《古兰经》译解 - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - 译解目录


含义的翻译 段: (125) 章: 塔哈
قَالَ رَبِّ لِمَ حَشَرْتَنِیْۤ اَعْمٰی وَقَدْ كُنْتُ بَصِیْرًا ۟
नसीहत से मुँह फेरने वाला यह व्यक्ति कहेगा : ऐ मेरे रब! आज तूने मुझे अंधा बनाकर क्यों उठाया, जबकि मैं दुनिया में दृष्टि वाला था।
阿拉伯语经注:
这业中每段经文的优越:
• الأدب في تلقي العلم، وأن المستمع للعلم ينبغي له أن يتأنى ويصبر حتى يفرغ المُمْلِي والمعلم من كلامه المتصل بعضه ببعض.
• ज्ञान प्राप्त करने में शिष्टाचार अपनाना चाहिए तथा ज्ञान के श्रोता को तब तक धैर्य रखना चाहिए जब तक कि शिक्षक अपनी आपस में मिली हुई बात पूरी न कर ले।

• نسي آدم فنسيت ذريته، ولم يثبت على العزم المؤكد، وهم كذلك، وبادر بالتوبة فغفر الله له، ومن يشابه أباه فما ظلم.
• आदम से भूल हुई, इसलिए उनकी संतान से भी भूल हुई। वह दृढ़ संकल्प पर डटे नहीं रहे, अतः उनकी संतान का भी यही हाल है। फिर उन्होंने जल्दी से तौबा कर ली और अल्लाह ने उनको क्षमा कर दिया। अतः उनकी संतान में से जो अपने पिता की तरह होगा, वह अत्याचारी नहीं होगा।

• فضيلة التوبة؛ لأن آدم عليه السلام كان بعد التوبة أحسن منه قبلها.
• तौबा की फ़ज़ीलत; क्योंकि आदम अलैहिस्सलाम तौबा के बाद पहले से बेहतर स्थिति में थे।

• المعيشة الضنك في دار الدنيا، وفي دار البَرْزَخ، وفي الدار الآخرة لأهل الكفر والضلال.
• काफ़िरों और पथभ्रष्टों के लिए दुनिया, बरज़ख़ और आख़िरत में तंग तथा कठिन जीवन है।

 
含义的翻译 段: (125) 章: 塔哈
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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