Check out the new design

د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژبې ته د المختصر في تفسیر القرآن الکریم ژباړه. * - د ژباړو فهرست (لړلیک)


د معناګانو ژباړه سورت: احقاف   آیت:
وَاذْكُرْ اَخَا عَادٍ اِذْ اَنْذَرَ قَوْمَهٗ بِالْاَحْقَافِ وَقَدْ خَلَتِ النُّذُرُ مِنْ بَیْنِ یَدَیْهِ وَمِنْ خَلْفِهٖۤ اَلَّا تَعْبُدُوْۤا اِلَّا اللّٰهَ ؕ— اِنِّیْۤ اَخَافُ عَلَیْكُمْ عَذَابَ یَوْمٍ عَظِیْمٍ ۟
(ऐ रसूल!) आद समुदाय के नसबी भाई हूद (अलैहिस्सलाम) को याद करें, जब उन्होंने अपनी जाति के लोगों को उनपर अल्लाह की यातना उतरने से डराया। यह उस समय की बात है, जब वे अरब प्रायद्वीप के दक्षिण में स्थित 'अहक़ाफ़' नामी स्थान में अपने घरों में थे। जबकि हूद (अलैहिस्सलाम) से पहले और उनके बाद बहुत-से रसूल अपनी जातियों को सावधान करने वाले आ चुके थे। उन्होंने अपने समुदायों से कहा : केवल अल्लाह की इबादत करो। उसके साथ उसके अलावा की इबादत न करो। निःसंदेह मुझे (ऐ मेरी जाति के लोगो!) तुमपर एक बहुत बड़े दिन की यातना का भय है और वह क़ियामत का दिन है।
عربي تفسیرونه:
قَالُوْۤا اَجِئْتَنَا لِتَاْفِكَنَا عَنْ اٰلِهَتِنَا ۚ— فَاْتِنَا بِمَا تَعِدُنَاۤ اِنْ كُنْتَ مِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟
उनकी जाति ने उनसे कहा : क्या तुम हमारे पास हमें हमारे पूज्यों की उपासना से रोकने के लिए आए हो?! ऐसा हरगिज़ नहीं हो सकता। इसलिए अगर तुम अपने दावे में सच्चे हो, तो हमपर वह यातना ले आओ, जिसकी तुम हमें धमकी देते हो।
عربي تفسیرونه:
قَالَ اِنَّمَا الْعِلْمُ عِنْدَ اللّٰهِ ؗ— وَاُبَلِّغُكُمْ مَّاۤ اُرْسِلْتُ بِهٖ وَلٰكِنِّیْۤ اَرٰىكُمْ قَوْمًا تَجْهَلُوْنَ ۟
हूद (अलैहिस्सलाम) ने कहा : यातना के समय को तो केवल अल्लाह ही जानता है। मुझे इसका कोई ज्ञान नहीं है। मैं तो केवल एक रसूल हूँ, तुम्हें वह संदेश पहुँचाता हूँ, जो मुझे देकर तुम्हारी ओर भेजा गया है। लेकिन मैं तुम लोगों को देखता हूँ कि तुम उस चीज़ से अनभिज्ञ हो जिसमें तुम्हारा लाभ है, इसलिए तुम उसे छोड़ देते हो, तथा उस चीज़ से भी (अनभिज्ञ हो) जिसमें तुम्हारी हानि है, इसलिए तुम उसे करते हो।
عربي تفسیرونه:
فَلَمَّا رَاَوْهُ عَارِضًا مُّسْتَقْبِلَ اَوْدِیَتِهِمْ ۙ— قَالُوْا هٰذَا عَارِضٌ مُّمْطِرُنَا ؕ— بَلْ هُوَ مَا اسْتَعْجَلْتُمْ بِهٖ ؕ— رِیْحٌ فِیْهَا عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟ۙ
फिर जब उनके पास वह यातना आ गई, जिसके लिए उन्होंने जल्दी मचा रखी थी, तो उन्होंने उसे आकाश के एक किनारे पर फैले हुए बादल के रूप में देखा, जो उनकी वादियों की ओर आ रहा था, सो कहने लगे : यह बादल है, जो हमपर बारिश बरसाने वाला है। हूद (अलैहिस्सलाम) ने उनसे कहा : मामला ऐसा नहीं है जैसा तुमने सोचा था कि वह बादल है जो तुम पर बरसने वाला है। बल्कि यह वह यातना है, जिसके लिए तुमने जल्दी मचा रखी थी। दरअसल, यह एक आँधी है, जिसमें दर्दनाक यातना है।
عربي تفسیرونه:
تُدَمِّرُ كُلَّ شَیْ بِاَمْرِ رَبِّهَا فَاَصْبَحُوْا لَا یُرٰۤی اِلَّا مَسٰكِنُهُمْ ؕ— كَذٰلِكَ نَجْزِی الْقَوْمَ الْمُجْرِمِیْنَ ۟
वह जहाँ से गुज़रेगी, हर उस चीज़ को विनष्ट कर देगी, जिसे विनष्ट करने का अल्लाह ने उसे आदेश दिया होगा। चुनाँचे वे इस प्रकार नष्ट हो गए कि केवल उनके वे घर दिखाई देते थे जिनमें वे रहा करते थे, जो उनके वहाँ कभी आबाद होने का पता दे रहे थे। ऐसी ही दर्दनाक यातना हम उन अपराधियों को देते हैं जो अपने कुफ़्र और पाप पर अडिग रहते हैं।
عربي تفسیرونه:
وَلَقَدْ مَكَّنّٰهُمْ فِیْمَاۤ اِنْ مَّكَّنّٰكُمْ فِیْهِ وَجَعَلْنَا لَهُمْ سَمْعًا وَّاَبْصَارًا وَّاَفْـِٕدَةً ۖؗ— فَمَاۤ اَغْنٰی عَنْهُمْ سَمْعُهُمْ وَلَاۤ اَبْصَارُهُمْ وَلَاۤ اَفْـِٕدَتُهُمْ مِّنْ شَیْءٍ اِذْ كَانُوْا یَجْحَدُوْنَ بِاٰیٰتِ اللّٰهِ وَحَاقَ بِهِمْ مَّا كَانُوْا بِهٖ یَسْتَهْزِءُوْنَ ۟۠
और हमने हूद (अलैहिस्सलाम) की जाति को सशक्तीकरण के ऐसे साधन प्रदान किए थे, जो हमने तुम्हें नहीं दिए। तथा हमने उन्हें सुनने के लिए कान दिए, देखने के लिए आँखें दीं और समझने के लिए दिल दिए। लेकिन उनके कानों, उनकी आँखों और उनकी बुद्धि ने उन्हें कुछ भी लाभ नहीं दिया। चुनाँचे जब उनपर अल्लाह की यातना आई, तो ये उसे उनसे टाल नहीं सके। क्योंकि वे अल्लाह की आयतों का इनकार करते थे और उनपर वही यातना टूट पड़ी, जिसका वे मज़ाक़ उड़ाया करते थे, जिससे उनके नबी हूद (अलैहिस्सलाम) ने उन्हें डराया था।
عربي تفسیرونه:
وَلَقَدْ اَهْلَكْنَا مَا حَوْلَكُمْ مِّنَ الْقُرٰی وَصَرَّفْنَا الْاٰیٰتِ لَعَلَّهُمْ یَرْجِعُوْنَ ۟
निश्चय हमने (ऐ मक्का वालो!) तुम्हारे आस-पास की बस्तियों को नष्ट कर दिया। चुनाँचे हमने आद, समूद, लूत (अलैहिस्सलाम) की जाति तथा मदयन वालों को नष्ट कर दिया और हमने उनके लिए विविध प्रकार के प्रमाण और तर्क प्रस्तुत किए; इस आशा में कि वे अपने कुफ़्र से बाज़ आ जाएँ।
عربي تفسیرونه:
فَلَوْلَا نَصَرَهُمُ الَّذِیْنَ اتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ قُرْبَانًا اٰلِهَةً ؕ— بَلْ ضَلُّوْا عَنْهُمْ ۚ— وَذٰلِكَ اِفْكُهُمْ وَمَا كَانُوْا یَفْتَرُوْنَ ۟
फिर उन मूर्तियों ने उनकी सहायता क्यों न की, जिन्हें उन्होंने अल्लाह के अलावा पूज्य बना लिया था, जिनकी वे पूजा और बलिदान के माध्यम से निकटता प्राप्त करते थे?! उन्होंने उनकी बिल्कुल भी मदद नहीं की। बल्कि वे उनसे उस समय लुप्त हो गईं जब उन्हें उनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी। यह उनका झूठ और मिथ्यारोपण है, जिसकी वे अपने आपको आशा दिला रहे थे कि ये मूर्तियाँ उन्हें लाभ पहुँचाएँगी और अल्लाह के पास उनके लिए सिफ़ारिश करेंगी।
عربي تفسیرونه:
په دې مخ کې د ایتونو د فایدو څخه:
• لا علم للرسل بالغيب إلا ما أطلعهم ربهم عليه منه.
• रसूलों को परोक्ष का कोई ज्ञान नहीं होता, सिवाय इसके कि उनका रब ने उन्हें किसी बात से अवगत करा दे।

• اغترار قوم هود حين ظنوا العذاب النازل بهم مطرًا، فلم يتوبوا قبل مباغتته لهم.
• हूद (अलैहिस्सलाम) की जाति का धोखा खाना जब उन्होंने अपने ऊपर उतरने वाली यातना को बारिश समझा। इसलिए उन्होंने यातना आने से पहले तौबा नहीं की।

• قوة قوم عاد فوق قوة قريش، ومع ذلك أهلكهم الله.
• आद के लोगों की शक्ति क़ुरैश की शक्ति से अधिक थी, फिर भी अल्लाह ने उन्हें नष्ट कर दिया।

• العاقل من يتعظ بغيره، والجاهل من يتعظ بنفسه.
• बुद्धिमान वह है, जो दूसरों (की स्थिति) से सीख ग्रहण करता है और अज्ञानी वह है, जो खुद से सीख ग्रहण करता है।

 
د معناګانو ژباړه سورت: احقاف
د سورتونو فهرست (لړلیک) د مخ نمبر
 
د قرآن کریم د معناګانو ژباړه - هندي ژبې ته د المختصر في تفسیر القرآن الکریم ژباړه. - د ژباړو فهرست (لړلیک)

د مرکز تفسیر للدراسات القرآنیة لخوا خپور شوی.

بندول