पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद श्लोक: (10) सूरः: सूरतुल् जिन्न
وَّاَنَّا لَا نَدْرِیْۤ اَشَرٌّ اُرِیْدَ بِمَنْ فِی الْاَرْضِ اَمْ اَرَادَ بِهِمْ رَبُّهُمْ رَشَدًا ۟ۙ
हम नहीं जानते कि इस सख़्त पहरेदारी का कारण क्या है; क्या धरती के लोगों के लिए बुराई का इरादा किया गया है, या अल्लाह ने उनके लिए किसी भलाई का इरादा किया है।क्योंकि हमें आकाश की सूचना प्राप्त नहीं हो रही है।
अरबी व्याख्याहरू:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• تأثير القرآن البالغ فيمَنْ يستمع إليه بقلب سليم.
• सच्चे दिल से क़ुरआन सुनने वाले पर, उसका व्यापक प्रभाव।

• الاستغاثة بالجن من الشرك بالله، ومعاقبةُ فاعله بضد مقصوده في الدنيا.
• जिन्नों से फ़रियाद करना अल्लाह के साथ शिर्क है। ऐसा करने वाले को, दुनिया में उसके उद्देश्य के विपरीत चीज़ के द्वारा दंडित किया जाता है।

• بطلان الكهانة ببعثة النبي صلى الله عليه وسلم.
• मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के नबी बनाए जाने से कहानत का खंडित होना।

• من أدب المؤمن ألا يَنْسُبَ الشرّ إلى الله.
• यह एक मोमिन का शिष्टाचार है कि वह बुराई की निस्बत अल्लाह की ओर न करे।

 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (10) सूरः: सूरतुल् जिन्न
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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