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पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - पवित्र कुर्आनको संक्षिप्त व्याख्याको हिन्दी भाषामा अनुवाद । * - अनुवादहरूको सूची


अर्थको अनुवाद सूरः: त्ताैबः   श्लोक:
لَقَدِ ابْتَغَوُا الْفِتْنَةَ مِنْ قَبْلُ وَقَلَّبُوْا لَكَ الْاُمُوْرَ حَتّٰی جَآءَ الْحَقُّ وَظَهَرَ اَمْرُ اللّٰهِ وَهُمْ كٰرِهُوْنَ ۟
ये मुनाफ़िक़ लोग तबूक के युद्ध से पहले भी मुसलमानों के बीच मतभेद पैदा करके और उनकी एकता को भंग करके उपद्रव मचाने का प्रयास कर चुके हैं, तथा तरकीबों की व्यवस्था करके (ऐ रसूल!) आपके लिए मामलों में विविधता लाते रहे हैं और उलट-फेर करते रहे हैं, शायद उनकी चालें जिहाद करने के आपके संकल्प को प्रभावित कर दें, यहाँ तक कि आपके लिए अल्लाह की मदद और उसका समर्थन आ गया और अल्लाह ने अपने दीन को प्रभुत्व प्रदान किया और अपने दुश्मनों को वशीभूत कर दिया। जबकि वे इसे नापसंद करते थे; क्योंकि वे सत्य पर असत्य की जीत चाहते थे।
अरबी व्याख्याहरू:
وَمِنْهُمْ مَّنْ یَّقُوْلُ ائْذَنْ لِّیْ وَلَا تَفْتِنِّیْ ؕ— اَلَا فِی الْفِتْنَةِ سَقَطُوْا ؕ— وَاِنَّ جَهَنَّمَ لَمُحِیْطَةٌ بِالْكٰفِرِیْنَ ۟
मुनाफ़िक़ों में से कुछ ऐसे हैं, जो गढ़े हुए बहाने पेश करते हैं और कहते हैं : ऐ अल्लाह के रसूल! मुझे जिहाद से पीछे रहने की अनुमति प्रदान करें और मुझे अपने साथ निकलने पर मजबूर न करें, कहीं ऐसा न हो कि मैं रूमी शत्रुओं की स्त्रियों को देखकर किसी गुनाह में पड़ जाऊँ। सुन लो! वास्तव में, वे जो दावा करते हैं उससे कहीं अधिक बड़े फ़ितने में पड़ चुके हैं, जो कि निफ़ाक़ का फ़ितना और युद्ध से पीछे रहने का फ़ितना है। निःसंदेह क़ियामत के दिन जहन्नम काफ़िरों को अवश्य घेरने वाली है। उनमें से कोई भी उससे बच नहीं सकता और न ही वे उससे भागने की कोई जगह पाएँगे।
अरबी व्याख्याहरू:
اِنْ تُصِبْكَ حَسَنَةٌ تَسُؤْهُمْ ۚ— وَاِنْ تُصِبْكَ مُصِیْبَةٌ یَّقُوْلُوْا قَدْ اَخَذْنَاۤ اَمْرَنَا مِنْ قَبْلُ وَیَتَوَلَّوْا وَّهُمْ فَرِحُوْنَ ۟
यदि (ऐ अल्लाह के रसूल!) आपको विजय या ग़नीमत के धन के रूप में अल्लाह की ओर से कोई आनंदकर नेमत प्राप्त होती है, तो वे उसे नापसंद करते हैं और उसके लिए शोक मनाते हैं। और यदि कठिनाई या दुश्मन की विजय के रूप में आपपर कोई विपत्ति आ पड़ती है, तो ये मुनाफ़िक़ लोग कहते हैं : हमने अपने लिए सावधानी बरती और हमने उस समय समझदारी (विवेक) से काम लिया जब हम लड़ाई के लिए नहीं निकले, जिस तरह कि ईमान वाले निकले थे। जिसके कारण उन्हें क़त्ल और क़ैद का सामना करना पड़ा। फिर ये मुनाफ़िक़ लोग अपनी सुरक्षा से खुश अपने परिवारों की ओर लौटते हैं।
अरबी व्याख्याहरू:
قُلْ لَّنْ یُّصِیْبَنَاۤ اِلَّا مَا كَتَبَ اللّٰهُ لَنَا ۚ— هُوَ مَوْلٰىنَا ۚ— وَعَلَی اللّٰهِ فَلْیَتَوَكَّلِ الْمُؤْمِنُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप इन मुनाफ़िक़ों से कह दें : अल्लाह ने हमारे लिए जो कुछ लिख दिया है, उसके अलावा हमें कुछ भी नहीं पहुँचेगा। क्योंकि वही महिमावान हमारा मालिक और हमारा आश्रय है जिसका हम सहारा लेते हैं, और हम अपने मामलों में उसी पर भरोसा करते हैं। तथा ईमान वाले अपने मामलों को केवल उसी को सौंपते हैं। क्योंकि वही उनके लिए पर्याप्त, और सबसे अच्छा काम बनाने वाला है।
अरबी व्याख्याहरू:
قُلْ هَلْ تَرَبَّصُوْنَ بِنَاۤ اِلَّاۤ اِحْدَی الْحُسْنَیَیْنِ ؕ— وَنَحْنُ نَتَرَبَّصُ بِكُمْ اَنْ یُّصِیْبَكُمُ اللّٰهُ بِعَذَابٍ مِّنْ عِنْدِهٖۤ اَوْ بِاَیْدِیْنَا ۖؗۗ— فَتَرَبَّصُوْۤا اِنَّا مَعَكُمْ مُّتَرَبِّصُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप उनसे कह दें : तुम हमारे लिए जीत या शहादत के अलावा किसकी प्रतीक्षा कर रहे हो?! और हम तुम्हारे बारे में प्रतीक्षा कर रहे हैं कि अल्लाह तुम्हें अपने पास से कोई यातना दे, जो तुम्हें नष्ट कर दे या हमारे हाथों तुम्हें क़त्ल करवाकर या बंदी बनाकर सज़ा दे, यदि वह हमें तुमसे लड़ाई की अनुमति प्रदान कर दे। तो तुम हमारे परिणाम की प्रतीक्षा करो। हम भी तुम्हारे परिणाम की प्रतीक्षा करते हैं।
अरबी व्याख्याहरू:
قُلْ اَنْفِقُوْا طَوْعًا اَوْ كَرْهًا لَّنْ یُّتَقَبَّلَ مِنْكُمْ ؕ— اِنَّكُمْ كُنْتُمْ قَوْمًا فٰسِقِیْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप उनसे कह दें : जो कुछ तुम अपने धन में से खर्च करते हो, उसे स्वेच्छा से या अनिच्छा से खर्च करो। जो कुछ तुमने खर्च किया है वह तुम्हारे कुफ़्र और अल्लाह की अवज्ञा के कारण तुमसे कभी भी स्वीकार नहीं किया जाएगा।
अरबी व्याख्याहरू:
وَمَا مَنَعَهُمْ اَنْ تُقْبَلَ مِنْهُمْ نَفَقٰتُهُمْ اِلَّاۤ اَنَّهُمْ كَفَرُوْا بِاللّٰهِ وَبِرَسُوْلِهٖ وَلَا یَاْتُوْنَ الصَّلٰوةَ اِلَّا وَهُمْ كُسَالٰی وَلَا یُنْفِقُوْنَ اِلَّا وَهُمْ كٰرِهُوْنَ ۟
उनकी ख़र्च की हुई चीज़ों को स्वीकार न किए जाने के तीन कारण हैं : उनका अल्लाह और उसके रसूल का इनकार करना, उनका नमाज़ पढ़ते समय आलस्य और सुस्ती, तथा वे अपना धन स्वेच्छा से खर्च नहीं करते हैं, बल्कि उसे अनैच्छिक रूप से खर्च करते हैं; क्योंकि वे न तो अपनी नमाज़ों में प्रतिफल की आशा रखते हैं और न ही अपने खर्च करने में।
अरबी व्याख्याहरू:
यस पृष्ठको अायतहरूका लाभहरूमध्येबाट:
• دأب المنافقين السعي إلى إلحاق الأذى بالمسلمين عن طريق الدسائس والتجسس.
• मुनाफ़िक़ साज़िश और जासूसी के माध्यम से मुसलमानों को नुक़सान पहुँचाने का प्रयास करते रहते हैं।

• التخلف عن الجهاد مفسدة كبرى وفتنة عظمى محققة، وهي معصية لله ومعصية لرسوله.
• जिहाद से पीछे रहना एक बहुत बड़ी बुराई और महान फ़ितना है। तथा यह अल्लाह की अवज्ञा और उसके रसूल की अवज्ञा है।

• في الآيات تعليم للمسلمين ألا يحزنوا لما يصيبهم؛ لئلا يَهِنوا وتذهب قوتهم، وأن يرضوا بما قدَّر الله لهم، ويرجوا رضا ربهم؛ لأنهم واثقون بأن الله يريد نصر دينه.
• इन आयतों में मुसलमानों के लिए यह सीख है कि जो कुछ उनके साथ होता है उसके लिए शोक न करें; ताकि ऐसा न हो कि वे कमज़ोर पड़ जाएँ और उनकी शक्ति समाप्त हो जाए। तथा अल्लाह ने उनके लिए जो कुछ नियत किया है, उससे संतुष्ट रहें, और अपने पालनहार की प्रसन्नता की आशा रखें; क्योंकि उन्हें पूरा भरोसा होता है कि अल्लाह अपने धर्म की मदद करता है।

• من علامات ضعف الإيمان وقلة التقوى التكاسل في أداء الصلاة والإنفاق عن غير رضا ورجاء للثواب.
• ईमान की कमज़ोरी और 'तक़वा' की कमी की निशानियों में से : नमाज़ अदा करने में आलस्य तथा बिना संतुष्टि और प्रतिफल की आशा के खर्च करना है।

 
अर्थको अनुवाद सूरः: त्ताैबः
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पवित्र कुरअानको अर्थको अनुवाद - पवित्र कुर्आनको संक्षिप्त व्याख्याको हिन्दी भाषामा अनुवाद । - अनुवादहरूको सूची

मर्क्ज तफ्सीर लिद्दिरासात अल-कुर्आनियह द्वारा प्रकाशित।

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