पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद श्लोक: (31) सूरः: सूरतुल् इन्सान
یُّدْخِلُ مَنْ یَّشَآءُ فِیْ رَحْمَتِهٖ ؕ— وَالظّٰلِمِیْنَ اَعَدَّ لَهُمْ عَذَابًا اَلِیْمًا ۟۠
वह अपने बंदों में से जिसे चाहता है, अपनी रहमत में दाखिल करता है। अतः वह उन्हें ईमान और सत्कर्म का सामर्थ्य प्रदान करता है। तथा उसने अपने आपपर कुफ़्र और पापों के द्वारा अत्याचार करने वालों के लिए दर्दनाक यातना तैयार कर रखी है, और वह जहन्नम की यातना है।
अरबी व्याख्याहरू:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• خطر التعلق بالدنيا ونسيان الآخرة.
• दुनिया से लगाव और आख़िरत को भूल जाने का खतरा।

• مشيئة العبد تابعة لمشيئة الله.
• बंदे की इच्छा, अल्लाह की इच्छा के अधीन है।

• إهلاك الأمم المكذبة سُنَّة إلهية.
• झुठलाने वाले समुदायों को विनष्ट करना अल्लाह की परंपरा रही है।

 
अर्थको अनुवाद श्लोक: (31) सूरः: सूरतुल् इन्सान
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