पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद श्लोक: (4) सूरः: सूरतु नूह
یَغْفِرْ لَكُمْ مِّنْ ذُنُوْبِكُمْ وَیُؤَخِّرْكُمْ اِلٰۤی اَجَلٍ مُّسَمًّی ؕ— اِنَّ اَجَلَ اللّٰهِ اِذَا جَآءَ لَا یُؤَخَّرُ ۘ— لَوْ كُنْتُمْ تَعْلَمُوْنَ ۟
अगर तुम ऐसा करोगे, तो अल्लाह तुम्हारे उन गुनाहों को क्षमा कर देगा, जो बंदों के अधिकारों से संबंधित नहीं हैं। और तुम्हारे समुदाय की जीवन-अवधि एक निर्धारित समय तक बढ़ा देगा, जो अल्लाह के ज्ञान में है। जब तक तुम इसपर क़ायम रहोगे, धरती को आबाद रखोगे। निश्चय जब मौत आ जाती है, तो टाली नहीं जाती। अगर तुम इस तथ्य को जानते होते, तो अल्लाह पर ईमान लाने और अपने शिर्क और गुमराही से तौबा करने में अवश्य जल्दी करते।
अरबी व्याख्याहरू:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• خطر الغفلة عن الآخرة.
• आख़िरत से गफ़लत का खतरा।

• عبادة الله وتقواه سبب لغفران الذنوب.
• अल्लाह की इबादत और उसका भय पापों की क्षमा का एक कारण है।

• الاستمرار في الدعوة وتنويع أساليبها حق واجب على الدعاة.
• अल्लाह की ओर बुलाने के कार्य को जारी रखना और उसके तरीक़ों में विविधता लाना अल्लाह की ओर बुलाने वालों का अनिवार्य दायित्व है।

 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (4) सूरः: सूरतु नूह
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