पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद श्लोक: (25) सूरः: सूरतुल् हाक्कः
وَاَمَّا مَنْ اُوْتِیَ كِتٰبَهٗ بِشِمَالِهٖ ۙ۬— فَیَقُوْلُ یٰلَیْتَنِیْ لَمْ اُوْتَ كِتٰبِیَهْ ۟ۚ
और रहा वह व्यक्ति, जिसे उसका कर्म-पत्र उसके बाएँ हाथ में दिया गया, तो वह पछतावे की तीव्रता से कहेगा : ऐ काश! मुझे मेरा कर्म-पत्र न दिया जाता, क्योंकि उसमें ऐसे बुरे कार्य हैं, जो मुझे यातना का पात्र बनाते हैं।
अरबी व्याख्याहरू:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• المِنَّة التي على الوالد مِنَّة على الولد تستوجب الشكر.
• पिता पर उपकार संतान पर भी उपकार है, जो धन्यवाद का पात्र है।

• إطعام الفقير والحض عليه من أسباب الوقاية من عذاب النار.
• निर्धन को खाना खिलाना और उसके लिए प्रोत्साहित करना, आग की यातना से बचाव के कारणों में से है।

• شدة عذاب يوم القيامة تستوجب التوقي منه بالإيمان والعمل الصالح.
• क़ियामत के दिन की यातना की गंभीरता इस बात की अपेक्षा करती है कि ईमान और सत्कर्म के द्वारा उससे बचा जाए।

 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (25) सूरः: सूरतुल् हाक्कः
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