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《古兰经》译解 - 印地语古兰经简明注释。 * - 译解目录


含义的翻译 章: 拜格勒   段:
وَاِذَا قِیْلَ لَهُمُ اتَّبِعُوْا مَاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ قَالُوْا بَلْ نَتَّبِعُ مَاۤ اَلْفَیْنَا عَلَیْهِ اٰبَآءَنَا ؕ— اَوَلَوْ كَانَ اٰبَآؤُهُمْ لَا یَعْقِلُوْنَ شَیْـًٔا وَّلَا یَهْتَدُوْنَ ۟
जब इन काफ़िरों से कहा जाता है कि उस मार्गदर्शन और प्रकाश का अनुसरण करो, जो अल्लाह ने उतारा है, तो वे हठ करते हुए कहते हैं : बल्कि हम उन मान्यताओं और परंपराओं का अनुसरण करेंगे, जिनपर हमने अपने बाप-दादा को पाया है। क्या वे अपने बाप-दादा का अनुसरण करेंगे, यद्यपि वे मार्गदर्शन और प्रकाश के बारे में कुछ भी न समझते हों, और न ही वे उस सत्य की ओर मार्गदर्शन पाते हों, जिससे अल्लाह प्रसन्न होता है?!
阿拉伯语经注:
وَمَثَلُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا كَمَثَلِ الَّذِیْ یَنْعِقُ بِمَا لَا یَسْمَعُ اِلَّا دُعَآءً وَّنِدَآءً ؕ— صُمٌّۢ بُكْمٌ عُمْیٌ فَهُمْ لَا یَعْقِلُوْنَ ۟
अपने बाप-दादा का अनुसरण करने में काफ़िरों का उदाहरण उस चरवाहे के समान है, जो अपने पशुओं को आवाज़ देता है, तो वे (पशु) उसकी आवाज़ तो सुनते हैं, परंतु उसकी बात नहीं समझते हैं। इसी तरह, वे (काफ़िर) सत्य को इस प्रकार सुनने से बहरे हैं कि उसका लाभ उठा सकें, गूंगे हैं, उनकी ज़बानें सच बोलने से मूक हैं, तथा सत्य को देखने से अंधे हैं। इसलिए वे उस मार्गदर्शन को नहीं समझते हैं जिसकी ओर आप उन्हें बुला रहे हैं।
阿拉伯语经注:
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا كُلُوْا مِنْ طَیِّبٰتِ مَا رَزَقْنٰكُمْ وَاشْكُرُوْا لِلّٰهِ اِنْ كُنْتُمْ اِیَّاهُ تَعْبُدُوْنَ ۟
ऐ अल्लाह पर ईमान रखने और उसके रसूल का अनुसरण करने वालो! उन अच्छी चीजों में से खाओ जो अल्लाह ने तुम्हें प्रदान की हैं और तुम्हारे लिए उन्हें अनुमेय किया है। तथा बाहरी और आंतरिक रूप से उन नेमतों के लिए अल्लाह का शुक्र अदा करो, जो उसने तुम्हें प्रदान की हैं। उसका शुक्र अदा करने में यह भी शामिल है कि उसकी आज्ञा का पालन करो तथा उसकी अवज्ञा से बचो, यदि तुम वास्तव में अकेले उसी की इबादत करते हो और उसके साथ किसी को साझी नहीं बनाते हो।
阿拉伯语经注:
اِنَّمَا حَرَّمَ عَلَیْكُمُ الْمَیْتَةَ وَالدَّمَ وَلَحْمَ الْخِنْزِیْرِ وَمَاۤ اُهِلَّ بِهٖ لِغَیْرِ اللّٰهِ ۚ— فَمَنِ اضْطُرَّ غَیْرَ بَاغٍ وَّلَا عَادٍ فَلَاۤ اِثْمَ عَلَیْهِ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟
अल्लाह ने तुमपर केवल ये खाने की चीज़ें हराम की हैं : वह जानवर जो शरई तरीक़े से ज़बह किए बिना मर जाए, बहता खून, सूअर का माँस और वह जानवर जिसे ज़बह करते समय अल्लाह के सिवा किसी और का नाम लिया गया हो। लेकिन यदि आदमी इनमें से कोई वस्तु खाने पर मजबूर हो जाए, जबकि वह उनमें से बिना आवश्यकता के खाकर अत्याचार करने वाला और ज़रूरत की सीमा से आगे बढ़ने वाला नहीं है; तो उसपर कोई दोष तथा दंड नहीं है। निःसंदेह अल्लाह अपने तौबा करने वाले बंदों को क्षमा करने वाला, उनपर दया करने वाला है। उसकी दया में से यह भी है कि उसने मजबूरी की हालत में इन हराम वस्तुओं को खाने की अनुमति प्रदान की है।
阿拉伯语经注:
اِنَّ الَّذِیْنَ یَكْتُمُوْنَ مَاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ مِنَ الْكِتٰبِ وَیَشْتَرُوْنَ بِهٖ ثَمَنًا قَلِیْلًا ۙ— اُولٰٓىِٕكَ مَا یَاْكُلُوْنَ فِیْ بُطُوْنِهِمْ اِلَّا النَّارَ وَلَا یُكَلِّمُهُمُ اللّٰهُ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ وَلَا یُزَكِّیْهِمْ ۖۚ— وَلَهُمْ عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟
निःसंदेह जो लोग अल्लाह की उतारी हुई किताबों और उनमें मौजूद सत्य और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की नुबुव्वत के संकेत (प्रमाण) को छिपाते हैं, जैसा कि यहूदी और ईसाई करते हैं, तथा वे इसे छिपाकर थोड़ा मुआवज़ा जैसे सरदारी, या पद (प्रतिष्ठा), या धन प्राप्त करते हैं; वे वास्तव में अपने पेटों में इसके सिवा कुछ नहीं खाते जो उनके आग से यातना दिए जाने का कारण होगा। तथा अल्लाह क़ियामत के दिन उनसे ऐसी बात नहीं करेगा, जो उन्हें पसंद हो, बल्कि ऐसी बात करेगा जो उन्हें बुरी लगे। तथा न उन्हें पवित्र करेगा और न उनकी प्रशंसा करेगा और उनके लिए दर्दनाक यातना है।
阿拉伯语经注:
اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ اشْتَرَوُا الضَّلٰلَةَ بِالْهُدٰی وَالْعَذَابَ بِالْمَغْفِرَةِ ۚ— فَمَاۤ اَصْبَرَهُمْ عَلَی النَّارِ ۟
जिन लोगों की विशेषता उस ज्ञान को छिपाना है जिसकी लोगों को आवश्यकता होती है, वही लोग हैं, जिन्होंने सच्चे ज्ञान को छिपाने के कारण हिदायत के बदले गुमराही और अल्लाह की क्षमा के बदले उसकी यातना को अपना लिया। तो ये लोग ऐसे कार्य को करने पर कितना धैर्य रखने वाले हैं, जो उनके लिए जहन्नम में प्रवेश करने का कारण बनता है, मानो कि वे उसमें पाई जाने वाली यातना की परवाह नहीं करते हैं, इस कारण उसपर धैर्य से काम ले रहे हैं।
阿拉伯语经注:
ذٰلِكَ بِاَنَّ اللّٰهَ نَزَّلَ الْكِتٰبَ بِالْحَقِّ ؕ— وَاِنَّ الَّذِیْنَ اخْتَلَفُوْا فِی الْكِتٰبِ لَفِیْ شِقَاقٍ بَعِیْدٍ ۟۠
ज्ञान और मार्गदर्शन को छिपाने का यह दंड इस कारण है कि अल्लाह ने ईश्वरीय पुस्तकों को सत्य के साथ उतारा है और इसकी अपेक्षा यह है कि उन्हें स्पष्ट किया जाए, न कि छिपाया जाए। निःसंदेह जिन लोगों ने ईश्वरीय पुस्तकों में मतभेद किया, चुनाँचे उनमें से कुछ पर ईमान लाए और उनमें से कुछ को छिपाया, निश्चय वे सत्य से बहुत दूर और विरोध में हैं।
阿拉伯语经注:
这业中每段经文的优越:
• أكثر ضلال الخلق بسبب تعطيل العقل، ومتابعة من سبقهم في ضلالهم، وتقليدهم بغير وعي.
• अक्सर लोगों की पथभ्रष्टता का कारण विवेक से काम न लेना, तथा अपने से पूर्व लोगों का उनकी गुमराही में अनुसरण करना और बिना सोचे-समझे उनकी नक़ल करना है।

• عدم انتفاع المرء بما وهبه الله من نعمة العقل والسمع والبصر، يجعله مثل من فقد هذه النعم.
• मनुष्य का अल्लाह की दी हुई सोचने-समझने, सुनने और देखने की नेमतों से लाभ न उठाना, उसे ऐसे व्यक्ति के समान बना देता है जिसने इन नेमतों को खो दिया हो।

• من أشد الناس عقوبة يوم القيامة من يكتم العلم الذي أنزله الله، والهدى الذي جاءت به رسله تعالى.
• क़ियामत के दिन सबसे कठोर दंड पाने वालों में से एक वह व्यक्ति है, जो अल्लाह के उतारे हुए ज्ञान और उसके रसूलों द्वारा लाए हुए मार्गदर्शन को छिपाता है।

• من نعمة الله تعالى على عباده المؤمنين أن جعل المحرمات قليلة محدودة، وأما المباحات فكثيرة غير محدودة.
• अल्लाह की अपने मोमिन बंदों पर नेमतों में से एक यह है कि उसने हराम (निषिद्ध) चीज़ों को कम और सीमित कर दिया है। जहाँ तक अनुमेय (जायज़) चीज़ों का संबंध है, तो वे बहुत अधिक और असीमित हैं।

 
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