Salin ng mga Kahulugan ng Marangal na Qur'an - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Indise ng mga Salin


Salin ng mga Kahulugan Ayah: (31) Surah: Ash-Shu‘arā’
قَالَ فَاْتِ بِهٖۤ اِنْ كُنْتَ مِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟
उसने कहा : तो उसे ले आ जो तूने कहा है कि वह तेरी सच्चाई को दर्शाता है, यदि तू अपने दावे में सच्चा है।
Ang mga Tafsir na Arabe:
Ilan sa mga Pakinabang ng mga Ayah sa Pahinang Ito:
• أخطاء الداعية السابقة والنعم التي عليه لا تعني عدم دعوته لمن أخطأ بحقه أو أنعم عليه.
• धर्म उपदेशक की पिछली ग़लतियों और उसके ऊपर किए गए उपकार का मतलब यह नहीं है कि वह उस व्यक्ति को आमंत्रित नहीं करेगा, जिसके हक़ में उसने ग़लती की है या जिसका उसके ऊपर उपकार है।

• اتخاذ الأسباب للحماية من العدو لا ينافي الإيمان والتوكل على الله.
• शत्रु से बचने के लिए कारण अपनाना ईमान और अल्लाह पर भरोसा के विपरीत नहीं है।

• دلالة مخلوقات الله على ربوبيته ووحدانيته.
• अल्लाह की सृष्टियाँ उसकी रुबूबियत (ईश्वरत्व) तथा उसकी वहदानियत (एकेश्वरवाद) का संकेत देती हैं।

• ضعف الحجة سبب من أسباب ممارسة العنف.
• तर्क की कमज़ोरी हिंसा का उपयोग करने का एक कारण है।

• إثارة العامة ضد أهل الدين أسلوب الطغاة.
• धर्म के लोगों के विरुद्ध जनता को भड़काना ज़ालिम तानाशाहों का तरीक़ा रहा है।

 
Salin ng mga Kahulugan Ayah: (31) Surah: Ash-Shu‘arā’
Indise ng mga Surah Numero ng Pahina
 
Salin ng mga Kahulugan ng Marangal na Qur'an - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Indise ng mga Salin

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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