पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद श्लोक: (37) सूरः: सूरतुल् अनअाम
وَقَالُوْا لَوْلَا نُزِّلَ عَلَیْهِ اٰیَةٌ مِّنْ رَّبِّهٖ ؕ— قُلْ اِنَّ اللّٰهَ قَادِرٌ عَلٰۤی اَنْ یُّنَزِّلَ اٰیَةً وَّلٰكِنَّ اَكْثَرَهُمْ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
और मुश्रिकों ने हठ दिखाते हुए और ईमान लाने में टाल-मटोल करते हुए कहा : मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) पर कोई चमत्कारी निशानी क्यों नहीं उतारी गई, जो उसके पालनहार की ओर से उस चीज़ में उसकी सच्चाई का प्रमाण होती, जो वह लेकर आए हैं? (ऐ रसूल!) आप कह दें : अल्लाह तआला ऐसी निशानी उतारने में सक्षम है जैसा कि वे चाहते हैं, लेकिन निशानी उतारने की माँग करने वाले इन बहुदेववादियों में से अधिकांश लोग यह नहीं जानते हैं कि निशानियों का उतारना अल्लाह की अपनी हिकमत के अनुसार होता है, न कि उनके माँग करने के अनुसार। क्योंकि यदि अल्लाह ने निशानियों को उतार दिया, फिर वे ईमान न लाए, तो अल्लाह उन्हें अवश्य विनष्ट कर देगा।
अरबी व्याख्याहरू:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• تشبيه الكفار بالموتى؛ لأن الحياة الحقيقية هي حياة القلب بقَبوله الحق واتباعه طريق الهداية.
• काफ़िरों की तुलना मुर्दों से करना; क्योंकि वास्तविक जीवन तो हृदय का जीवन है, जो सत्य को स्वीकार करने और हिदायत के मार्ग पर चलने से प्राप्त होता है।

• من حكمة الله تعالى في الابتلاء: إنزال البلاء على المخالفين من أجل تليين قلوبهم وردِّهم إلى ربهم.
• परीक्षा (आज़माइश) में डालने की अल्लाह की एक हिकमत : उल्लंघन करने वालों को विपत्ति से ग्रस्त करके उनके दिलों को नरम करना और उन्हें अपने पालनहार की ओर लौटाना है।

• وجود النعم والأموال بأيدي أهل الضلال لا يدل على محبة الله لهم، وإنما هو استدراج وابتلاء لهم ولغيرهم.
• पथभ्रष्ट लोगों के हाथों में नेमतों और धन की उपस्थिति, उनके लिए अल्लाह के प्रेम को नहीं दर्शाती है, बल्कि यह एक प्रलोभन तथा उनके और दूसरों के लिए परीक्षण है।

 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (37) सूरः: सूरतुल् अनअाम
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