แปล​ความหมาย​อัลกุรอาน​ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - สารบัญ​คำแปล


แปลความหมาย​ อายะฮ์: (147) สูเราะฮ์: An-Nisā’
مَا یَفْعَلُ اللّٰهُ بِعَذَابِكُمْ اِنْ شَكَرْتُمْ وَاٰمَنْتُمْ ؕ— وَكَانَ اللّٰهُ شَاكِرًا عَلِیْمًا ۟
यदि तुम अल्लाह के आभारी बनो और उसपर ईमान रखो, तो उसे तुम्हें यातना देने की कोई ज़रूरत नहीं है। क्योंकि वह सर्वशक्तिमान बड़ा उपकारी अत्यंत दयावान है। वह तुम्हें केवल तुम्हारे गुनाहों के कारण यातना देता है। यदि तुमने अपने कार्य सुधार लिए, अल्लाह के प्रति उसकी नेमतों पर आभार प्रकट करते रहे और प्रत्यक्ष एवं प्रोक्ष रूप से उसपर ईमान लाए, तो वह तुम्हें हरगिज़ यातना नहीं देगा। अल्लाह उन लोगों का क़द्रदान (गुणग्राहक) है जिन्होंने उसकी नेमतों को स्वीकार किया, चुनाँचे वह उन्हें उसपर भरपूर बदला प्रदान करेगा। वह अपने बंदों के ईमान से अवगत है और हर एक को उसके कर्मों का बदला देगा।
ตัฟสีรต่างๆ​ ภาษาอาหรับ:
ประโยชน์​ที่​ได้รับ​:
• بيان صفات المنافقين، ومنها: حرصهم على حظ أنفسهم سواء كان مع المؤمنين أو مع الكافرين.
• पाखंडियों की विशेषताओं का वर्णन, जिनमें से एक यह है किः वे अपने स्वार्थ के लालायित होते हैं, चाहे विश्वासियों के साथ हो या अविश्वासियों के साथ।

• أعظم صفات المنافقين تَذَبْذُبُهم وحيرتهم واضطرابهم، فلا هم مع المؤمنين حقًّا ولا مع الكافرين.
• पाखंडी लोगों की सबसे बड़ी विशेषता उनका असमंजस, संकोच और विकलता है। वे वास्तव में न तो विश्वासियों के साथ होते हैं और न ही अविश्वासियों के साथ।

• النهي الشديد عن اتخاذ الكافرين أولياء من دون المؤمنين.
• विश्वासियों के बजाय अविश्वासियों को मित्र बनाना सख़्त मना है।

• أعظم ما يتقي به المرء عذاب الله تعالى في الآخرة هو الإيمان والعمل الصالح.
• सबसे बड़ी चीज़ जिसके द्वारा मनुष्य आख़िरत में अल्लाह तआला के अज़ाब से बच सकता है वह ईमान और अच्छा कर्म है।

 
แปลความหมาย​ อายะฮ์: (147) สูเราะฮ์: An-Nisā’
สารบัญสูเราะฮ์ หมายเลข​หน้า​
 
แปล​ความหมาย​อัลกุรอาน​ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - สารบัญ​คำแปล

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

ปิด