْحَیْنَاۤ اِلَیْكَ كَمَاۤ اَوْحَیْنَاۤ اِلٰی نُوْحٍ وَّالنَّبِیّٖنَ مِنْ بَعْدِهٖ ۚ— وَاَوْحَیْنَاۤ اِلٰۤی اِبْرٰهِیْمَ وَاِسْمٰعِیْلَ وَاِسْحٰقَ وَیَعْقُوْبَ وَالْاَسْبَاطِ وَعِیْسٰی وَاَیُّوْبَ وَیُوْنُسَ وَهٰرُوْنَ وَسُلَیْمٰنَ ۚ— وَاٰتَیْنَا دَاوٗدَ زَبُوْرًا ۟ۚ
हमने (ऐ रसूल!) आपकी ओर वैसे ही वह़्य (प्रकाशना) भेजी है, जैसे कि हमने आपसे पहले के नबियों की ओर वह़्य भेजी थी। इसलिए आप कोई अनोखे रसूल नहीं हैं। चुनाँचे हमने नूह की ओर वह़्य भेजी तथा उनके बाद आने वाले नबियों की ओर वह़्य भेजी, और हमने इबराहीम की ओर, उनके दोनों सुपुत्रों इसमाईल एवं इसहाक़ की ओर, तथा याक़ूब बिन इसहाक़ की ओर और असबात (यानी याक़ूब अलैहिस्सलाम के बेटों से निकलने वाले बनी इसराईल के बारह वंशों में होने वाले नबियों) की ओर वह़्य भेजी। तथा हमने ईसा, अय्यूब, यूनुस, हारून और सुलैमान की ओर वह़्य भेजी, और हमने दाऊद अलैहिस्सलाम को ज़बूर नामी पुस्तक दी।
अरबी व्याख्याहरू:
وَرُسُلًا قَدْ قَصَصْنٰهُمْ عَلَیْكَ مِنْ قَبْلُ وَرُسُلًا لَّمْ نَقْصُصْهُمْ عَلَیْكَ ؕ— وَكَلَّمَ اللّٰهُ مُوْسٰی تَكْلِیْمًا ۟ۚ
हमने कुछ रसूल ऐसे भेजे, जिनके वृत्तांत हमने आपसे क़ुरआन में बयान कर दिए हैं, तथा कुछ रसूल ऐसे भेजे जिनके बारे में हमने आपसे उसमें कुछ बयान नहीं किया और किसी हिकमत के तहत उसमें उनका उल्लेख करना छोड़ दिया। तथा अल्लाह ने मूसा अलैहिस्सलाम से उनके सम्मान में उन्हें नबी बनाने के संबंध में - बिना मध्यस्थता के - वास्तविक रूप से बात की, जैसा उसकी महिमा के योग्य है।
अरबी व्याख्याहरू:
رُسُلًا مُّبَشِّرِیْنَ وَمُنْذِرِیْنَ لِئَلَّا یَكُوْنَ لِلنَّاسِ عَلَی اللّٰهِ حُجَّةٌ بَعْدَ الرُّسُلِ ؕ— وَكَانَ اللّٰهُ عَزِیْزًا حَكِیْمًا ۟
हमने उन्हें अल्लाह पर ईमान लाने वालों को अच्छे प्रतिफल की शुभ सूचना देने वाला तथा उसके साथ कुफ़्र करने वालों को दर्दनाक यातना से डराने वाला बनाकर भेजा, ताकि रसूलों को भेजने के बाद लोगों के लिए अल्लाह के ख़िलाफ़ कोई तर्क न रह जाए, जिसे वे बहाना बना सकें। तथा अल्लाह अपने राज्य में प्रभुत्वशाली, अपने फ़ैसले में हिकमत वाला है।
अरबी व्याख्याहरू:
لٰكِنِ اللّٰهُ یَشْهَدُ بِمَاۤ اَنْزَلَ اِلَیْكَ اَنْزَلَهٗ بِعِلْمِهٖ ۚ— وَالْمَلٰٓىِٕكَةُ یَشْهَدُوْنَ ؕ— وَكَفٰی بِاللّٰهِ شَهِیْدًا ۟ؕ
यदि यहूद आपका इनकार करते हैं, तो अल्लाह उस क़ुरआन की प्रामाणिकता के संबंध में आपकी पुष्टि करता है, जो उसने (ऐ रसूल!) आपकी ओर उतारा है। अल्लाह ने उसमें अपना वह ज्ञान उतारा है, जिससे वह अपने बंदों को अवगत कराना चाहता है, कि वह किन चीज़ों को पसंद करता और उनसे प्रसन्न होता है या किन चीज़ों को नापसंद करता और उनसे नफरता करता है। अल्लाह की गवाही के साथ फ़रिश्ते भी उसकी सच्चाई की गवाही देते हैं जो आप लेकर आए हैं। तथा अल्लाह गवाह के रूप में पर्याप्त है। क्योंकि उसकी गवाही के बाद किसी दूसरे की गवाही की ज़रूरत नहीं।
अरबी व्याख्याहरू:
اِنَّ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا وَصَدُّوْا عَنْ سَبِیْلِ اللّٰهِ قَدْ ضَلُّوْا ضَلٰلًا بَعِیْدًا ۟
निःसंदेह जिन लोगों ने आपके नबी होने का इनकार किया और लोगों को इस्लाम के मार्ग से रोका, निश्चय वे सत्य से बहुत दूर जा पड़े।
अरबी व्याख्याहरू:
اِنَّ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا وَظَلَمُوْا لَمْ یَكُنِ اللّٰهُ لِیَغْفِرَ لَهُمْ وَلَا لِیَهْدِیَهُمْ طَرِیْقًا ۟ۙ
जिन लोगों ने अल्लाह और उसके रसूलों के साथ कुफ़्र किया और कुफ़्र पर बने रहकर ख़ुद पर ज़ुल्म किया, अल्लाह उनके कुफ़्र पर अटल रहने को कभी क्षमा नहीं करेगा, और न ही उन्हें अल्लाह की यातना से बचाने वाला मार्ग दर्शाएगा।
अरबी व्याख्याहरू:
اِلَّا طَرِیْقَ جَهَنَّمَ خٰلِدِیْنَ فِیْهَاۤ اَبَدًا ؕ— وَكَانَ ذٰلِكَ عَلَی اللّٰهِ یَسِیْرًا ۟
सिवाय उस रास्ते के जो जहन्नम में प्रवेश की ओर ले जाता है, जिसमें वे सदा-सर्वदा रहने वाले हैं। और यह काम अल्लाह के लिए बहुत ही आसान है, क्योंकि कोई भी चीज़ उसे विवश नहीं कर सकती।
अरबी व्याख्याहरू:
یٰۤاَیُّهَا النَّاسُ قَدْ جَآءَكُمُ الرَّسُوْلُ بِالْحَقِّ مِنْ رَّبِّكُمْ فَاٰمِنُوْا خَیْرًا لَّكُمْ ؕ— وَاِنْ تَكْفُرُوْا فَاِنَّ لِلّٰهِ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— وَكَانَ اللّٰهُ عَلِیْمًا حَكِیْمًا ۟
ऐ लोगो! रसूल मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम तुम्हारे पास मार्गदर्शन और सत्य धर्म के साथ अल्लाह की ओर से आए हैं। अतः वह तुम्हारे पास जो कुछ लाए हैं उसपर ईमान ले आओ, यह दुनिया तथा आख़िरत में तुम्हारे लिए बेहतर होगा। यदि तुम अल्लाह के साथ कुफ़्र करते हो, तो अल्लाह तुम्हारे ईमान से बेनियाज़ है, तुम्हारा कुफ़्र करना उसे नुक़सान नहीं पहुँचाएगा। क्योंकि जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में तथा इन दोनों के बीच है, सब उसके अधिकार में है। तथा अल्लाह उसके बारे में जानने वाला है जो मार्गदर्शन का पात्र है, इसलिए उसके लिए मार्गदर्शन को आसान बना देता है, और जो उसका हक़दार नहीं है, इसलिए उसे उससे अंधा कर देता है। वह अपनी बातों, कार्यों, विधान और नियति में पूर्ण हिकमत वाला है।
अरबी व्याख्याहरू:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• إثبات النبوة والرسالة في شأن نوح وإبراهيم وغيرِهما مِن ذرياتهما ممن ذكرهم الله وممن لم يذكر أخبارهم لحكمة يعلمها سبحانه.
• नूह, इबराहीम तथा उनके अलावा उनकी संतानों में से अन्य लोगों के बारे में नुबुव्वत (ईश्दूतत्व)) एवं रिसालत (पैगंबरी) को साबित करना, जिनमें से कुछ का अल्लाह ने उल्लेख किया है और कुछ के समाचार का उल्लेख उसने किसी हिकमत के कारण नहीं किया है, जिसे वह सर्वशक्तिमान जानता है।।

• إثبات صفة الكلام لله تعالى على وجه يليق بذاته وجلاله، فقد كلّم الله تعالى نبيه موسى عليه السلام.
• अल्लाह सर्वशक्तिमान के लिए उसके अस्तित्व और उसकी महिमा के अनुरूप 'कलाम' (बात करने) की विशेषता साबित करना, क्योंकि सर्वशक्तिमान अल्लाह ने अपने नबी मूसा अलैहिस्सलाम से बात की।

• تسلية النبي محمد عليه الصلاة والسلام ببيان أن الله تعالى يشهد على صدق دعواه في كونه نبيًّا، وكذلك تشهد الملائكة.
• नबी मुहम्मद - सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम - को यह बयान करके सांत्वना देना कि अल्लाह तआला उनके नबी होने के दावे की सच्चाई की गवाही देता है, और इसी तरह फ़रिश्ते भी गवाही देते हैं।

 
अर्थको अनुवाद सूरः: न्निसा
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पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - पवित्र कुर्आनको संक्षिप्त व्याख्याको हिन्दी भाषामा अनुवाद । - अनुवादहरूको सूची

मर्क्ज तफ्सीर लिद्दिरासात अल-कुर्आनियह द्वारा प्रकाशित।

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