पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद श्लोक: (69) सूरः: सूरतुल् अनअाम
وَمَا عَلَی الَّذِیْنَ یَتَّقُوْنَ مِنْ حِسَابِهِمْ مِّنْ شَیْءٍ وَّلٰكِنْ ذِكْرٰی لَعَلَّهُمْ یَتَّقُوْنَ ۟
जो लोग अल्लाह के आदेशों का पालन करने और उसके निषेधों से बचने के द्वारा उससे डरते हैं, उनके ज़िम्मे इन अत्याचारियों के हिसाब में से कोई चीज़ नहीं है। बल्कि उनकी ज़िम्मेदारी केवल उन्हें उन बुराइयों से रोकना है जो वे करते हैं, ताकि उनके हृदय में अल्लाह का डर पैदा हो जाए, फिर वे अल्लाह के आदेशों का पालन करें और उसके निषेधों से बचें।
अरबी व्याख्याहरू:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• الداعية إلى الله تعالى ليس مسؤولًا عن محاسبة أحد، بل هو مسؤول عن التبليغ والتذكير.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाला केवल अल्लाह के संदेश को पहुँचाने तथा स्मरण कराने का ज़िम्मेदार है, किसी का हिसाब लेने का ज़िम्मेदार नहीं है।

• الوعظ من أعظم وسائل إيقاظ الغافلين والمستكبرين.
• उपदेश करना, लापरवाहों और अहंकारियों को जगाने का सबसे बड़ा साधन है।

• من دلائل التوحيد: أن من لا يملك نفعًا ولا ضرًّا ولا تصرفًا، هو بالضرورة لا يستحق أن يكون إلهًا معبودًا.
• तौहीद (एकेश्वरवाद) के प्रमाणों में से एक यह है कि : जो कोई लाभ, या हानि, या हेरफेर करने का अधिकार न रखता हो, वह आवश्यक रूप से पूज्य होने के योग्य नहीं है।

 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (69) सूरः: सूरतुल् अनअाम
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