Ibisobanuro bya qoran ntagatifu - Ibisobanuro mu gihindi * - Ishakiro ry'ibisobanuro

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Ibisobanuro by'amagambo Isura: Ibrahim (Aburahamu)   Umurongo:

सूरा इब्राहीम

الٓرٰ ۫— كِتٰبٌ اَنْزَلْنٰهُ اِلَیْكَ لِتُخْرِجَ النَّاسَ مِنَ الظُّلُمٰتِ اِلَی النُّوْرِ ۙ۬— بِاِذْنِ رَبِّهِمْ اِلٰی صِرَاطِ الْعَزِیْزِ الْحَمِیْدِ ۟ۙ
अलिफ़॰ लाम॰ रा॰। (यह क़ुरआन) एक पुस्तक है, जिसे हमने आपकी ओर अवतरित किया है; ताकि आप लोगों को, उनके पालनहार की अनुमति से, अंधेरों से निकालकर प्रकाश की ओर ले आएँ, उस (अल्लाह) के रास्ते की ओर जो सब पर प्रभुत्वशाली, असीम प्रशंसा वाला है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اللّٰهِ الَّذِیْ لَهٗ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَمَا فِی الْاَرْضِ ؕ— وَوَیْلٌ لِّلْكٰفِرِیْنَ مِنْ عَذَابٍ شَدِیْدِ ۟ۙ
उस अल्लाह के (रास्ते की ओर) कि उसी का है जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में है। तथा काफ़िरों के लिए कड़ी यातना के कारण बड़ा विनाश है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
١لَّذِیْنَ یَسْتَحِبُّوْنَ الْحَیٰوةَ الدُّنْیَا عَلَی الْاٰخِرَةِ وَیَصُدُّوْنَ عَنْ سَبِیْلِ اللّٰهِ وَیَبْغُوْنَهَا عِوَجًا ؕ— اُولٰٓىِٕكَ فِیْ ضَلٰلٍۢ بَعِیْدٍ ۟
जो आख़िरत के मुक़ाबले में सांसारिक जीवन को बहुत अधिक पसंद करते हैं और अल्लाह के मार्ग से रोकते और उसमें टेढ़ ढूँढते हैं। ये लोग बहुत दूर की गुमराही में हैं।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَمَاۤ اَرْسَلْنَا مِنْ رَّسُوْلٍ اِلَّا بِلِسَانِ قَوْمِهٖ لِیُبَیِّنَ لَهُمْ ؕ— فَیُضِلُّ اللّٰهُ مَنْ یَّشَآءُ وَیَهْدِیْ مَنْ یَّشَآءُ ؕ— وَهُوَ الْعَزِیْزُ الْحَكِیْمُ ۟
और हमने कोई रसूल नहीं भेजा परंतु उसकी जाति की भाषा में, ताकि वह उनके लिए खोलकर बयान करे। फिर अल्लाह जिसे चाहता है, पथभ्रष्ट कर देता है और जिसे चाहता है, मार्गदर्शन प्रदान करता है। और वही सब पर प्रभुत्वशाली, पूर्ण हिकमत वाला है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا مُوْسٰی بِاٰیٰتِنَاۤ اَنْ اَخْرِجْ قَوْمَكَ مِنَ الظُّلُمٰتِ اِلَی النُّوْرِ ۙ۬— وَذَكِّرْهُمْ بِاَیّٰىمِ اللّٰهِ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّكُلِّ صَبَّارٍ شَكُوْرٍ ۟
और निःसंदेह हमने मूसा को अपनी निशानियों (चमत्कारों) के साथ भेजा कि अपनी जाति को अंधेरों से प्रकाश की ओर निकाल ला और उन्हें अल्लाह के दिन याद दिला। निःसंदेह इसमें हर ऐसे व्यक्ति के लिए निश्चय बहुत-सी निशानियाँ हैं, जो बहुत सब्र करने वाला, बहुत शुक्र करने वाला है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَاِذْ قَالَ مُوْسٰی لِقَوْمِهِ اذْكُرُوْا نِعْمَةَ اللّٰهِ عَلَیْكُمْ اِذْ اَنْجٰىكُمْ مِّنْ اٰلِ فِرْعَوْنَ یَسُوْمُوْنَكُمْ سُوْٓءَ الْعَذَابِ وَیُذَبِّحُوْنَ اَبْنَآءَكُمْ وَیَسْتَحْیُوْنَ نِسَآءَكُمْ ؕ— وَفِیْ ذٰلِكُمْ بَلَآءٌ مِّنْ رَّبِّكُمْ عَظِیْمٌ ۟۠
तथा जब मूसा ने अपनी जाति से कहा : तुम अपने ऊपर अल्लाह की नेमत को याद करो, जब उसने तुम्हें फ़िरऔनियों से छुटकारा दिलाया, जो तुम्हें घोर यातना देते थे, तुम्हारे बेटों का बुरी तरह वध करते और तुम्हारी स्त्रियों को जीवित[1] रखते थे। और इसमें तुम्हारे पालनहार की ओर से बहुत बड़ी आज़माइश थी।
1. ताकि उनके पुरुषों की अधिक संख्या से अपने राज्य के लिए भय न हो। और उनकी स्त्रियों का अपमान करें।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَاِذْ تَاَذَّنَ رَبُّكُمْ لَىِٕنْ شَكَرْتُمْ لَاَزِیْدَنَّكُمْ وَلَىِٕنْ كَفَرْتُمْ اِنَّ عَذَابِیْ لَشَدِیْدٌ ۟
तथा (याद करो) जब तुम्हारे पालनहार ने साफ घोषणा कर दी कि निःसंदेह यदि तुम शुक्र करोगे, तो मैं अवश्य ही तुम्हें अधिक दूँगा तथा निःसंदेह यदि तुम नाशुक्री करोगे, तो निःसंदेह मेरी यातना निश्चय बहुत कड़ी है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقَالَ مُوْسٰۤی اِنْ تَكْفُرُوْۤا اَنْتُمْ وَمَنْ فِی الْاَرْضِ جَمِیْعًا ۙ— فَاِنَّ اللّٰهَ لَغَنِیٌّ حَمِیْدٌ ۟
और मूसा ने कहा : यदि तुम और वे लोग जो धरती में हैं, सब के सब कुफ़्र करो, तो निःसंदेह अल्लाह निश्चय बड़ा बेनियाज़[2], असीम प्रशंसा वाला है।
2. ह़दीस में आया है कि अल्लाह तआला फ़रमाता है : ऐ मेरे बंदो! यदि तुम्हारे अगले पिछले तथा सब मनुष्य और जिन्न संसार के सबसे बुरे मनुष्य के बराबर हो जाएँ, तो भी मेरे राज्य में कोई कमी नहीं आएगी। (सह़ीह़ मुस्लिम : 2577)
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَلَمْ یَاْتِكُمْ نَبَؤُا الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِكُمْ قَوْمِ نُوْحٍ وَّعَادٍ وَّثَمُوْدَ ۛؕ۬— وَالَّذِیْنَ مِنْ بَعْدِهِمْ ۛؕ— لَا یَعْلَمُهُمْ اِلَّا اللّٰهُ ؕ— جَآءَتْهُمْ رُسُلُهُمْ بِالْبَیِّنٰتِ فَرَدُّوْۤا اَیْدِیَهُمْ فِیْۤ اَفْوَاهِهِمْ وَقَالُوْۤا اِنَّا كَفَرْنَا بِمَاۤ اُرْسِلْتُمْ بِهٖ وَاِنَّا لَفِیْ شَكٍّ مِّمَّا تَدْعُوْنَنَاۤ اِلَیْهِ مُرِیْبٍ ۟
क्या तुम्हारे पास उन लोगों की ख़बर नहीं आई, जो तुमसे पहले थे; नूह़ की जाति की, तथा आद और समूद की और उन लोगों की जो उनके बाद थे, जिन्हें अल्लाह के सिवा कोई नहीं जानता? उनके रसूल उनके पास स्पष्ट निशानियाँ लेकर आए, तो उन्होंने अपने हाथ अपने मुँहों में लौटा लिए[3] और उन्होंने कहा : निःसंदेह हम उसे नहीं मानते, जिसके साथ तुम भेजे गए हो और निःसंदेह हम तो उसके बारे में जिसकी ओर तुम हमें बुलाते हो, एक उलझन में डाल देने वाले संदेह में पड़े हुए हैं।
3. यह ऐसी ही भाषा शैली है, जिसे हम अपनी भाषा में बोलते हैं कि कानों पर हाथ रख लिया, और दाँतो से उँगली दबा ली।
Ibisobanuro by'icyarabu:
قَالَتْ رُسُلُهُمْ اَفِی اللّٰهِ شَكٌّ فَاطِرِ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— یَدْعُوْكُمْ لِیَغْفِرَ لَكُمْ مِّنْ ذُنُوْبِكُمْ وَیُؤَخِّرَكُمْ اِلٰۤی اَجَلٍ مُّسَمًّی ؕ— قَالُوْۤا اِنْ اَنْتُمْ اِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُنَا ؕ— تُرِیْدُوْنَ اَنْ تَصُدُّوْنَا عَمَّا كَانَ یَعْبُدُ اٰبَآؤُنَا فَاْتُوْنَا بِسُلْطٰنٍ مُّبِیْنٍ ۟
उनके रसूलों ने कहा : क्या अल्लाह के बारे में कोई संदेह है, जो आकाशों तथा धरती का पैदा करने वाला है? वह तुम्हें इसलिए बुलाता[4] है कि तुम्हारे लिए तुम्हारे कुछ पाप क्षमा कर दे और तुम्हें एक निर्धारित अवधि तक अवसर दे।[5] उन्होंने कहा : तुम तो हमारे ही जैसे इनसान हो। तुम चाहते हो कि हमें उससे रोक दो, जिसकी पूजा हमारे बाप-दादा करते थे। तो तुम हमारे पास कोई स्पष्ट प्रमाण लाओ।
4. अपनी आज्ञा पालन की ओर। 5. अर्थात मरण तक सांसारिक यातना से सुरक्षित रखे। (क़ुर्तुबी)
Ibisobanuro by'icyarabu:
قَالَتْ لَهُمْ رُسُلُهُمْ اِنْ نَّحْنُ اِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُكُمْ وَلٰكِنَّ اللّٰهَ یَمُنُّ عَلٰی مَنْ یَّشَآءُ مِنْ عِبَادِهٖ ؕ— وَمَا كَانَ لَنَاۤ اَنْ نَّاْتِیَكُمْ بِسُلْطٰنٍ اِلَّا بِاِذْنِ اللّٰهِ ؕ— وَعَلَی اللّٰهِ فَلْیَتَوَكَّلِ الْمُؤْمِنُوْنَ ۟
उनके रसूलों ने उनसे कहा : हम तो तुम्हारे जैसे इनसान ही हैं, परन्तु अल्लाह अपने बंदों में से जिसपर चाहे, उपकार करता है। और हमारे लिए कभी संभव नहीं कि अल्लाह की अनुमति के बिना तुम्हारे पास कोई प्रमाण ले आएँ और ईमान वालों को अल्लाह ही पर भरोसा रखना चाहिए।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَمَا لَنَاۤ اَلَّا نَتَوَكَّلَ عَلَی اللّٰهِ وَقَدْ هَدٰىنَا سُبُلَنَا ؕ— وَلَنَصْبِرَنَّ عَلٰی مَاۤ اٰذَیْتُمُوْنَا ؕ— وَعَلَی اللّٰهِ فَلْیَتَوَكَّلِ الْمُتَوَكِّلُوْنَ ۟۠
और हमें क्या है कि हम अल्लाह पर भरोसा न करें, हालाँकि उसने हमें हमारे मार्ग दिखा दिए? और हम अवश्य उसपर धैर्य से काम लेंगे, जो तुम हमें कष्ट पहुँचाओगे। और भरोसा करने वालों को अल्लाह ही पर भरोसा करना चाहिए।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقَالَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لِرُسُلِهِمْ لَنُخْرِجَنَّكُمْ مِّنْ اَرْضِنَاۤ اَوْ لَتَعُوْدُنَّ فِیْ مِلَّتِنَا ؕ— فَاَوْحٰۤی اِلَیْهِمْ رَبُّهُمْ لَنُهْلِكَنَّ الظّٰلِمِیْنَ ۟ۙ
और काफ़िरों ने अपने रसूलों से कहा : हम अवश्य तुम्हें अपने भू-भाग से निकाल देंगे, या अवश्य तुम हमारे पंथ में वापस आओगे। तो उनके पालनहार ने उनकी ओर वह़्य की कि निश्चय हम इन अत्याचारियों को अवश्य विनष्ट कर देंगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَنُسْكِنَنَّكُمُ الْاَرْضَ مِنْ بَعْدِهِمْ ؕ— ذٰلِكَ لِمَنْ خَافَ مَقَامِیْ وَخَافَ وَعِیْدِ ۟
और निश्चय उनके बाद हम तुम्हें उस धरती में अवश्य बसा देंगे। यह उसके लिए है, जो मेरे समक्ष खड़ा होने से डरा[6] तथा मेरी चेतावनी से डरा।
6. अर्थात संसार में मेरी महिमा का विचार करके सत्कर्म किया।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَاسْتَفْتَحُوْا وَخَابَ كُلُّ جَبَّارٍ عَنِیْدٍ ۟ۙ
और उन (रसूलों) ने विजय की प्रार्थना की और प्रत्येक सरकश, हठधर्मी असफल हो गया।
Ibisobanuro by'icyarabu:
مِّنْ وَّرَآىِٕهٖ جَهَنَّمُ وَیُسْقٰی مِنْ مَّآءٍ صَدِیْدٍ ۟ۙ
उसके आगे जहन्नम है और उसे पीप का पानी पिलाया जाएगा।
Ibisobanuro by'icyarabu:
یَّتَجَرَّعُهٗ وَلَا یَكَادُ یُسِیْغُهٗ وَیَاْتِیْهِ الْمَوْتُ مِنْ كُلِّ مَكَانٍ وَّمَا هُوَ بِمَیِّتٍ ؕ— وَمِنْ وَّرَآىِٕهٖ عَذَابٌ غَلِیْظٌ ۟
वह उसे कठिनाई से घूँट-घूँट पिएगा और उसे गले से न उतार सकेगा। और उसके पास मृत्यु प्रत्येक स्थान से आएगी। हालाँकि वह किसी प्रकार मरने वाला नहीं। और उसके सामने एक कठोर यातना है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
مَثَلُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا بِرَبِّهِمْ اَعْمَالُهُمْ كَرَمَادِ ١شْتَدَّتْ بِهِ الرِّیْحُ فِیْ یَوْمٍ عَاصِفٍ ؕ— لَا یَقْدِرُوْنَ مِمَّا كَسَبُوْا عَلٰی شَیْءٍ ؕ— ذٰلِكَ هُوَ الضَّلٰلُ الْبَعِیْدُ ۟
उन लोगों का उदाहरण जिन्होंने अपने पालनहार के साथ कुफ़्र किया, उनके कार्य उस राख की तरह हैं, जिसपर आँधी वाले दिन में हवा बहुत प्रचंड चली। वे लोग अपने किए में से कुछ नहीं पा सकेंगे। यही (सत्य से) बहुत दूर की गुमराही है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَلَمْ تَرَ اَنَّ اللّٰهَ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ بِالْحَقِّ ؕ— اِنْ یَّشَاْ یُذْهِبْكُمْ وَیَاْتِ بِخَلْقٍ جَدِیْدٍ ۟ۙ
क्या तूने नहीं देखा कि अल्लाह ने आकाशों तथा धरती की रचना सत्य के साथ की है? यदि वह चाहे, तो तुम सब को ले जाए और एक नई रचना ले आए।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَّمَا ذٰلِكَ عَلَی اللّٰهِ بِعَزِیْزٍ ۟
और यह अल्लाह के लिए कुछ भी कठिन नहीं है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَبَرَزُوْا لِلّٰهِ جَمِیْعًا فَقَالَ الضُّعَفٰٓؤُا لِلَّذِیْنَ اسْتَكْبَرُوْۤا اِنَّا كُنَّا لَكُمْ تَبَعًا فَهَلْ اَنْتُمْ مُّغْنُوْنَ عَنَّا مِنْ عَذَابِ اللّٰهِ مِنْ شَیْءٍ ؕ— قَالُوْا لَوْ هَدٰىنَا اللّٰهُ لَهَدَیْنٰكُمْ ؕ— سَوَآءٌ عَلَیْنَاۤ اَجَزِعْنَاۤ اَمْ صَبَرْنَا مَا لَنَا مِنْ مَّحِیْصٍ ۟۠
और वे सब के सब अल्लाह के सामने पेश[7] होंगे, तो कमज़ोर लोग उन लोगों से कहेंगे, जो बड़े बने हुए थे : निःसंदेह हम तुम्हारे अनुयायी थे, तो क्या तुम हमें अल्लाह की यातना से बचाने में कुछ भी काम आने वाले हो? वे कहेंगे : यदि अल्लाह ने हमें मार्ग दिखाया होता, तो हम तुम्हें अवश्य मार्ग दिखाते। अब हमारे लिए बराबर है कि हम व्याकुल हों, या हम धैर्य से काम लें। हमारे लिए भागने की कोई जगह नहीं है।
7. अर्थात प्रलय के दिन अपनी समाधियों से निकलकर।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقَالَ الشَّیْطٰنُ لَمَّا قُضِیَ الْاَمْرُ اِنَّ اللّٰهَ وَعَدَكُمْ وَعْدَ الْحَقِّ وَوَعَدْتُّكُمْ فَاَخْلَفْتُكُمْ ؕ— وَمَا كَانَ لِیَ عَلَیْكُمْ مِّنْ سُلْطٰنٍ اِلَّاۤ اَنْ دَعَوْتُكُمْ فَاسْتَجَبْتُمْ لِیْ ۚ— فَلَا تَلُوْمُوْنِیْ وَلُوْمُوْۤا اَنْفُسَكُمْ ؕ— مَاۤ اَنَا بِمُصْرِخِكُمْ وَمَاۤ اَنْتُمْ بِمُصْرِخِیَّ ؕ— اِنِّیْ كَفَرْتُ بِمَاۤ اَشْرَكْتُمُوْنِ مِنْ قَبْلُ ؕ— اِنَّ الظّٰلِمِیْنَ لَهُمْ عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟
और जब निर्णय कर दिया[8] जाएगा, तो शैतान कहेगा : निःसंदेह अल्लाह ने तुमसे सच्चा वादा किया था। और मैंने (भी) तुमसे वादा किया था, तो मैंने तुमसे वादाखिलाफ़ी की। और मेरा तुमपर कोई आधिपत्य नहीं था, सिवाय इसके कि मैंने तुम्हें (अपनी ओर) बुलाया, तो तुमने मेरी बात मान ली। अब मेरी निंदा न करो, बल्कि स्वयं अपनी निंदा करो। न मैं तुम्हारी फ़रयाद सुन सकता हूँ और न तुम मेरी फ़रयाद सुन सकते हो। निःसंदेह मैं उसका इनकार करता हूँ, जो तुमने इससे पहले[9] मुझे साझी बनाया। निश्चय अत्याचारियों के लिए दर्दनाक यातना है।
8. स्वर्ग और नरक के योग्य का निर्णय कर दिया जाएगा। 9. संसार में।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَاُدْخِلَ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ جَنّٰتٍ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِیْنَ فِیْهَا بِاِذْنِ رَبِّهِمْ ؕ— تَحِیَّتُهُمْ فِیْهَا سَلٰمٌ ۟
और जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कार्य किए, उन्हें ऐसी जन्नतों में प्रवेश कराया जाएगा, जिनके (महलों और पेड़ों के) नीचे से नहरें बहती हैं। वे अपने पालनहार की अनुमति से उनमें हमेशा रहने वाले होंगे। उसमें उनका अभिवादन 'सलाम' से होगा।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَلَمْ تَرَ كَیْفَ ضَرَبَ اللّٰهُ مَثَلًا كَلِمَةً طَیِّبَةً كَشَجَرَةٍ طَیِّبَةٍ اَصْلُهَا ثَابِتٌ وَّفَرْعُهَا فِی السَّمَآءِ ۟ۙ
(ऐ नबी!) क्या आपने नहीं देखा कि अल्लाह ने एक पवित्र कलिमा[10] का उदाहरण कैसे दिया (कि वह) एक पवित्र वृक्ष की तरह है, जिसकी जड़ (भूमि में) सुदृढ़ है और जिसकी शाखा आकाश में है?
10. (पवित्र कलिमा) से अभिप्राय "ला इलाहा इल्लल्लाह" है। जो इस्लाम का धर्म सूत्र है। इसका अर्थ यह है कि अल्लाह के सिवा कोई सच्चा पूज्य नहीं है। और यही एकेश्वरवाद का मूलाधार है। अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ियल्लाहू अन्हुमा कहते हैं कि हम रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू अलैहि व सल्लम के पास थे कि आपने कहा : मुझे ऐसा वृक्ष बताओ जो मुसलमान के समान होता है। जिसका पत्ता नहीं गिरता, तथा प्रत्येक समय अपना फल दिया करता है? इब्ने उमर ने कहा : मेरे मन में यह बात आई कि वह खजूर का वृक्ष है। और अबू बक्र तथा उमर को देखा कि बोल नहीं रहे हैं, इसलिए मैंने भी बोलना अच्छा नहीं समझा। जब वे कुछ नहीं बोले, तो रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहा : वह खजूर का वृक्ष है। (संक्षिप्त अनुवाद के साथ, सह़ीह़ बुख़ारी : 4698, सह़ीह़ मुस्लिम : 2811)
Ibisobanuro by'icyarabu:
تُؤْتِیْۤ اُكُلَهَا كُلَّ حِیْنٍ بِاِذْنِ رَبِّهَا ؕ— وَیَضْرِبُ اللّٰهُ الْاَمْثَالَ لِلنَّاسِ لَعَلَّهُمْ یَتَذَكَّرُوْنَ ۟
वह अपने पालनहार की अनुमति से प्रत्येक समय अपना फल देता है। और अल्लाह लोगों के लिए उदाहरण देता है, ताकि वे शिक्षा ग्रहण करें।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَمَثَلُ كَلِمَةٍ خَبِیْثَةٍ كَشَجَرَةٍ خَبِیْثَةِ ١جْتُثَّتْ مِنْ فَوْقِ الْاَرْضِ مَا لَهَا مِنْ قَرَارٍ ۟
और बुरी[11] बात का उदाहरण एक बुरे पेड़ की तरह है, जो धरती की सतह से उखाड़ लिया गया, जिसमें कोई स्थिरता नहीं है।
11. अर्थात शिर्क तथा मिश्रणवाद की बात।
Ibisobanuro by'icyarabu:
یُثَبِّتُ اللّٰهُ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا بِالْقَوْلِ الثَّابِتِ فِی الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا وَفِی الْاٰخِرَةِ ۚ— وَیُضِلُّ اللّٰهُ الظّٰلِمِیْنَ ۙ۫— وَیَفْعَلُ اللّٰهُ مَا یَشَآءُ ۟۠
अल्लाह ईमान लाने वालों को दृढ़ बात[12] के द्वारा दुनिया तथा आख़िरत में स्थिरता प्रदान करता है तथा अत्याचारियों को गुमराह कर देता है। और अल्लाह जो चाहता है, करता है।
12. दृढ़ बात से अभिप्रेत "ला इलाहा इल्लल्लाह" है। (क़ुर्तुबी) बरा' बिन आज़िब रज़ियल्लाहु अन्हु कहते हैं कि आपने कहा : मुसलमान से जब क़ब्र में प्रश्न किया जाता है, तो वह "ला इलाहा इल्लल्लाह मुह़म्मदुर् रसूलुल्लाह" की गवाही देता है। अर्थात अल्लाह के सिवा कोई सच्चा पूज्य नहीं और मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह के रसूल हैं। इसी के बारे में यह आयत है। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4699)
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَلَمْ تَرَ اِلَی الَّذِیْنَ بَدَّلُوْا نِعْمَتَ اللّٰهِ كُفْرًا وَّاَحَلُّوْا قَوْمَهُمْ دَارَ الْبَوَارِ ۟ۙ
क्या आपने उन लोगों[13] को नहीं देखा, जिन्होंने अल्लाह की नेमत को नाशुक्री से बदल दिया और अपनी जाति को विनाश के घर में ला उतारा।
13. अर्थात मक्का के मुश्रिक, जिन्होंने आपका विरोध किया। (देखिए : सह़ीह़ बुख़ारी : 4700)
Ibisobanuro by'icyarabu:
جَهَنَّمَ ۚ— یَصْلَوْنَهَا ؕ— وَبِئْسَ الْقَرَارُ ۟
(अर्थात्) जहन्नम में। वे उसमें प्रवेश करेंगे और वह बुरा ठिकाना है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَجَعَلُوْا لِلّٰهِ اَنْدَادًا لِّیُضِلُّوْا عَنْ سَبِیْلِهٖ ؕ— قُلْ تَمَتَّعُوْا فَاِنَّ مَصِیْرَكُمْ اِلَی النَّارِ ۟
और उन्होंने अल्लाह के कुछ साझी बना लिए, ताकि उसके मार्ग से (लोगों को) पथभ्रष्ट करें। आप कह दें : लाभ उठा लो। फिर निःसंदेह तुम्हें आग की ओर लौटना है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
قُلْ لِّعِبَادِیَ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا یُقِیْمُوا الصَّلٰوةَ وَیُنْفِقُوْا مِمَّا رَزَقْنٰهُمْ سِرًّا وَّعَلَانِیَةً مِّنْ قَبْلِ اَنْ یَّاْتِیَ یَوْمٌ لَّا بَیْعٌ فِیْهِ وَلَا خِلٰلٌ ۟
(ऐ नबी!) मेरे उन बंदों से कह दो, जो ईमान लाए हैं कि वे नमाज़ क़ायम करें और उसमें से जो हमने उन्हें प्रदान किया है, छिपे और खुले ख़र्च करें, इससे पहले कि वह दिन आए, जिसमें न कोई क्रय-विक्रय होगा और न कोई मैत्री।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَللّٰهُ الَّذِیْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَاَنْزَلَ مِنَ السَّمَآءِ مَآءً فَاَخْرَجَ بِهٖ مِنَ الثَّمَرٰتِ رِزْقًا لَّكُمْ ۚ— وَسَخَّرَ لَكُمُ الْفُلْكَ لِتَجْرِیَ فِی الْبَحْرِ بِاَمْرِهٖ ۚ— وَسَخَّرَ لَكُمُ الْاَنْهٰرَ ۟ۚ
अल्लाह वह है, जिसने आकाशों तथा धरती को पैदा किया, और आकाश से कुछ पानी उतारा, फिर उसके द्वारा तुम्हारे लिए फलों में से कुछ जीविका निकाली, और तुम्हारे लिए नौकाओं को वशीभूत कर दिया, ताकि वे सागर में उसके आदेश से चलें और तुम्हारे लिए नदियों को वशीभूत कर दिया।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَسَخَّرَ لَكُمُ الشَّمْسَ وَالْقَمَرَ دَآىِٕبَیْنِ ۚ— وَسَخَّرَ لَكُمُ الَّیْلَ وَالنَّهَارَ ۟ۚ
तथा तुम्हारे लिए सूर्य और चाँद को वशीभूत कर दिया कि निरंतर चलने वाले हैं, तथा तुम्हारे लिए रात और दन को वशीभूत[14] कर दिया।
14. वशीभूत करने का अर्थ यह है कि अल्लाह ने इनके ऐसे नियम बना दिए हैं, जिनके कारण ये मानव के लिए लाभदायक हो सकें।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَاٰتٰىكُمْ مِّنْ كُلِّ مَا سَاَلْتُمُوْهُ ؕ— وَاِنْ تَعُدُّوْا نِعْمَتَ اللّٰهِ لَا تُحْصُوْهَا ؕ— اِنَّ الْاِنْسَانَ لَظَلُوْمٌ كَفَّارٌ ۟۠
और तुम्हें हर उस चीज़ में से दिया, जो तुमने उससे माँगी।[15] और यदि तुम अल्लाह की नेमत की गणना करो, तो उसकी गणना नहीं कर पाओगे। निःसंदेह मनुष्य निश्चय बड़ा अत्याचारी, बहुत नाशुक्रा है।
15. अर्थात तुम्हारी प्रत्येक प्राकृतिक माँग पूरी की, और तुम्हारे जीवन की आवश्यक्ता के सभी संसाधनों की व्यवस्था कर दी।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَاِذْ قَالَ اِبْرٰهِیْمُ رَبِّ اجْعَلْ هٰذَا الْبَلَدَ اٰمِنًا وَّاجْنُبْنِیْ وَبَنِیَّ اَنْ نَّعْبُدَ الْاَصْنَامَ ۟ؕ
तथा (याद करो) जब इबराहीम ने कहा : ऐ मेरे पालनहार! इस नगर (मक्का) को शांति एवं सुरक्षा वाला बना दे, तथा मुझे और मेरे बेटों को मूर्तियों की पूजा करने से बचा ले।
Ibisobanuro by'icyarabu:
رَبِّ اِنَّهُنَّ اَضْلَلْنَ كَثِیْرًا مِّنَ النَّاسِ ۚ— فَمَنْ تَبِعَنِیْ فَاِنَّهٗ مِنِّیْ ۚ— وَمَنْ عَصَانِیْ فَاِنَّكَ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟
ऐ मेरे पालनहार! निःसंदेह इन्होंने बहुत-से लोगों को गुमराह कर दिया। अतः जो मेरे पीछे चला, वह मुझसे है और जिसने मेरी अवज्ञा की, तो निश्चय तू अत्यंत क्षमाशील, बड़ा दयावान् है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
رَبَّنَاۤ اِنِّیْۤ اَسْكَنْتُ مِنْ ذُرِّیَّتِیْ بِوَادٍ غَیْرِ ذِیْ زَرْعٍ عِنْدَ بَیْتِكَ الْمُحَرَّمِ ۙ— رَبَّنَا لِیُقِیْمُوا الصَّلٰوةَ فَاجْعَلْ اَفْىِٕدَةً مِّنَ النَّاسِ تَهْوِیْۤ اِلَیْهِمْ وَارْزُقْهُمْ مِّنَ الثَّمَرٰتِ لَعَلَّهُمْ یَشْكُرُوْنَ ۟
ऐ हमारे पालनहार! निःसंदेह मैंने अपनी कुछ संतान को इस घाटी में, जो किसी खेती वाली नहीं, तेरे सम्मानित घर (काबा) के पास, बसाया है। ऐ हमारे पालनहार! ताकि वे नमाज़ क़ायम करें। अतः कुछ लोगों के दिलों को ऐसे कर दे कि उनकी ओर झुके रहें और उन्हें फलों से जीविका प्रदान कर, ताकि वे शुक्रिया अदा करें।
Ibisobanuro by'icyarabu:
رَبَّنَاۤ اِنَّكَ تَعْلَمُ مَا نُخْفِیْ وَمَا نُعْلِنُ ؕ— وَمَا یَخْفٰی عَلَی اللّٰهِ مِنْ شَیْءٍ فِی الْاَرْضِ وَلَا فِی السَّمَآءِ ۟
ऐ हमारे पालनहार! निश्चय तू जानता है, जो हम छिपाते हैं और जो हम प्रकट करते हैं। और अल्लाह से कोई चीज़ नहीं छिपती धरती में और न आकाश में।
Ibisobanuro by'icyarabu:
اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِیْ وَهَبَ لِیْ عَلَی الْكِبَرِ اِسْمٰعِیْلَ وَاِسْحٰقَ ؕ— اِنَّ رَبِّیْ لَسَمِیْعُ الدُّعَآءِ ۟
सब प्रशंसा उस अल्लाह के लिए है, जिसने मुझे बुढ़ापे के बावजूद (दो पुत्र) इसमाईल और इसहाक़ प्रदान किए। निःसंदेह मेरा पालनहार तो बहुत दुआ सुनने वाला है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
رَبِّ اجْعَلْنِیْ مُقِیْمَ الصَّلٰوةِ وَمِنْ ذُرِّیَّتِیْ ۖۗ— رَبَّنَا وَتَقَبَّلْ دُعَآءِ ۟
मेरे पालनहार! मुझे नमाज़ क़ायम करने वाला बना तथा मेरी संतान में से भी। ऐ हमारे पालनहार! और मेरी दुआ स्वीकार कर।
Ibisobanuro by'icyarabu:
رَبَّنَا اغْفِرْ لِیْ وَلِوَالِدَیَّ وَلِلْمُؤْمِنِیْنَ یَوْمَ یَقُوْمُ الْحِسَابُ ۟۠
ऐ हमारे पालनहार! मुझे क्षमा कर दे तथा मेरे माता-पिता को और ईमान वालों को, जिस दिन हिसाब लिया जाएगा।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَلَا تَحْسَبَنَّ اللّٰهَ غَافِلًا عَمَّا یَعْمَلُ الظّٰلِمُوْنَ ؕ۬— اِنَّمَا یُؤَخِّرُهُمْ لِیَوْمٍ تَشْخَصُ فِیْهِ الْاَبْصَارُ ۟ۙ
और तुम अल्लाह को उससे हरगिज़ असावधान न समझो, जो अत्याचारी लोग कर रहे हैं! वह तो उन्हें उस दिन[16] के लिए विलंबित कर रहा है, जिस दिन आँखें खुली रह जाएँगी।
16. अर्थात प्रलय के दिन के लिए।
Ibisobanuro by'icyarabu:
مُهْطِعِیْنَ مُقْنِعِیْ رُءُوْسِهِمْ لَا یَرْتَدُّ اِلَیْهِمْ طَرْفُهُمْ ۚ— وَاَفْـِٕدَتُهُمْ هَوَآءٌ ۟ؕ
इस हाल में कि वे तेज़ डौड़ने वाले, अपने सिर को ऊपर उठाने वाले होंगे। उनकी निगाह उनकी ओर नहीं लौटेगी और उनके दिल ख़ाली[17] होंगे।
17. यहाँ अर्बी भाषा का शब्द "हवाअ" प्रयुक्त हुआ है। जिसका एक अर्थ है शून्य (ख़ाली), अर्थात भय के कारण उसे अपनी सुध न होगी।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَاَنْذِرِ النَّاسَ یَوْمَ یَاْتِیْهِمُ الْعَذَابُ فَیَقُوْلُ الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا رَبَّنَاۤ اَخِّرْنَاۤ اِلٰۤی اَجَلٍ قَرِیْبٍ ۙ— نُّجِبْ دَعْوَتَكَ وَنَتَّبِعِ الرُّسُلَ ؕ— اَوَلَمْ تَكُوْنُوْۤا اَقْسَمْتُمْ مِّنْ قَبْلُ مَا لَكُمْ مِّنْ زَوَالٍ ۟ۙ
और (ऐ नबी!) लोगों को उस दिन से डराएँ, जब उनपर यातना आ जाएगी, तो वे लोग जिन्होंने अत्याचार किया, कहेंगे : ऐ हमारे पालनहार! हमें कुछ समय तक मोहलत दे दे, हम तेरा आमंत्रण स्वीकार करेंगे और रसूलों का अनुसरण करेंगे।(कहा जाएगा :) क्या तुमने इससे पहले क़समें नहीं खाई थीं कि तुम्हारे लिए कोई भी स्थानांतरण नहीं?
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَّسَكَنْتُمْ فِیْ مَسٰكِنِ الَّذِیْنَ ظَلَمُوْۤا اَنْفُسَهُمْ وَتَبَیَّنَ لَكُمْ كَیْفَ فَعَلْنَا بِهِمْ وَضَرَبْنَا لَكُمُ الْاَمْثَالَ ۟
और तुम उन लोगों की बस्तियों में आबाद रहे, जिन्होंने अपने ऊपर अत्याचार किया था और तुम्हारे लिए अच्छी तरह स्पष्ट हो गया कि हमने उनके साथ किस तरह किया? और हमने तुम्हारे लिए कई उदाहरण प्रस्तुत किए।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَقَدْ مَكَرُوْا مَكْرَهُمْ وَعِنْدَ اللّٰهِ مَكْرُهُمْ ؕ— وَاِنْ كَانَ مَكْرُهُمْ لِتَزُوْلَ مِنْهُ الْجِبَالُ ۟
और निःसंदेह उन्होंने अपना उपाय किया। और अल्लाह ही के पास[18] उनका उपाय है। और उनका उपाय हरगिज़ ऐसा न था कि उससे पर्वत टल जाएँ।
18. अर्थात अल्लाह उसको निष्फल करना जानता है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
فَلَا تَحْسَبَنَّ اللّٰهَ مُخْلِفَ وَعْدِهٖ رُسُلَهٗ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ عَزِیْزٌ ذُو انْتِقَامٍ ۟ؕ
अतः आप हरगिज़ यह न समझें कि अल्लाह अपने रसूलों से किए हुए अपने वादे के विरुद्ध करने वाला है। निःसंदेह अल्लाह प्रभुत्वशाली, बदला लेने वाला है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
یَوْمَ تُبَدَّلُ الْاَرْضُ غَیْرَ الْاَرْضِ وَالسَّمٰوٰتُ وَبَرَزُوْا لِلّٰهِ الْوَاحِدِ الْقَهَّارِ ۟
जिस दिन यह धरती अन्य धरती से बदल दी जाएगी और सब आकाश भी। तथा लोग अल्लाह के समक्ष[19] प्रस्तुत होंगे, जो अकेला, सब पर प्रभुत्वशाली है।
19. अर्थात अपनी क़ब्रों (समाधियों) से निकलकर।
Ibisobanuro by'icyarabu:
وَتَرَی الْمُجْرِمِیْنَ یَوْمَىِٕذٍ مُّقَرَّنِیْنَ فِی الْاَصْفَادِ ۟ۚ
और आप अपराधियों को उस दिन ज़ंजीरों में एक-दूसरे के साथ जकड़े हुए देखेंगे।
Ibisobanuro by'icyarabu:
سَرَابِیْلُهُمْ مِّنْ قَطِرَانٍ وَّتَغْشٰی وُجُوْهَهُمُ النَّارُ ۟ۙ
उनके वस्त्र तारकोल के होंगे और उनके चेहरों को आग ढाँपे होगी।
Ibisobanuro by'icyarabu:
لِیَجْزِیَ اللّٰهُ كُلَّ نَفْسٍ مَّا كَسَبَتْ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ سَرِیْعُ الْحِسَابِ ۟
ताकि अल्लाह प्रत्येक प्राणी को उसके किए का बदला दे। निःसंदेह अल्लाह शीघ्र हिसाब लेने वाला है।
Ibisobanuro by'icyarabu:
هٰذَا بَلٰغٌ لِّلنَّاسِ وَلِیُنْذَرُوْا بِهٖ وَلِیَعْلَمُوْۤا اَنَّمَا هُوَ اِلٰهٌ وَّاحِدٌ وَّلِیَذَّكَّرَ اُولُوا الْاَلْبَابِ ۟۠
यह लोगों के लिए एक सूचना है और ताकि उन्हें इसके साथ डराया जाए और ताकि वे जान लें कि वही एक सत्य पूज्य है और ताकि बुद्धि वाले लोग शिक्षा ग्रहण करें।
Ibisobanuro by'icyarabu:
 
Ibisobanuro by'amagambo Isura: Ibrahim (Aburahamu)
Urutonde rw'amasura numero y'urupapuro
 
Ibisobanuro bya qoran ntagatifu - Ibisobanuro mu gihindi - Ishakiro ry'ibisobanuro

Guhindura ibisobanuro bya Quran mu gihinde byasobanuwe na Azizul-Haqq Al-Umary

Gufunga