पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद श्लोक: (31) सूरः: सूरतु गाफिर
مِثْلَ دَاْبِ قَوْمِ نُوْحٍ وَّعَادٍ وَّثَمُوْدَ وَالَّذِیْنَ مِنْ بَعْدِهِمْ ؕ— وَمَا اللّٰهُ یُرِیْدُ ظُلْمًا لِّلْعِبَادِ ۟
उन समुदायों के जैसे हाल से, जिन्होंने कुफ़्र किया और रसूलों को झुठलाया, जैसे नूह अलैहिस्सलाम की जाति, आद और समूद समुदायों और उनके बाद आने वाली जातियों के हाल से। क्योंकि अल्लाह ने उन्हें उनके रसूलों का इनकार करने और उनको झुठलाने के कारण हलाक कर दिया था। और अल्लाह बंदों के साथ अत्याचार नहीं चाहता। वह उन्हें यातना केवल उनके गुनाहों के बदले में देता है।
अरबी व्याख्याहरू:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• لجوء المؤمن إلى ربه ليحميه من كيد أعدائه.
• मोमिन दुश्मनों की चाल से बचने के लिए अपने पालनहार के शरण में आता है।

• جواز كتم الإيمان للمصلحة الراجحة أو لدرء المفسدة.
• किसी अधिक महत्वपूर्ण हित की रक्षा अथवा नुकसान से बचने के लिए ईमान को छिपाने का सबूत।

• تقديم النصح للناس من صفات أهل الإيمان.
• लोगों को नसीहत करना ईमान वालों की विशेषता है।

 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (31) सूरः: सूरतु गाफिर
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