पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद श्लोक: (36) सूरः: सूरतु फुस्सिलत
وَاِمَّا یَنْزَغَنَّكَ مِنَ الشَّیْطٰنِ نَزْغٌ فَاسْتَعِذْ بِاللّٰهِ ؕ— اِنَّهٗ هُوَ السَّمِیْعُ الْعَلِیْمُ ۟
और यदि किसी भी समय शैतान आपको बुराई पर उकसाए, तो अल्लाह को मज़बूती से पकड़ लें और उसीका शरण लें। निःसंदेह वही आपकी बातों को सुनने वाला तथा आपका हाल जानने वाला है।
अरबी व्याख्याहरू:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• منزلة الاستقامة عند الله عظيمة.
• इस्लाम पर दृढ़तापूर्वक डटे रहने का अल्लाह के यहाँ बड़ा ऊँचा स्थान है।

• كرامة الله لعباده المؤمنين وتولِّيه شؤونهم وشؤون مَن خلفهم.
• अल्लाह ने मोमिनों को बड़ा सम्मान दिया है तथा उनके और उनके पश्चात आने लोगों के मामलों की देख-रेख खुद अपने ऊपर ले रखी है।

• مكانة الدعوة إلى الله، وأنها أفضل الأعمال.
• अल्लाह की ओर बुलाने का महत्व और यह कि यह सबसे अच्छे कामों में से है।

• الصبر على الإيذاء والدفع بالتي هي أحسن خُلُقان لا غنى للداعي إلى الله عنهما.
• अत्याचार पर सब्र करना तथा बुरे व्यवहार के मुक़ाबले में अच्छा व्यवहार करना, दो ऐसे गुण हैं, जिनसे अल्लाह की ओर बुलाने वाला व्यक्ति बेनियाज़ नहीं हो सकता।

 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (36) सूरः: सूरतु फुस्सिलत
अध्यायहरूको (सूरःहरूको) सूची رقم الصفحة
 
पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - अनुवादहरूको सूची

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

बन्द गर्नुस्