قرآن کریم کے معانی کا ترجمہ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ترجمے کی لسٹ


معانی کا ترجمہ آیت: (7) سورت: سورۂ ابراہیم
وَاِذْ تَاَذَّنَ رَبُّكُمْ لَىِٕنْ شَكَرْتُمْ لَاَزِیْدَنَّكُمْ وَلَىِٕنْ كَفَرْتُمْ اِنَّ عَذَابِیْ لَشَدِیْدٌ ۟
और मूसा ने उनसे कहा : उस समय को याद करो, जब तुम्हारे पालनहार ने तुम्हें अच्छी तरह सूचित कर दिया : यदि तुम अल्लाह की दी हुई इन नेमतों पर उसका शुक्रिया अदा करोगे, तो वह तुम्हें इनके अतिरिक्त और भी नेमतों और अनुग्रहों से सम्मानित करेगा, और यदि तुम उसकी नेमतों का इनकार करोगे और उनका शुक्रिया अदा न करोगे, तो उसकी यातना उसके लिए बहुत सख़्त है, जो उसकी नेमतों का इनकार करता है और उनका शुक्रिया अदा नहीं करता है।
عربی تفاسیر:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• من وسائل الدعوة تذكير المدعوين بنعم الله تعالى عليهم، خاصة إن كان ذلك مرتبطًا بنعمة كبيرة، مثل نصر على عدوه أو نجاة منه.
• अल्लाह की ओर बुलाने का एक साधन यह है कि आमंत्रित लोगों को अल्लाह की नेमतों की याद दिलाई जाए, खासकर यदि वह किसी महान नेमत से संबंधित हो। जैसे कि उसके शत्रु पर विजय या उससे मुक्ति।

• من فضل الله تعالى أنه وعد عباده مقابلة شكرهم بمزيد الإنعام، وفي المقابل فإن وعيده شديد لمن يكفر به.
• यह अल्लाह का अनुग्रह है कि उसने अपने बंदों से उनके शुक्र के बदले में और अधिक इनाम का वादा किया है। और इसके विपरीत नाशुक्री करने वालों के लिए उसकी धमकी बड़ी सख़्त है।

• كفر العباد لا يضر اللهَ البتة، كما أن إيمانهم لا يضيف له شيئًا، فهو غني حميد بذاته.
• बंदों का कुफ़्र अल्लाह को बिल्कुल भी नुकसान नहीं पहुँचाता है, जैसे उनका ईमान उसमें कुछ भी वृद्धि नहीं करता। क्योंकि वह अपने आप में बेनियाज़ और प्रशंसित है।

 
معانی کا ترجمہ آیت: (7) سورت: سورۂ ابراہیم
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