पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद श्लोक: (88) सूरः: सूरतुल् अअराफ
قَالَ الْمَلَاُ الَّذِیْنَ اسْتَكْبَرُوْا مِنْ قَوْمِهٖ لَنُخْرِجَنَّكَ یٰشُعَیْبُ وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا مَعَكَ مِنْ قَرْیَتِنَاۤ اَوْ لَتَعُوْدُنَّ فِیْ مِلَّتِنَا ؕ— قَالَ اَوَلَوْ كُنَّا كٰرِهِیْنَ ۟ۚ
शुऐब अलैहिस्सलाम की क़ौम के घमंडी प्रमुखाें और बड़े लोगों ने शुऐब अलैहिस्सलाम से कहा : (ऐ शुऐब!) हम तुझे और तेरे साथ तेरी बात मानने वालों काे अपने इस गाँव से अवश्य निकाल देंगे, या तुम अवश्य ही हमारे धर्म में वापस आ जाओगे। तो शुऐब अलैहिस्सलाम ने इनकार करते हुए और आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा : क्या हम तुम्हारे धर्म पर चलने लगें, अगरचे हम उसे नापसंद ही करते हों, क्योंकि हम जानते हैं कि तुम्हारा धर्म असत्य है?!
अरबी व्याख्याहरू:
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• من مظاهر إكرام الله لعباده الصالحين أنه فتح لهم أبواب العلم ببيان الحق من الباطل، وبنجاة المؤمنين، وعقاب الكافرين.
• अल्लाह के अपने नेक बंदों को सम्मानित करने की एक अभिव्यक्ति यह है कि उसने असत्य से सत्य को स्पष्ट करके, तथा ईमान वालों को मोक्ष प्रदान करके और काफ़िरों को दंडित करके, उनके लिए ज्ञान के द्वार खोल दिए हैं।

• من سُنَّة الله في عباده الإمهال؛ لكي يتعظوا بالأحداث، ويُقْلِعوا عما هم عليه من معاص وموبقات.
• अल्लाह की अपने बंदों के बारे में यह परंपरा रही है कि वह उन्हें ढील देता है, ताकि वे घटनाओं से सीख प्राप्त करें और उन अवज्ञाओं तथा विनाशकारी पापों को त्याग दें, जिनमें वे लिप्त हैं ।

• الابتلاء بالشدة قد يصبر عليه الكثيرون، ويحتمل مشقاته الكثيرون، أما الابتلاء بالرخاء فالذين يصبرون عليه قليلون.
• कठिनाई द्वारा परीक्षा पर बहुत से लोग धैर्य कर सकते हैं और उसके कष्टों को बहुत से लोग सहन कर लेते हैं। परंतु समृद्धि व संपन्नता के द्वारा परीक्षा पर कम ही लोग धैर्य रखते हैं।

 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (88) सूरः: सूरतुल् अअराफ
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